कहां गई कर्ज माफी : चुका नहीं पाया कर्ज, फांसी पर झूल गया गोवर्धन

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नई फसल के लिए बिना पुराना कर्ज चुकाए बैंक नया कर्ज देने से कर चुका था था इंकार

मनीष मुंधड़ा
धामणगांव रेल्वे :
कर्जमाफी और अनुदान को लेकर शासन की घोषणाओं के बावजूद किसान इस दुष्टचक्र से मुक्त नहीं हो पा रहा है. फसल कर्ज में डूबा किसान फिर से फसल की बुआई के लिए पैसे कहां से लाए, इस समस्या का कोई हल जब उसे नहीं मिल पाता है तो फांसी पर झूल जाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प उसे नहीं सूझता. ऐसी ही आज की एक घटना ने परिसर के किसानों और सामान्य लोगों को फिर यहां भीतर तक हिला कर रख दिया है.

तहसील के अंजनसिंगी के किसान गोवर्धन तुकाराम गावंडे (45) ने आज मंगलवार को उन्हीं परिस्थितयों में अपनी जान दे दी. उसके पास अंजनसिंगी में ही पिता की अर्जित 4 एकड़ खेती है, जिसका सर्वे क्रमांक 122 है. अंजनसिंगी की भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से उसने 2016 में 61 हजार रुपए का कर्ज लिया था. लगातार फसल के बर्बाद हो जाने और फसल के लिए लिया गया कर्ज चुका पाने में असमर्थ होने के कारण वह परेशान था. बिना पहला कर्ज चुकाए दूसरा कर्ज उसे बैंक वाले देने से मना कर चुके थे.

सुबह 7 बजे के दरम्याम के खेत में काम कर रही एक महिला ने गोवर्धन को आम के पेड़ से लटकता हुआ देखा. वह पास पहुंची तो पाया कि उसके प्राण जा चुके थे. उसने इसकी जानकारी गांव वालों को दी. पुलिस को सूचना मिली तो कुऱ्हा पुलिस जांच के लिए पहुंची. वामन गुणाजी गावंडे ने पुलिस को बताया कि कर्ज चुका नहीं पाने के कारण गोवर्धन ने जान दे दी है.

प्राथमिक अनुमान के आधार पर पुलिस ने मर्ग दाखिल कर लिया और उसका पार्थिव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. गोवर्धन अपने पीछे अपनी वृद्ध माता-पिता, पत्नी, दो पुत्री और एक पुत्र का शोकाकुल परिवार छोड़ गया.

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