नई दिल्ली : विमानन नियामक (एविएशन रेग्युलेटर) डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने यात्रियों को विमान कंपनियों की सेवा में कमी से उत्पन्न होने वाली असुविधाओं के लिए कुछ मुआवजों का प्रस्ताव किया है. इनके तहत जैसे आप अपने फर्स्ट फ्लाइट में देरी या उसके कैंसल होने से कनेक्टिंग फ्लाइट नहीं पकड़ पाते तो हैं, तो एयरलाइन कंपनी को आपको 20,000 रुपए तक हर्जाना देना पड़ सकता है. हालांकि विमानन कंपनियों ने इन प्रस्तावों का विरोध किया है.
उल्लेखनीय है कि डीजीसीए ने पहली बार पहली फ्लाइट में देरी के चलते कनेक्टिंग फ्लाइट मिस होने पर पैसेंजर्स को (फ्लाइट में देरी के घंटों के हिसाब से) 20,000 रुपए तक मुआवजा देने का प्रस्ताव किया है. इतना ही मुआवजा उन्हें भी देने का प्रपोजल है, जिनकी पहली फ्लाइट रद्द होने के चलते कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाएगी. डीजीसीए ने यह भी कहा है कि टारमाक पर दो घंटे से ज्यादा की देरी होने पर पैसेंजर्स को प्लेंस से उतारना होगा.
टिकट होने पर भी विमान में सवार नहीं किया तो 5 हजार का हर्जाना
डीजीसीए ने यात्रियों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को परिभाषित करने वाले पैसेंजर चार्टर में इसे शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. अंग्रेजी दैनिक ‘इकोनामिक टाइम्स’ के मुताबिक अगर किसी पैसेंजर को टिकट होने के बावजूद विमान में सवार होने नहीं दिया जाता है तो एयरलाइन को उसे 5,000 रुपए का मुआवजा देना होगा.
विमानन कंपनियों ने किया विरोध
इन कदमों का इंडिगो, जेट एयरवेज, स्पाइसजेट और गोएयर जैसे मेंबर्स वाले फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (एफआईए) के अलावा विस्तारा और एयरएशिया इंडिया जैसे गैर एफआईए सदस्यों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि कई बार फ्लाइट ओवरबुक होने पर पैसेंजर को बोर्डिंग की इजाजत नहीं दी जाती, लेकिन आमतौर पर ऐसी देरी कोहरे वाले दिनों में होती है, इसलिए एफआईए ने चार्टर के मौजूदा नॉर्म्स बनाए रखने का सुझाव दिया है, जिसमें मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं, विस्तारा ने इंटरननेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए हर्जाना अलग-अलग तय करने को कहा है.
विस्तारा ने एविएशन मिनिस्ट्री और डीजीसीए को लिखा है, ‘इन सूरतों में एयरलाइन की जिम्मेदारी तभी बनती है, जब कनेक्शन एक ही टिकट या पीएनआर पर होता है. इसमें कैश कंपनसेशन तय लिमिट में खाने-पीने और होटल पेमेंट के लिए होना चाहिए, अगर ये सुविधाएं एयरलाइन कंपनी अपनी तरफ से पैसेंजर को नहीं मुहैया कराती हैं.’
एफआईए और दूसरे एयरलाइंस ने उस प्रपोजल पर भी ऐतराज किया है, जिसमें फ्लाइट रद्द होने से 24 घंटे पहले बताने या टिकट का पूरा पैसा वापस देने का प्रपोजल दिया गया है.