नरेंद्र मोदी और भाजपा

अगला प्रधानमंत्री कौन होगा…या देश का नेतृत्व कौन करेगा, बाबा को पता नहीं

तीन राज्यों में भाजपा की हार नरेंद्र मोदी के घोर समर्थकों को भी विचलित करने लगी नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी और भाजपा के पुरजोर समर्थक योगगुरु बाबा रामदेव को भी भाजपा की तीन राज्यों की हार संभवतः विकल्प ढूंढने पर मजबूर करने लगी है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से भी पिछले दिनों कुछ इसी प्रकार के संकेत मिलने की खबरें तैर रही हैं. बाबा ने मंगलवार, 25 दिसंबर को मदुरई के एक कार्यक्रम में यह कहकर कि उन्हें नहीं पता कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, आशंका को बल दे दिया है. बाबा रामदेव तमिलनाडु के रामेश्वरम आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया से बातें कर रहे थे. रामदेव ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "बहुत कठिन वक्त है और कोई नहीं कह सकता कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा." उनकी इस टिप्पणी को मीडिया ने इस बयान को नरेंद्र मोदी के अगले प्रधानमंत्री बनने की रामदेव की आशंका के तौर पर देखा. जबकि भाजपा और उसके समर्थक लगातार यह कहते रहे हैं कि नरेंद्र मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भारी बहुमत से जीतकर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. बाबा ने मदुरई एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा, "अब भारत में, 2019 में राजनीतिक हालात बहुत जटिल हैं. हम कह नहीं सकते कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा...या देश का नेतृत्व कौन करेगा. लेकिन स्थिति बेहद रोचक है..राजनीति में कांटे की लड़ाई का वक्त है." भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं, बल्कि आध्यात्मिक राष्ट्र बनाना है रामदेव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों से अलग हटकर यह भी कहा कि उनका उद्देश्य भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं, बल्कि आध्यात्मिक राष्ट्र बनाना है. रामदेव ने कहा, "योग, वैदिक और आध्यात्मिक प्रैक्टिस से पूरे विश्व को आध्यात्मिक बनाना है. हम एक आध्यात्मिक भारत बना रहे हैं, हमारा मिशन आध्यात्मिक भारत और आध्यात्मिक विश्व बनाना है. यह हमारा लक्ष्य है." नरेंद्र मोदी मई 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने थे. 16वीं लोकसभा का कार्यकाल मई 2019 में पूरा होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव अगले साल मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं.
इतवारी अनाज बाजार

जनसंवाद : इतवारी अनाज बाजार में अतिक्रमण, कचरा डंपिंग की समस्या बनी विकराल

सब्जी ठेले और हॉकरों के कारण ट्रैफिक जाम, पालक मंत्री बावनकुले से समस्या दूर करने की मांग नागपुर : ऑरेंज सिटी के मुख्य इतवारी अनाज बाजार में दुकानों के बाहर दिन भर सब्जी वालों, ऑटो वालों और अन्य हॉकरों के कारण अतिक्रमण की समस्या बहुत ही विकराल होती जा रही है. दि होलसेल ग्रेन एन्ड सीड्स मर्चंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप ए. मोटवानी ने इस गंभीर समस्या को दूर करने का निवेदन जिले के पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से किया है. उन्होंने सुझाव दिया कि सब्जी वालों, हॉकरों और ऑटो वालों को तत्काल वहां से हटा कर उनके लिए भी उचित व्यवस्था की जाए. पालक मंत्री बावनकुले का जनसंवाद कार्यक्रम मनपा (महानगर पालिका) के सतरंजीपुरा जोन में आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में पूर्व नागपुर के विधायक कृष्णाजी खोपड़े, विधायक डॉ. मिलिन्द माने, महापौर श्रीमती नंदाताई जिचकार, उपमहापौर दीपक पारडिकर, मनपा आयुक्त अभिजित बांगर, नगरसेवक सहित नागपुर के पुलिस FDO कालेजी, कलेक्टर ऑफ़िस के पदाधिकारी, मनपा के टैक्स कमिशनर मिलींद मेश्राम, SNDL के पदाधिकारी और समस्त सरकारी कर्मचारी उपस्तिथ थे. इस दौरान पालक मंत्री ने इतवारी क्षेत्र के सभी नागरिकों से उनकी समस्याएं सुनीं. समस्या व्यवस्थित ढंग से दूर करवाने की मांग मोटवानी ने पालक मंत्री के समक्ष इस दौरान इतवारी अनाज बाजार की समस्या को उठाते हुए इसे व्यवस्थित ढंग से दूर करवाने की मांग की. उन्होंने बताया कि इस समस्या के कारन यहां का पूरा व्यवसाय चौपट होने कगार पर है. ऑटो वालों और ठेलों पर माल बेचने वालों के द्वारा पूरे मुख्य मेन रोड पर दिन भर ट्रैफिक जाम होने तथा दुकानों के बाहर अतिक्रमण होने से व्यापारियों को व्यवसाय करने में बेहद तकलीफ होने लगी है. पूरे व्यापारिक क्षेत्र में चौतरफा अतिक्रमण से व्यापारी वर्ग की तकलीफ की जानकारी उन्होंने पालक मंत्री को दी. कचरे की डंपिंग से बदबू और बीमारी की समस्या मोटवानी ने अनाज बाजार क्षेत्र में दुकानों के पीछे कचरे की डंपिंग की समस्या की गंभीरता से भी पालक मंत्री को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि कचरों से उठाने वाली बदबू से बीमारियों का बोलबाला हो गया है. उन्होंने वहां से तुरन्त कचरा डंपिंग हटाने की भी मांग की. समस्या की गंभीरता को समझते हुए पालक मंत्री बावनकुले ने महानगर पालिका के सम्बंधित अधिकारियों को तुरंत कारवाई के निर्देश दिए. इस दौरान पालक मंत्री ने इतवारी क्षेत्र के अन्य लोगों से भी समस्याएं और उनकी तकलीफें सुनी और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द उन्हें दूर करने का आदेश दिया.
जीएसटी परिषद

जीएसटी दरों में कमी करने का स्वागत

ब्रांडेड दालों पर 5 फीसदी जीएसटी भी समाप्त करने, पेट्रोल को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग नागपुर : दि होलसेल ग्रेन ऐंड सीड्स मर्चैंट्स एसोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी ने जीएसटी में उपभोक्ताओं को भारी राहत देने के लिए जीएसटी परिषद और वित्त मंत्री अरुण जेटली के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि जीएसटी परिषद की जनवरी में होने वाली बैठक में आम जनता को और बड़ी राहतें दी जाएंगी. मोटवानी ने सरकार से आम जनता की जरूरत की ब्रांडेड दालों पर 5 फीसदी का वर्तमान जीएसटी भी समाप्त करने की मांग की है. उन्होंने इस आशय का पत्र प्रधान मंत्री और वित मंत्री को दिया है. साथ ही उन्होंने लोकसभा चुनाव के पूर्व पेट्रोल को भी जीएसटी के दायरे में लाकर आम जनता को राहत देने का निवेदन किया है. मोटवानी ने व्हील चेयर पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने, फ्रोजन वेजिटेबल पर जीएसटी 5 फीसदी से घटाकर शून्य करने, फुटवियर पर जीएसटी दर 18 से घटाकर 12 फीसदी और 5 फीसदी करने, बिलयर्डस और स्नूकर पर जीएसटी दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने, लीथियम बैट्री पर जीसएटी दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने, थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी करने के साथ ही धार्मिक यात्रा पर दरें 18 फीसदी से घटाकर 12 और 5 फीसदी करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. इसके अलावा टायर, वीसीआर और लिथियम बैट्री को 28 फीसदी से 18 फीसदी पर लाने, 32 इंच तक के टीवी पर दरें 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने, 100 रुपए से ऊपर के सिनेमा टिकट पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने और 100 रुपए से कम से सिनेमा टिकट पर 12 फीसदी जीएसटी करने का भी उन्होंने स्वागत किया है. सीमेंट और ऑटो पार्ट्स की जीएसटी दरें घटाने से सरकार को क्रमशः 13,000 करोड़ रुपए का और 20,000 करोड़ का राजस्व नुकसान होने की बात बात बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा है कि फिलहाल इनके दर नहीं घटाए गए हैं. मोटवानी ने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि सीमेंट और ऑटो पार्ट्स की जीएसटी दरों को भी कम करने की दिशा में कदम उठाए जाएं.
सर्वेक्षण

सर्वेक्षण : अकेली लड़ी तो 4-5 पर लुढ़क सकती है शिवसेना

गठबंधन में ही है भाजपा-शिवसेना की भलाई, दोनों मिलकर लड़ीं तो 42 सीटें जीतने की उम्मीद मुंबई : महाराष्ट्र में आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में यदि भाजपा-शिवसेना गठबंधन मूर्त रूप नहीं लेता है तो भाजपा अपने बूते 18 से 20 सीटें जीत सकती है, जबकि शिवसेना 4-5 सीटों पर ही सिमट सकती है. वहीं कांग्रेस-राकांपा गठजोड़ 22-24 सीटें जीत सकती है. यदि भाजपा-शिवसेना साथ मिल कर चुनाव लड़ती हैं तो दोनों पार्टियों के महाराष्ट्र में 48 में 42 लोकसभा सीटें जीतने की उम्मीद है. भाजपा के एक आंतरिक सर्वेक्षण में यह पूर्वानुमान लगाया गया है कि यदि शिवसेना के साथ उसका चुनाव पूर्व गठबंधन हो जाता है तो वह आगामी लोकसभा चुनाव में 2014 के अपने प्रदर्शन को दोहराएगी. वहीं, गठबंधन नहीं होने पर शिवसेना चार-पांच सीटों से ज्यादा नहीं जीत पाएगी. सर्वेक्षण के अनुसार यदि शिवसेना चुनावी गठबंधन करने से इनकार करती है तो भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरेगी तो जरूर, लेकिन 2014 की तुलना में कम सीटें जीतेगी. ज्ञातव्य है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 2014 में महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों में 40 पर जीत हासिल की थी. भाजपा को 22, जबकि शिवसेना को 18 सीटें मिली थी. कांग्रेस महज दो सीट जीत पाई थी, जबकि राकांपा ने पांच सीटें जीती थी. उद्धव की ना, भाजपा की हां...! हालांकि, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बार-बार कहा है कि वह भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुंबई के अपने हाल की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से कहा था कि वह शिवसेना के साथ गठबंधन चाहते हैं.
जीएसटी परिषद

सिनेमा टिकट, टीवी, टायर, पावर बैंक, वीडियो गेम्स होंगे सस्ते 

जीएसटी परिषद की 31वीं बैठक में 23 वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर में की गई कटौती - टीवी, टायर, पावर बैंक, वीडियो गेम्स पर अब 28 की जगह 18 फीसदी      - 100 रुपए से महंगे सिनेमा टिकट पर घटाकर 18 प्रतिशत    - सौ रुपए तक के सिनेमा टिकट पर 12 प्रतिशत     - धार्मिक हवाई सेवाओं पर अब सिर्फ 5 फीसदी  - वस्तुओं पर जीएसटी की संशोधित दरें 1 जनवरी, 2019 से लागू होंगी  - 28 प्रतिशत की दर का धीरे-धीरे पटाक्षेप हो जाएगा नई दिल्ली : जीएसटी परिषद ने आज शनिवार को टीवी स्क्रीन, सिनेमा के टिकट और पावर बैंक सहित विभिन्न प्रकार की 23 वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कमी की है. जीएसटी की दरों में यह कमी आम लोगों को राहत देने के उद्देश्य से की गई. वार्षिक राजस्व में 5,500 करोड़ रुपयों की कमी आएगी कर दरों में यह संशोधन आगामी नव-वर्ष 1 जनवरी 2019 से प्रभावी होगा. परिषद की 31वीं बैठक के बाद यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इन फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम करने से वार्षिक राजस्व में 5,500 करोड़ रुपए का असर पड़ेगा. 28 प्रतिशत के स्लैब में अब केवल 28 वस्तुएं बचीं परिषद ने जीएसटी की 28 प्रतिशत की सर्वोच्च कर के दायरे में आने वाली वस्तुओं में से सात को निम्न दर वाले स्लैब में डाल दिया है. इसके साथ ही 28 प्रतिशत के स्लैब में अब केवल 28 वस्तुएं बची हैं. जेटली ने कहा, ‘‘जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाना एक सतत प्रक्रिया है.'' उन्होंने कहा, “28 प्रतिशत की दर का धीरे-धीरे पटाक्षेप हो जाएगा... अगला लक्ष्य परिस्थिति अनुकूल होने के साथ सीमेंट पर जीएसटी में कमी करना है.” आगे सीमेंट पर भी घटेगा जीएसटी अगले कदम में सीमेंट जैसी आवश्यक वस्तु पर जीएसटी में कमी की जाएगी. अब 28 प्रतिशत की कर दर वाहनों के कल-पुर्जों और सीमेंट के अलावा केवल विलासिता के सामान और अहितकर वस्तुओं पर ही रह गया है. 32 इंच तक के मॉनिटर और टीवी स्क्रीन पर भी राहत जेटली ने बताया कि सिनेमा के 100 रुपए तक के टिकटों पर अब 18 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत की दर से और 100 रुपए से ऊपर के टिकट पर 28 प्रतिशत की बजाय 18 फीसदी की जीएसटी लगेगा. इसी प्रकार 32 इंच तक के मॉनिटर और टीवी स्क्रीन पर अब 28 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा.
60 साल से ऊपर के किसानों को पेंशन

60 साल से ऊपर के किसानों को हर महीने 1 हजार रुपए पेंशन

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का फैसला, सालाना 1200 करोड़ होगा खर्च नई दिल्ली : 60 साल से ऊपर के किसानों को हर महीने एक हजार रुपए पेंशन देने का निर्णय मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नवनिर्वाचित कमलनाथ सरकार ने लिया है. इस "किसान पेंशन योजना" का लाभ लगभग 10 लाख किसानों को मिलेगा. इसमें सालाना 1200 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. शपथ ग्रहण करते ही 2 लाख के कर्ज माफ करने की थी घोषणा  मुख्यमंत्री कमलनाथ ने योजना की पूरी रूपरेखा तैयार करने का निर्देश अफसरों को दिया है. देश भर के किसानों की ओर से लंबे अरसे से पेंशन की मांग की जा रही थी. इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ग्रहण के दिन ही दो लाख रुपए तक किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी. तीनों कांग्रेसी सरकारों ने दो दिनों में कर दी है घोषणा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही कर्जमाफी की घोषणा कर दी गई. राजस्थान सरकार द्वारा कर्जमाफी की घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'हमने दस दिन की बात कही थी, लेकिन दो ही दिन में कर दिया.' बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा की थी कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा.
रामदास आठवले

‘धीरे-धीरे आएंगे 15 लाख रुपए, रिजर्व बैंक दे नहीं रहा’

केंद्रीय मंत्री व रिपा(ए) नेता रामदास आठवले के बिगड़े बोल मुंबई : 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उठा '15 लाख रुपए' खाते में आने का मुद्दा एक बार फिर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने चर्चाओं में ला दिया है. अपने अजीबोगरीब बयान में आठवले ने कहा कि सरकार लोगों को 15 लाख रुपए देने के लिए आरबीआई से रुपया मांग रही है. उन्होंने कहा, '15 लाख रुपए धीरे-धीरे आएंगे, एक बार में नहीं. रिजर्व बैंक से इसके लिए रुपया मांगा गया है, लेकिन वे नहीं दे रहे हैं. इसलिए रुपया इकट्ठा नहीं हो रहा है. इसमें कुछ तकनीकी समस्याएं हैं.' राहुल गांधी 'पप्पा' बन गए हैं अपने बयानों के लिए मशहूर महाराष्ट्र के नेता और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास आठवले ने तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत पर कहा था, ' राहुल गांधी ने तीन राज्यों में अच्छी जीत हासिल की है. वह अब 'पप्पू' नहीं हैं लेकिन 'पप्पा' बन गए हैं.' रामदास आठवले रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष हैं. उनकी यह पार्टी सत्ताधारी एनडीए का एक घटक दल है. अपने बयान में आठवले ने शिवसेना को भाजपा से गठबंधन न तोड़ने की सलाह भी दी थी. शिवसेना को सलाह, कांग्रेस को नसीहत उन्होंने कहा था, 'शिवसेना को भाजपा के साथ अपना गठबंधन बनाए रखना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे शिवसेना को ही नुकसान होगा. मैं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के सपनों को पूरा करने की अपील करता हूं. उसे (सेना) अकेले चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचना चाहिए. कांग्रेस को यह धारणा नहीं रखनी चाहिए कि वह राफेल सौदे को बार-बार उठाकर 2019 का चुनाव जीत लेगी.'
वेकोलि

एनसीएल के क्षेत्रीय महाप्रबंधक ए.के. चौधरी बने वेकोलि के नए निदेशक तकनीकी

नागपुर : वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के निदेशक (तकनीकी) का पदभार एनसीएल के क्षेत्रीय महाप्रबंधक अजित कुमार चौधरी ने हाल ही में ग्रहण किया. वेकोलि के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) राजीव रंजन मिश्र ने वेकोलि परिवार में उनका स्वागत किया एवं निदेशक मंडल तथा टीम डब्ल्यूसीएल के सदस्यों ने श्री चौधरी को बधाई और शुभकामनाएं दीं. श्री चौधरी ने वर्ष 1984 में आईआईटी- इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स, धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने 1989 में आईआईटी-आईएसएम- धनबाद से" ओपनकास्ट माइनिंग" में स्नातकोत्तर किया. स्नातकोत्तर के बाद, श्री चौधरी ने वर्ष 1990-92 के दौरान फ्लाई ऐश प्रबंधन में विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए दक्षिण इलिनोइस विश्वविद्यालय, कार्बोन्डेल, यूएसए गए. श्री चौधरी को कोयला इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनियों ईएसएल, एसईसीएल, सीएमपीडीआईएल, सीसीएल एवं एनसीएल में काम करने का 34 वर्षों का अनुभव है. उन्होंने अपने कार्यकाल में नेतृत्व और उत्कृष्ट तकनीकी क्षमता का परिचय देते हुए अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं. उन्हें भूमिगत और खुली खदानों में काम करने में दक्षता प्राप्त है. 2014 के दौरान श्री चौधरी ने स्वीडन और जर्मनी में अडवांसएड मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (उन्नत प्रबंधन विकास कार्यक्रम में प्रशिक्षण) के लिए भारतीय कोयला उद्योग का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने अपने शोध कार्य के दौरान अमेरिका में कई खदानों का भी दौरा किया. उन्हें 1 नवंबर, 2018 को आयोजित कोयला इंडिया स्थापना दिवस पर एनसीएल में सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय महाप्रबंधक के रूप में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में अनेकों तकनीकी पेपर प्रस्तुत किए हैं. वे खनन, भू-वैज्ञानिक और धातु विज्ञान संस्थान (एमजीएमआई) और इंडियन माइन मैनेजर एसोसिएशन (आईएमएमए) के साथ भी जुड़े हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट

वरिष्ठ नागरिकों को पूर्ण सुरक्षा और संरक्षण दे सरकार : सुप्रीम कोर्ट

'अभिभावक और वरिष्ठ नागरिक संरक्षण एवं कल्याण अधिनियम 2007' के प्रभावी क्रियान्वयन का आदेश नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक बड़े फैसले के अंतर्गत केंद्र सरकार को "अभिभावक और वरिष्ठ नागरिक संरक्षण एवं कल्याण अधिनियम 2007" (MWP Act 2007)के प्रभावी क्रियान्वयन का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार को अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए 5 सूत्री दिशानिर्देश भी दिया है. इसके आधार पर कोर्ट ने आगामी 31 जनवरी 2019 तक एडिशनल सॉलिसिटर जेनेरल के माध्यम से केंद्र सरकार को कोर्ट में स्टैटस रिपोर्ट भी दाखिल करने का आदेश दिया है. इस रिपोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट ने आगे की होने वाली कार्रवाइयों की सूची भी पेश करने का निर्देश दिया है. जस्टिस मदन बी. लकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता के बेंच ने अपने 28 पृष्ठों के फैसले में मुख्यतः चार सूत्री आदेश के तहत सरकार को आदेश दिया है- 1. सभी वरिष्ठों के लिए पेंशन सुनिश्चित करने, 2. उन्हें आश्रय और संरक्षण प्रदान करने, 3. बुढ़ापे में देखभाल और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने और 4. इससे संबंधित "अभिभावक और वरिष्ठ नागरिक संरक्षण एवं कल्याण अधिनियम 2007" (MWP Act 2007) का पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करने आदेश दिया है. डॉ. अश्विनी कुमार की याचिका पर सुनवाई के बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के विद्वान न्यायाधीशों ने यह फैसला सुनाया है. इस फैसले में 5 सूत्री दिशानिर्देशों में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित सरकारों से कहा है कि- 1. जिलावार वृद्धाश्रमों की संख्या एवं उनमें रहने वाले वृद्धों की संख्या और उनकी स्थिति, 2. वृद्धों की देखभाल और उन्हें मिलने वाली चिकित्सा सुविधाओं की विस्तृत जानकारी के साथ स्टैटस रिपोर्ट, 3. प्राप्त इन जानकारियों और स्टैटस रिपोर्ट के आधार पर तैयार कार्ययोजना एवं एमडब्ल्यूपी अधिनियम 2017 के प्रावधानों का प्रचार-प्रसार करना, ताकि वरिष्ठ नागरिकों को अपने वैधानिक अधिकारों की जानकारी हो सके, 4. चौथे दिशानिर्देश में बताया गया है कि एमडब्ल्यूपी अधिनियम 2017 भारत सरकार को यह अधिकार देता है कि वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन का आदेश दे सकता है. साथ ही केंद्र राज्यों में इसके कार्यान्वयन की समीक्षा भी कर सकता है. और 5. अंत में केंद्र और राज्य सरकारओं से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि इसके क्रियान्वयन में अन्य योजनाओं के प्रावधानों का दोहरा लाभ किसी को न मिले. साथ ही पेंशन की राशि अधिकाधिक वास्तविक जरूरतों के मुताबिक़ हो, मात्र औपचारिक पेंशन न हो.
आयुध डिपो

सेना के आउटडेटेड 400 बमों की तलाश कर किया नष्ट

सेना के पुलगांव आयुध डिपो ने इस जोखिम भरे कार्य को सफलता पूर्वक पूरा किया आश्विन शाह, पुलगांव (वर्धा) : सेना के स्थानीय आयुध डिपो (सीएडी) के अधिकारियों की देखरेख में डिपो के जवानों ने जोखिम भरी तलाशी के इस कार्य को अंजाम देकर उन कालवाह्य 400 बमों को एकत्र किया और उनमें विस्फोट कर उन्हें नष्ट कर दिया, जो पिछले महीने बमों की पेटी के गिर जाने से हुए विस्फोट में सोनेगांव के डीमोलिशन ग्राउंड में यहां-वहां बिखर गए थे. 20 नवंबर को हुआ था हादसा, 6 की जान गई थी ज्ञातव्य है कि जबलपुर के आयुध निर्माणी (आर्डनेंस फैक्ट्री) खमरिया के कालवाह्य बमों के विस्फोट से यहां सोनेगांव स्थित डीमोलिशन ग्राउंड में पिछले महीने 20 नवंबर को खमरिया के एक जवान सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी और 10 अन्य ठेका मजदूर घायल हो गए थे. उस दौरान उन बमों में से 400 बम वहीं डीमोलिशन ग्राउंड में बिखर गए थे. यह विस्फोट उस समय हुआ था, जब उन बमों की पेटियों को ले जाते वक्त एक पेटी मजदूरों के हाथ छूटकर जमीन पर गिर पड़ी थी. सुरक्षा की दृष्टि से डीमोलिशन ग्राउंड में बिखरे बमों की तलाश कर उन्हें नष्ट करना अत्यंत आवश्यक था. क्योंकि इन बमों के फटने से फिर से जान-माल की क्षति की आशंका बनी हुई थी. आयुध निर्माणी, खमरिया ने इन बमों की तलाश की अपनी जिम्मेदारी से हाथ झटक लिया था. इसके बाद बमों की तलाश करने की जिम्मेदारी भी सेना ने पुलगांव आयुध (गोला-बारूद) डिपो को ही सौंप दिया. आयुध डिपो ने इस जोखिम भरे काम को हाल ही में पूरी जिम्मेदारी से निभाते हुए सभी 21 टन 400 बिखरे बमों की तलाश करने में सफलता पाई और साथ ही अन्य कालवाह्य 8 टन बारूद के साथ वहीं सोनेगांव के डीमोलिशन ग्राउंड में विस्फोट कर सभी को नष्ट कर दिया. यह कार्य पुलगांव डिपो के समादेशक की देखरेख में सेना के दो अधिकारियों, 6 जेसीओ, 14 सैनिक और 20 स्थानीय मजदूरों ने 10 दिसंबर से 14 दिसंबर के बीच बखूबी पूरा किया.