जैन मुनि तरुण सागर का निधन

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दिल्ली के कृष्णा नगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर से 28 किमी दूर तरुणसागरम तीर्थ पर हुआ अंतिम संस्कार

नई दिल्ली : विख्यात जैन मुनि तरुण सागर का निधन हो गया है. वे 51 साल के थे और पिछले कुछ दिनों से पीलिया से पीड़ित थे. जैन मुनि का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था और उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3.18 बजे अंतिम सांस ली.

बारिश के बावजूद जैन मुनि की अंतिम यात्रा में शामिल जनसमुदाय.

जैन मुनि ने इलाज से इनकार कर दिया था, जिससे बीमारी बढ़ गई. जैन मुनि तरुण सागर का अंतिम संस्कार दोपहर 3 बजे दिल्ली मेरठ हाइवे स्थित ‘तरुणसागरम तीर्थ’ पर हुआ. उनकी अंतिम यात्रा दिल्ली के कृष्णा नगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर से शुरू होकर 28 किमी दूर तरुणसागरम पर पहुंची. अंतिम यात्रा में भारी संख्या में जैन समुदाय समेत अनेक गणमान्य लोग शामिल थे. बारिश के दौरान भी यात्रा नहीं रुकी.

अपने कड़वे प्रवचनों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले जैन मुनि तरुण सागर का जन्‍म मध्यप्रदेश के दमोह में 26 जून, 1967 को हुआ था. पिता का नाम प्रताप चंद्र और मां का नाम शांतिबाई था. जैन मुनि तरुण सागर ने आठ मार्च, 1981 को घर छोड़ दिया और छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली थी.

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