मुबंई : भगोड़ा घोषित कर दिए गए मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह आज, शुक्रवार को ठाणे कोर्ट के सामने पेश हुए. पेशी के बाद अदालत ने उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिया. साथ ही उन्हें ठाणे पुलिस को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया. उनके विरुद्ध यह वारंट 15 हजार रुपए के निजी मुचलके और पर्सनल बॉन्ड भरवाने के बाद रद्द किया गया. हाल ही में ठाणे कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी कर परमबीर को भगोड़ा घोषित किया था.एक समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.
शुक्रवार की सुबह करीब 10:30 बजे IPS अधिकारी परमबीर सिंह अपने वकील के साथ ठाणे पुलिस थाने पहुंचे. इस दौरान जोनल पुलिस आयुक्त अविनाश अंबुरे भी थाने में मौजूद थे.
Maharashtra: Former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh leaves Thane Court.
The Court cancelled the non-bailable warrant against him after he appeared before them. Court directed him to cooperate with Thane Police in investigation. pic.twitter.com/nkXeRe69U0
— ANI (@ANI) November 26, 2021
यह था पूरा मामला
ज्ञातव्य है कि ठाणे नगर थाना पुलिस ने जुलाई में बिल्डर केतन तन्ना की शिकायत पर परमबीर और अन्य 28 के खिलाफ रंगदारी का केस दर्ज किया था. इस मामले में की समन भेजे जाने पर भी अदालत में उपस्थित नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था. हाल ही में कोर्ट ने परमबीर को भगोड़ा घोषित किया था. कई महीनों तक वे लापता चल रहे थे. लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगाने के अचानक बाद वे गुरुवार को मुंबई पहुंचे.
मुंबई आने के बाद वे गुरुवार को सुबह 11 बजे कांदिवली पुलिस स्टेशन गोरेगांव एक्सटॉर्शन केस की जांच में शामिल होने के लिए पहुंचे. वहां मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रंगदारी के एक अन्य मामले में उनसे करीब 7 घंटे तक पूछताछ की गई.
उल्लेखनीय है कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर तत्कालीन गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार और कदाचार के गंभीर आरोप लगाए थे.
इस चिट्ठी के बाद परमबीर सिंह पर महाराष्ट्र में करप्शन और एक्सटॉर्शन के छह मामले दर्ज किए गए. 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह को 17 मार्च को मुंबई पुलिस के कमिश्नर पद से हटा दिया गया था.
परमबीर सिंह करीब 7 महीने के बाद गुरुवार को मुंबई पहुंचे हैं. कोर्ट ने 100 करोड़ की वसूली के मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा था. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने परमरबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.