कैश संकट फिर? 3 दिन बंद रहेंगे बैंक!
नई दिल्ली : हाल ही के कैश संकट से जूझने के बाद एक बार फिर कैश संकट की आशंका से लोग परेशान हो रहे हैं. इसका कारण है इस महीने के अंतिम तीन दिन बैंकों में अवकाश का होना. लोगों को आशंका है कि एक बार फिर इसका सीधा असर एटीएम सेवाओं पर पड़ सकता है.
28 अप्रैल को महीने का चौथा शनिवार होने की वजह से बैंकों में छुट्टी रहेगी. 29 अप्रैल को रविवार का साप्ताहिक अवकाश के चलते बैंक बंद रहेंगे. 30 अप्रैल को सरकार की ओर से बुद्ध पूर्णिमा पर अवकाश घोषित है. यह कोषागारों के लिए भी स्वीकृत है. साफ है महीने के अंतिम तीन दिन बैंक बंद रहेंगे और शुक्रवार 27 अप्रैल तक ही एटीएम में कैश डाला जाएगा.
पिछले दिनों जिस तरह का कैश संकट रहा, बैंकों के तीन दिन बंद रहने से कैश संकट फिर सामने न आए, इसका इंतजाम करने की अपेक्षा की जा रही है. बताया जा रहा है कि इन दिनों भी एटीएम में क्षमता से आधा ही कैश डाला जा रहा है. बैंक एटीएम में पर्याप्त कैश नहीं डाला जाता है तो अवकाश के दिनों में एटीएम जल्दी खाली होने की पूरी संभावना रहेगी.
सीजेआई पर कांग्रेस का महाभियोग प्रस्ताव खारिज
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा- सभी आरोप गलत हैं
नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने उच्चत्तम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पद से हटाने संबंधी कांग्रेस तथा अन्य दलों की ओर से दिए गए महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. उपराष्ट्रपति ने नोटिस पर अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल सहित संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ सोमवार को इस मामले को लेकर विचार-विमर्श किया था.
पांचों आरोप और उसके दस्तावेज तथ्यहीन
नोटिस को खारिज करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. उन्होंने कहा कि, 'मैंने प्रस्ताव में प्रधान न्यायाधीश पर लगाए गए पांचों आरोपों और उसके संबंध में पेश किए गए दस्तावेजों को परखा. कोई भी तथ्य सीजेआई के खराब बर्ताव की पुष्टि नहीं करता है.'
सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस
महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस के ठुकराए जाने के बाद कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. कांग्रेस की ओर से पहले ही ये कह दिया गया था कि यदि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ दिए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ठुकराते हैं तो पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है.
प्रस्ताव के ठुकराए जाने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने प्रस्ताव के ठुकराए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति ने वैसा ही किया जैसी उन्हें उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि वेंकैया नायडू ने अपने दौरे से लौटते ही फैसला सुना दिया. कांग्रेस के नेता पी.एल पुनिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'ये एक बेहद गंभीर मसला है. हमें नहीं पता कि किस आधार पर नोटिस को खारिज किया गया. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मालमे को लेकर कानून के किसी जानकार से सलाह लेंगे, उसके बाद आगे उठाए जाने वाले कदम के बारे में सोचा जाएगा.'
कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने दिया था नोटिस
उल्लेखनीय है कि पिछले शुक्रवार, 21 अप्रैल को कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति नायडू को न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नोटिस दिया था. वेंकैया नायडू अगर इस नोटिस को स्वीकार करते तो प्रक्रिया के नियमों के अनुसार विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए न्यायविदों की तीन सदस्यों की एक समिति का गठन किया जाता. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाती.
बाप : दलित राजनीति के अखाड़े पर नई पार्टी का उदय
आईआईटी के 50 छात्रों ने एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकारों के लिए बनाई एक राजनीतिक पार्टी
नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले जातीय समूहों अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग (एससी, एसटी, ओबीसी) को साधने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, सहित अन्य क्षेत्रीय पार्टियों में समाजवादी पार्टी (सपा), अकाली दाल, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यू समेत अनेक राजनीतिक दलों की सक्रियता में अब जल्द ही बड़ा सेंध लगने जा रहा है.
"बहुजन आजाद पार्टी" यानि "बाप"
देश सबसे प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के 50 पूर्व छात्रों ने एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए अपनी नौकरियां छोड़कर एक राजनीतिक पार्टी बनाई है. इन्हीं जाति समूहों से सम्बद्ध इन युवकों की "बहुजन आजाद पार्टी" यानि "बाप" अब भारतीय राजनीतिक क्षितिज पर जल्द ही अपनी चमक बिखेरने के लिए तैयार है. अरविंद केजरीवाल की पार्टी "आप" की तर्ज पर "बाप" का यह नामकरण भी कम दमदार नहीं है.
नवीन कुमार, संपथ कुमार बनोथ और विक्रांत वत्सल की तिकड़ी
अब समाजसेवा के साथ-साथ राजनीति को एक अच्छा करियर बनाने में जुटे युवाओं की यह टुकड़ी आने वाले दिनों में राष्ट्रीय दलों के लिए कौन सा पैगाम लाती है, यह देखना दिलचस्प होगा. इस नए विचार के थिंक टैंक नवीन कुमार के साथ संपथ कुमार बनोथ और विक्रांत वत्सल की तिकड़ी अपनी नई पार्टी को आकार देने में जुट गए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग में में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दे दिया है और मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं.
ब्यूरोक्रेट्स और अन्य पदों पर तैनात लोग भी आए हैं राजनीति में
पिछले कुछ सालों में ब्यूरोक्रेट्स और अन्य पदों पर तैनात लोग द्वारा अच्छी खासी नौकरी छोड़कर राजनीति में सफलता के झंडे गाड़े हैं, इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम सबसे आगे हैं. अब प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के 50 पूर्व छात्रों ने एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए अपनी नौकरियां छोड़कर एक राजनीतिक पार्टी बना ली है.
पार्टी के लिए अपनी पूर्णकालिक नौकरियां छोड़ीं
चुनाव आयोग की मंजूरी का इंतजार कर रहे इस समूह ने अपने राजनीतिक संगठन का नाम ‘बहुजन आजाद पार्टी’ (BAP) रखा है. इस समूह के नेतृत्वकर्ता और वर्ष 2015 में आईआईटी (दिल्ली) से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुके नवीन कुमार ने बताया कि उनका 50 लोगों का एक समूह है. सभी अलग-अलग आईआईटी से हैं. और इन सभी ने पार्टी के लिए काम करने की खातिर अपनी पूर्णकालिक नौकरियां छोड़ी हैं. नवीन ने बताया कि हमने मंजूरी के लिए चुनाव आयोग में अर्जी डाली है और इस बीच जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं.
निशाना है 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव
नवीन ने बताया कि वे आनन-फानन में चुनावी मैदान में नहीं कूदना चाहते. उनका मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम जल्दबाजी में कोई काम नहीं करना चाहते और हम बड़ी महत्वाकांक्षा वाला छोटा संगठन बनकर रह जाना नहीं चाहते. हम 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से शुरुआत करेंगे और फिर अगले लोकसभा चुनाव का लक्ष्य तय करेंगे.’
सोशल मीडिया...
राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पर देश में ‘सार्थक चुनाव’ पर मंथन
नागपुर : पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) नागपुर चैप्टर की ओर से 'राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस' का आयोजन यहां दर्डा आर्ट गैलरी, लोकमत भवन में शनिवार, 21 अप्रैल को संपन्न हुआ. इस वर्ष का थीम था- "भारतीय लोकतंत्र : सार्थक चुनाव का मंत्र" (Indian Democracy : Mantra for Effective Elections).
पीआरएसआई के नागपुर चैप्टर के इस समारोह की अध्यक्षता नागपुर- अमरावती विभाग के सूचना एवं जनसंपर्क संचालक आर.बी. मुली ने की. आयोजन में सुप्रसिद्ध चिंतक असित सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
आरंभ में अतिथियों और आमंत्रितों का स्वागत के साथ ही प्रास्ताविक पीआरएसआई नागपुर चैप्टर के अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने किया. कार्यक्रम का संचालन अतुल त्रिवेदी ने एवं धन्यवाद ज्ञापन सुधीर जाधव ने किया.
इस अवसर पर संस्था की गतिविधियों में उत्कृष्ट योगदान के लिए पीआरएसआई के उपाध्यक्ष एम.एम. देशमुख एवं अशोक कोल्हटकर, जनसंपर्क अधिकारी नागपुर महानगर पालिका, नागपुर का बेस्ट पीआरओ के रूप में सत्कार भी किया गया.
प्रारंभ में "प्रहार" के संस्थापक स्वर्गीय कर्नल सुनील देशपांडे को दो मिनट मौन रख कर श्रद्धाजंलि अर्पित की गई.
नागपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला सूचना अधिकारी अनिल गडेकर, महाजेनको के पीआरओ यशवंत मोहिते, महावितरण के पीआरओ योगेश विटंकर,श्रीमती शोभा धनवटे, अन्य जनसंपर्क कर्मी एवं शुभचिंतक सपरिवार शामिल हुए.
गढ़चिरोली जिले में 14 नक्सलियों का खात्मा
बोरिया जंगल में सी-60 पुलिस दल पर हुए नक्सली हमले के बाद जवाबी कार्रवाई, 38 वर्षों में तीसरी बड़ी सफलता
गढ़चिरोली (महाराष्ट्र) : नक्सलवाद विरोधी अभियान के अंतर्गत पुलिस ने यहां पिछले 34 वर्षों में तीसरी बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस कार्रवाई में आज रविवार, 22 अप्रैल को भामरागढ़-एटापल्ली तहसील के सीमावर्ती बोरिया जंगल में सी-60 पुलिस दल पर हुए नक्सली हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में 14 नक्सली मारे गए.
मृतकों में नक्सल कमांडरों के भी होने का अनुमान
मृत नक्सलियों में नक्सल जोनल समिति के सदस्य साईनाथ, सिनु और अन्य कई कमांडरों के भी शामिल होने का अनुमान है. इससे पूर्व इसी माह 3 अप्रैल को पुलिस ने 3 नक्सलियों को मार गिराया था. इस वर्ष जनवरी से आज तक की पुलिस कार्रवाई में कुल 21 नक्सली मारे जा चुके हैं.
9.30 बजे शुरू हुई मुठभेड़ दोपहर 2 बजे ख़त्म हुई
सुबह करीब 9.30 बजे शुरू हुई यह मुठभेड़ दोपहर 2 बजे ख़त्म हुई. नक्सल विरोधी अभियान के महानिरीक्षक शरद शेलार से प्राप्त जानकारी के अनुसार भागरागढ़ पुलिस स्टेशन की सीमा स्थित बोरिया जंगल में नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस दल के जवान गश्त पर थे. इसी बीच सुबह 9.30 बजे पुलिस दल पर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी.
हमला होते ही जवानों ने मोर्चा संभाला
महानिरीक्षक शेलार के अनुसार पुलिस दल को पहले से क्षेत्र में नक्सलियों के होने की जानकारी थी. इसलिए जवान पहले से सतर्क थे. नक्सलियों की ओर से हमला होते ही जवानों ने मोर्चा संभाल लिया और जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. सुबह 9.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक चली कार्रवाई में नक्सली अपने मृत और जख्मी साथियों को ले कर पीछे हटने लगे. इसके बाद पुलिस ने तलाशी शुरू की तो 2 बजे तक वे पुलिस दल पर गोलीबारी करते रहे.
बाद में पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से नक्सलियों के 14 शव और हथियार एवं अन्य सामग्रियां बरामद की. मृत नक्सलियों में नक्सल जोनल समिति के सदस्य साईनाथ, सिनु और अन्य कई कमांडरों के भी शामिल होने का अनुमान है.
मृत नक्सलियों के शवों को हेलिकॉप्टर से गढ़चिरोली लाया गया
कार्रवाई की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिनव देशमुख हेलिकॉप्टर से भामरागढ़ के लिए रवाना हुए. सभी मृत नक्सलियों के शवों को उसी हेलिकॉप्टर से गढ़चिरोली लाया गया है. उपमहानिरिक्षक अंकुश शिंदे ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से आज तक की पुलिस कार्रवाई में कुल 21 नक्सली मारे जा चुके हैं.
पिछले 38 वर्षों में नक्सल विरोधी अभियान के सी-60 पुलिस दल की यह तीसरी बड़ी सफलता है. इससे पूर्व 2013 में अहेरी तहसील के गोविंदगांव में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 6 नक्सली मारे गए थे. उसके बाद 6 दिसंबर 2017 को सिंरोंचा तहसील के कल्लेड में 7 नक्सलियों को मार गिराया गया था.
रेप के दोषियों को फांसी देने के लिए अध्यादेश, 2 महीने में पूरी करनी...
प्रधानमंत्री आवास पर चली ढाई घंटे की बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने लिया बच्चियों से रेप की बढ़ती घटनाओं पर बड़ा फैसला
अध्यादेश के प्रावधान
- 12 साल से कम उम्र के बच्चों से रेप के दोषी को मिलेगी मौत की सजा
- तेज होगी जांच और सुनवाई, समयसीमा निर्धारित कर दी गई है, जो 2 महीने है
- 16 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप पर अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं
- 12 साल से कम उम्र की बच्ची से गैंगरेप पर ताउम्र जेल या मौत की सजा
- महिला से रेप मामले में न्यूनतम सजा 7 साल से बढ़ाकर 10 साल, इसे उम्रकैद में भी बदला जा सकता है
नई दिल्ली : भारत सरकार ने नाबालिग बच्चियों से रेप के मामलों पर कठोर निर्णय लेते हुए पॉकसो एक्ट में बदलाव पर मुहर लगा दी है. प्रधानमंत्री आवास पर शनिवार, 21 अप्रैल को चली ढाई घंटे की बैठक में यह फैसला लिया गया कि रेप के दोषियों को फांसी देने के लिए अध्यादेश लाया जाएगा. इस बैठक में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में दोषियों को मौत की सजा का रास्ता साफ हो गया. इसे मंजूरी के लिए अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
जांच तेजी से 2 महीने में पूरी की जाएगी
इसके अलावा इस बैठक में यह निर्णय भी लिया गया है कि ऐसे मामलों में जांच तेजी से 2 महीने में पूरी की जाएगी. आपको बता दें कि रेप की हाल की घटनाओं के बाद देश में काफी गुस्सा व्याप्त है. जनता बार-बार इस तरह के मामलों में कठोर से कठोर सजा दिए जाने की मांग भी लगातार करती रही है. इसी जनभावना का सम्मान करते हुए केंद्र ने यह फैसला लिया है.
पॉक्सो के मौजूदा प्रावधान
पॉक्सो के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, दुष्कर्म के दोषियों के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है और न्यूनतम सात साल की जेल है. 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आता है. इसके तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है. यह कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फांसी की सजा पर मुहर
गौरतलब है कि देश के कुछ राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में केबिनेट ने 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप के मामलों में फांसी की सजा पर मुहर लगा दी है. हालांकि इन्हें अभी राष्ट्रपति से मंजूरी मिलना बाकी है, लेकिन इससे यह बात साफ हो गई है कि राज्य भी इसको लेकर काफी सख्त रुख अपना चुके हैं.
रेप में कब फांसी
इसके अलावा आईपीसी की धारा-376 ए के तहत प्रावधान किया गया कि अगर रेप के कारण महिला मरने जैसी स्थिति में चली जाए तो दोषी को अधिकतम फांसी की सजा हो सकती है. साथ ही गैंग रेप के लिए 376 डी के तहत सजा का प्रावधान किया गया, जिसके तहत कम से कम 20 साल और ज्यादा से ज्यादा उम्रभर के लिए जेल का प्रावधान किया गया. साथ ही...
दो घंटे पूजा करने के बदले बेटियों को पुलिस अधिकारी, तहसीलदार बनाने का प्रयास...
'सत्यपाल महाराज की सत्यवाणी' : हजारों श्रद्धालुओं का सत्यपाल महाराज ने किया कोंढाली में समाज प्रबोधन
संवाददाता
कोंढाली (नागपुर) : रोज दो घंटे पूजा करने बजाय अपनी बेटियों को पुलिस अधिकारी, तहसीलदार बनाने का प्रयास करना जरूरी है, लड़कियों को पढ़ाना जरूरी है. आज दुनिया चाँद पर जा रही है और हम यहां अपने ऊपर देवी आने का स्वांग रचाने में ही अपनी बड़ाई मानने और मनवाने में ही लगे हैं. हम एक ओर संतों की जयंती मनाते हैं और दूसरी ओर हमारे युवा बेटे डीजी बजाकर उसकी कर्कश धुन में नाचकर जश्न मनाते हैं. जबकि संतों की जयंती के अवसर पर नाचने की बजाय उनके बताए मार्ग का चिंतन करना और उस पर आचरण करना जरूरी है.
यह सारे विचार आज शनिवार, 21 अप्रैल को यहां महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध समाज सुधारक संत सत्यपाल महाराज ने अपने चिर-प्रचलित विनोदी शैली में व्यक्त करते हुए भक्ति और पूजा-पाठ की जगह ढोंग और दिखावे पर करारा प्रहार किया. वे यहां 'सत्यपाल महाराज की सत्यवाणी' समाज प्रबोधन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.
यह कार्यक्रम स्थानीय श्रीसंत गोरबा काका कुंभार बहुउद्देशीय संस्था, कोंढाली तथा दुर्गा उत्सव मंडल, कुंभारपुरा द्वारा गोरबा काका पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया था.
कोंढाली के स्थानीय देशमुख वाड़े में रात 9 बजे आरंभ हुए समाज प्रबोधन में भारी संख्या में श्रद्धालु एवं श्रोता उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ सत्यपाल महाराज के हाथों कोंढाली के पूर्व सरपंच सोमराज पालिवाल तथा कोंढाली के थानेदार पुरुषोत्तम अहेरकर की उपस्थिति में डीप प्रज्वलन कर तथा संत गोरबा काका की प्रतिमा का पूजन कर किया गया.
कार्यक्रम की प्रस्तावना सचिन सावरकर ने किया. उन्होंने बताया कि संत गोरबा महाराज ने संत ज्ञानेश्वर की संत परंपरा को कायम रखा तथा समाज को भक्ति का मार्ग दिखाकर समाज प्रबोधन किया. इसीलिये आज समाज प्रबोधन के लिए सत्यपाल महाराज की सत्यवाणी कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
सत्यपाल महाराज ने लगभग दो घंटे तक लगातार समाज प्रबोधन कर कहा कि संत गोरबा काका जैसे संतों के बताए मार्ग पर चलना और आचरण करना जरूरी है. किसानों की आत्महत्याओं की ओर ध्यान दिलाते हुए सत्यपाल महाराज ने कहा कि किसानों को समस्या का मुकाबला करना चाहिए समस्याओं भागने के लिए जान देने की जरूरत नहीं है.
कार्यक्रम की सफलता के लिए संत गोरबा काका बहुउद्देशीय संस्था के सभी पदाधिकारी तथा सदस्यों ने परिश्रम लिया.
नागपुर एजी ऑफिस के दो ऑडिटकर्मी वाशिम में रिश्वत लेते सीबीआई की गिरफ्त में
ग्रामपंचायत की ऑडिट रिपोर्ट अच्छी श्रेणी का देने के लिए की थी रिश्वत की मांग
नागपुर : वाशिम जिले के काटा ग्रामपंचायत की ऑडिट रिपोर्ट को बढ़िया श्रेणी देने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाले केंद्र सरकार के नागपुर स्थित महालेखाकार कार्यालय (एकाउंटेंट जेनरल, एजी) के दो लेखा अधिकारयों महेंद्र जोगेश्वर शुक्ला (वरिष्ठ लेखाधिकारी) और विजय आनंदराव नंदनवार (लेखाधिकारी) को वाशिम के एक होटल से गुरुवार, 19 अप्रैल को सीबीआई की नागपुर की टीम ने गिफ्तार किया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार काटा की पंचायत समिति और ग्रामपंचायत के एक अधिकारी से दोनों लेखाधिकारियों शुक्ला और नंदनवार ने मनमाफिक ऑडिट रिपोर्ट देने और ऑडिट रिपोर्ट में न्यूनतम आपत्तियां दर्शाने के लिए 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की.
ग्रामपंचायत के कार्य ठीकठाक होने और कोई गड़बड़ी नहीं होने के बावजूद अच्छी रिपोर्ट के लिए रिश्वत मांगने की उनकी हमेशा की इस आदत पर उक्त अधिकारी ने सीबीआई की नागपुर यूनिट के अधीक्षक विजयेंद्र बिदारी से शिकायत की. शिकायत की जांच करवाने के बाद सीबीआई अधीक्षक ने अपने स्थानीय अधिकारियों को कार्रवाई का आदेश दिया.
सीबीआई टीम की रणनीति के अनुसार पंचायत के काम का ऑडिट करने के बाद रिश्वत की रकम लेने के लिए शिकायतकर्ता ने शुक्ला और नंदनवार को वाशिम के एक होटल में बुलाया. गुरुवार की दोपहर होटल में रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए सीबीआई की टीम ने दोनों को धर-दबोचा. प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों से पूछताछ और आगे की कार्रवाई सीबीआई टीम ने पूरी कर ली है.
रिश्वत के लिए एजी आफिस के इन दो ऑडिटरों की गिरफ्तारी यहां यहां महालेखाकार कार्यालय पहुंचते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया. सभी अधिकारी एवं ऑडिटरों को मानो सांप सूंघ गया है.
बुटीबोरी को मिला नगर परिषद का दर्जा, जिला परिषद चुनाव फिर बाधित
नागपुर : राज्य शासन ने बुटीबोरी ग्रामपंचायत को नगर परिषद का दर्जा प्रदान कर दिया है. पिछले बुधवार, 18 अप्रैल को शासन ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दिया. बुटीबोरी के लिए राज्य शासन की ओर से आपत्तियां मंगाई गई थीं. किन्तु इस संबंध में किसी प्रकार की आपत्ति नहीं आने पर बुटीबोरी को नगर परिषद का दर्जा प्रदान कर दिया गया. लेकिन, इससे नागपुर जिला परिषद के चुनाव की प्रक्रिया में एक बार फिर से बाधा पहुंचने की संभावना पैदा हो गई है.
हालांकि आरक्षण संबंधी विवाद को लेकर पहले भी नागपुर जिला परिषद का चुनाव पिछले वर्ष टल चुका है. जि.प. के पूर्व सदस्य बाबा आष्टनकर की आरक्षण संबंधी एक याचिका हाईकोर्ट में लंबित है. इस पर फैसला आगामी मंगलवार, 23 अप्रैल को आने की संभावना है. सर्किल आरक्षण को लेकर उत्पन्न विवाद अब जब दूर होने की कगार पर पहुंच चुका है तो बुटीबोरी नगरपरिषद को लेकर सर्किल संरचना को नए सिरे से अधिसूचित करने का मामला सामने आ गया है.
बुटीबोरी को 1958 में ग्रामपंचायत का दर्जा मिला था. 29 हजार की जनसंख्या वाले इस ग्रामपंचायत में बुटीबोरी, रेंगापार, बोरखेड़ी (फाटक) गांवों का समवेश था. अब ग्रामपंचायत से नगर परिषद का दर्जा मिलने से बुटीबोरी के क्षेत्र का और जनसंख्या का भी विस्तार होगा. इसके लिए आसपास के अन्य ग्रामपंचायतों को भी इसमें शामिल किया जाएगा. नागपुर के जिलाधिकारी ने पिछले वर्ष 3 अगस्त को इसके लिए राज्य शासन से सिफारिश किया था.
यद्यपि राज्य चुनाव आयोग की ओर से आरक्षण संबंधी विवाद के मद्देनजर फिर से सर्किल के अनुसार पिछले 3 अप्रैल को ही आरक्षण की घोषणा कर दी गई है, तथापि इसके बाद 18 अप्रैल को बुटीबोरी को नगरपरिषद का दर्जा देने की अधिसूचना जारी कर दिए जाने के कारण एक बार फिर से सर्किलों की आरक्षण को अद्यतन करने की जरूरत होगी. इसमें हालांकि अधिक समय नहीं लगेगा, फिर भी चुनाव प्रक्रिया आरम्भ करने में बाधा तो आएगी ही.
पिछले वर्ष पूरे राज्य में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव संपन्न हुए. किन्तु नागपुर जिला परिषद और जिले की पंचायत समितियों के चुनाव सर्किल आरक्षण विवाद के अदालत में पहुंच जाने से यह चुनाव टाल दिए गए थे. अब बुटीबोरी को लेकर भी चुनाव प्रक्रिया नए सिरे से आरंभ करनी पड़ेगी.
वर्धा और सेवाग्राम रेल्वे स्टेशनों के अनाधिकृत वेंडरों पर कार्रवाई
ट्रेनों और स्टेशन परिसर में बेच रहे थे खाद्यपदार्थ, उड़ान पुल पर भी चला रहे थे धंधा
रवि लाखे
वर्धा : स्थानीय रेल्वे सुरक्षा बल के जवान सहित नागपुर से आए विशेष पथक ने गुरुवार को वर्धा और सेवाग्राम रेल्वे स्टेशन परिसर पर अचानक छापा मार कर 12 अनाधिकृत वेंडरों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें स्थानक परिसरों से हटाया. इतना ही नहीं वर्धा रेल्वे सुरक्षा दल के जवानों ने रेल्वे उड़ान पुल पर धंधा करने वाले 6 लोगों पर भी कार्रवाई की.
रेल्वे विभाग से बिना अनुमति लिए ट्रेनों में और रेल्वे स्थानक परिसर में खाद्यपदार्थों की बिक्री करने के अपराध में 12 अवैध वेंडरों पर यह कार्रवाई की गई. नागपुर से आए विशेष पथक और वर्धा के रेल्वे सुरक्षा बल के अधिकारी व कर्मचारियों ने अनाधिकृत वेंडरों पर रेल्वे अधिनियम की धारा 144 के तहत कार्रवाई की.
उड़ान पल पर रेल्वे के नियमों के ठेंगा दिखाते हुए धंधा करने वाले 6 वेंडरों के विरुद्ध वर्धा रेल्वे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने धारा 147 के तहत कार्रवाई करते हुए उन सभी के विरुद्ध भी अपराध दर्ज किए गए.
यह कार्रवाई मध्य रेल्वे नागपुर के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ज्योति कुमार सतीजा के मार्गदर्शन में वर्धा रेल्वे सुरक्षा बल के थानेदार सुरेश कांबले, पुलिस उपनिरीक्षक सचिन दलाल, ए.के. बारले सहित नागपुर के विशेष पथक के अधिकारियों औ कर्मचारियों ने किया.