#Me Too : नप गए अकबर, देना पड़ा इस्तीफा

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20 महिलाएं उनके विरुद्ध पटियाला हाउस कोर्ट में गवाही देने को हैं तैयार

नई दिल्ली : यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे एम.जे. अकबर ने बुधवार को विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उनके खिलाफ अब तक 17 महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. 20 महिलाएं उनके खिलाफ गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में गवाही देने के लिए तैयार हैं.

आरोपों से घिरे अकबर पर पिछले एक हफ्ते से इस्तीफे का दबाव था. इस बीच, ‘#Me Too’ कैंपेन के तहत सामने आने रहे मामलों की जांच के लिए सरकार रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाने की बजाए मंत्रियों का एक समूह गठित करने पर विचार कर रही है. यह मंत्री समूह किसी वरिष्ठ महिला मंत्री के नेतृत्व में बनेगा.

पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई कल
प्रिया रमानी के खिलाफ अकबर ने मानहानि का मुकदमा किया है. इस पर गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी. प्रिया के एक ट्वीट के बाद से ही अकबर के खिलाफ आरोपों का सिलसिला शुरू हुआ था. अकबर ने 97 वकीलों को हायर किया है, इनमें से 6 अकबर की पैरवी करेंगे.

महिला पत्रकारों ने कहा- इस लड़ाई में प्रिया अकेली नहीं
20 महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, “प्रिया रमानी इस लड़ाई में अकेली नहीं हैं. हम मानहानि मुकदमे की सुनवाई कर रही अदालत से अनुरोध करते हैं कि यौन उत्पीड़न से जुड़ी हमारी गवाही भी सुनी जाए.”

इस संयुक्त बयान पर प्रिया रमानी के अलावा जिन 19 महिला पत्रकारों ने दस्तखत किए हैं, उनके नाम हैं- मीनल बघेल, मनीषा पांडे, तुशिता पटेल, कनिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार, होईन्हू हौजे, आयशा खान, कौशलरानी गुलाब, कनिजा गजारी, मालविका बनर्जी, एटी जयंती, हमीदा पारकर, जोनाली बुरगोहैन, सुजाता दत्त सचदेवा, रश्मि चक्रवर्ती, किरण मनाल, संजरी चटर्जी, क्रिश्चियन फ्रांसिस.

मंत्री समूह बना सकता है केंद्र
सरकार भी अब ऐसे मामलों पर गौर करने के लिए मंत्री समूह बनाने पर विचार कर रही है. यह मंत्री समूह किसी वरिष्ठ महिला मंत्री के नेतृत्व में बनेगा. यह समूह कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कानून या नियम बनाने की सिफारिशें देगा.

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