रुपए में गिरावट पर रोकने के उपायों से ये सामान हो जाएंगे महंगे

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आयात शुल्क बढ़ा, सरकार को होगा 4,000 करोड़ का फायदा, देशी निर्माताओं को भी मिलेगा लाभ

नई दिल्ली : डॉलर के मुकाबले रुपए में हो रही लगातार गिरावट और चालू खाता घाटे को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं. सितंबर में 19 सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद सरकार ने कई टेलिकॉम इक्विपमेंट पर भी शुल्क बढ़ा दिया है. चालू खाता घाटे में कमी करने के लिए यह आयात शुल्क बढ़ाया गया है.

शुल्क बढ़ने के बाद करीब 6 तरह के सामानों की कीमत बढ़ने वाली है. हालांकि इन सामानों के आयात घटने से स्थानीय निर्माताओं को फायदा ही होगा. इस कदम से रुपए की घटती कीमत को भी नियंत्रित किया जा सकता है. इससे सरकार का राजस्व लगभग 4,000 करोड़ बढ़ जाएगा.

आयात शुल्क में इस बढ़ोतरी से जो सामान महंगे होने वाले हैं, उनमें मुख्यरूप से मोबाइल फोन, एयर कंडिशनर और रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, हवाई यात्रा टिकट, आभूषणों, सैनिटरी वेयर और प्लास्टिक के सामानों की कीमतों में बढ़ोत्तरी के आसार हैं.

मोबाइल फोन से सम्बंधित बेस स्टेशन, ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट, स्विच और आईपी रोडियो जैसे सामान पर आयात शुल्क10 फीसदी से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगा. मदरबोर्ड पर भी आयात शुल्क बढ़ेगा. इसके चलते बाजार में मोबाइल फोन महंगे हो सकते हैं.

इसी प्रकार 10 किलो से कम की कपैसिटी वाले वॉशिंग मशीन पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 से 20 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके चलते वॉशिंग मशीन की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है.

एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर सरकार ने 5 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है. इसके बाद एविएशन इंडस्ट्री हवाई यात्रा टिकट की कीमत बढ़ाने वाले हैं. हालांकि सरकार ने जेट फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी कम करके 14 से 11 पर्सेंट कर दी है. इससे यात्रियों को कुछ राहत भी मिलेगी.

कीमती धातुओं और आभूषणों के सामान में ड्यूटी 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 कर दी गई है. इस वजह से जूलरी की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है.

साथ ही सिंक, वॉश बेसिन जैसे सामानों पर ड्यूटी बढ़ाई गई है. इसके अलावा प्लास्टिक के बॉक्स, केस, कॉन्टेनर, बोतल पर भी ड्यूटी बढ़ाकर 10 से 15 फीसदी कर दी गई है. इसके अलावा ऑफिस स्टेशनरी, डेकोरेटिव शीट्स पर भी शुल्क बढ़ाया गया है. सूटकेस, ब्रीफकेस और ट्रैवल बैग पर भी ड्यूटी बढ़ाई गई है.

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