सेना के आउटडेटेड 400 बमों की तलाश कर किया नष्ट

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आयुध डिपो
पुलगांव के निकट सोनेगांव के डिमोलिशन ग्राउंड में एकत्र किए गए बिखरे 400 बम और दूसरे चित्र में बमों को नष्ट करने के लिए विस्फोट से उठता धुएं का गुबार.

सेना के पुलगांव आयुध डिपो ने इस जोखिम भरे कार्य को सफलता पूर्वक पूरा किया

आश्विन शाह,
पुलगांव (वर्धा) :
सेना के स्थानीय आयुध डिपो (सीएडी) के अधिकारियों की देखरेख में डिपो के जवानों ने जोखिम भरी तलाशी के इस कार्य को अंजाम देकर उन कालवाह्य 400 बमों को एकत्र किया और उनमें विस्फोट कर उन्हें नष्ट कर दिया, जो पिछले महीने बमों की पेटी के गिर जाने से हुए विस्फोट में सोनेगांव के डीमोलिशन ग्राउंड में यहां-वहां बिखर गए थे.

20 नवंबर को हुआ था हादसा, 6 की जान गई थी
ज्ञातव्य है कि जबलपुर के आयुध निर्माणी (आर्डनेंस फैक्ट्री) खमरिया के कालवाह्य बमों के विस्फोट से यहां सोनेगांव स्थित डीमोलिशन ग्राउंड में पिछले महीने 20 नवंबर को खमरिया के एक जवान सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी और 10 अन्य ठेका मजदूर घायल हो गए थे. उस दौरान उन बमों में से 400 बम वहीं डीमोलिशन ग्राउंड में बिखर गए थे. यह विस्फोट उस समय हुआ था, जब उन बमों की पेटियों को ले जाते वक्त एक पेटी मजदूरों के हाथ छूटकर जमीन पर गिर पड़ी थी.

सुरक्षा की दृष्टि से डीमोलिशन ग्राउंड में बिखरे बमों की तलाश कर उन्हें नष्ट करना अत्यंत आवश्यक था. क्योंकि इन बमों के फटने से फिर से जान-माल की क्षति की आशंका बनी हुई थी. आयुध निर्माणी, खमरिया ने इन बमों की तलाश की अपनी जिम्मेदारी से हाथ झटक लिया था. इसके बाद बमों की तलाश करने की जिम्मेदारी भी सेना ने पुलगांव आयुध (गोला-बारूद) डिपो को ही सौंप दिया.

आयुध डिपो ने इस जोखिम भरे काम को हाल ही में पूरी जिम्मेदारी से निभाते हुए सभी 21 टन 400 बिखरे बमों की तलाश करने में सफलता पाई और साथ ही अन्य कालवाह्य 8 टन बारूद के साथ वहीं सोनेगांव के डीमोलिशन ग्राउंड में विस्फोट कर सभी को नष्ट कर दिया.

यह कार्य पुलगांव डिपो के समादेशक की देखरेख में सेना के दो अधिकारियों, 6 जेसीओ, 14 सैनिक और 20 स्थानीय मजदूरों ने 10 दिसंबर से 14 दिसंबर के बीच बखूबी पूरा किया.

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