मिलान

ईवीएम, वीवीपैट : 100 फीसदी मिलान की मांग बकवास : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : जनहित याचिका के माधयम से लोकसभा चुनाव के मतों की गिनती के दौरान वीवीपैट मशीनों की पर्ची का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के आंकड़ों के साथ शत प्रतिशत मिलान करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को खारिज कर दी. देश में हुए आम चुनावों के लिए 23 मई को होने वाली है. न्यायमूर्ति अरुण मिश्र के नेतृत्व वाली अवकाश पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया. यह याचिका चेन्नई के एक गैर सरकारी संगठन ‘टेक फार आल’ की ओर से दायर की गई थी. अवकाश पीठ ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली अदालत की वृहद पीठ इस मामले में सुनवाई कर आदेश पारित कर चुकी है. शीर्ष अदालत ने कहा, "प्रधान न्यायाधीश इस मामले का निस्तारण कर चुके हैं. दो न्यायाधीशों की अवकाश पीठ के समक्ष आप जोखिम क्यों ले रहे हैं." न्यायमूर्ति मिश्र ने कहा, ‘‘हम प्रधान न्यायाधीश के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते हैं..... यह बकवास है. यह याचिका खारिज की जाती है.’’ इससे पहले सात मई को शीर्ष अदालत ने 21 विपक्षी दलों की ओर से दायर समीक्षा याचिका खारिज की जा चुकी थी. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में विपक्षी दलों की ओर से दायर याचिका में वीवीपैट पर्चियों के साथ ईवीएम के आंकड़ों का मिलान बढ़ा कर 50 फीसदी किए जाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को अपने फैसले में निर्वाचन आयोग को मतगणना के दिन प्रत्येक विधानसभा के पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करने का निर्देश दिया था. विपक्षी पार्टियों की मांग थी कि कम से कम 50 फीसदी वीपीपैट मशीनों और ईवीएम के मतों का मिलान किया जाना चाहिए. अगर चुनाव आयोग इन पार्टियों की गुजारिश मान लेता तो औसतन उसे हर सीट पर 125 ईवीएम मशीनों के मतों का मिलान वीवीपैट मशीन के मतों से करना पड़ता. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को अपने जवाब के बारे में बताया था कि अगर चुनाव आयोग विपक्षी पार्टियों की मांग मानते हुए 50% वीवीपैट मशीन के मतों का ईवीएम के मतों से मिलान करे तो उसे चुनावों के नतीजे घोषित करने में 6 दिन की देरी होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वीवीपैट मशीन की पर्चियों का इस्तेमाल ईवीएम के वोटों के आंकड़ों से मिलान के लिए किया जाएगा. शुरुआत में चुनाव आयोग ने हर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र से केवल एक वीवीपैट के मतों का ही ईवीएम से मिलान करने को कहा था.
एग्जिट पोल

वोटिंग खत्म, एग्जिट पोल का दौर शुरू

नई दिल्ली : आठ राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर अंतिम सातवें चरण के लिए मतदान संपन्न होने के साथ ही लोकसभा चुनाव-2019 अब एग्जिट पोल के दौर में आ पहुंचा है. लोकसभा की 542 सीटों के लिए हुए मतदान की सारी की सारी ईवीएम मशीनें और वीवीपैट संबंधित सीटों के स्ट्रांगरूम्स में बंद हो चुकी हैं. अब ये मशीनें मतगणना के लिए आगामी 23 मई को खुलेंगी. इसके साथ ही कौन सा दल देश की सत्ता पर काबिज होगा और कौन बनेगा देश का अगला प्रधान मंत्री, यह साफ हो जाएगा. शाम छह बजे तक अंतिम चरण में 60.21 प्रतिशत मतदान मतदान के सातवें और अंतिम दिन शाम छह बजे तक अंतिम चरण में 60.21 प्रतिशत मतदान दर्ज़ हुआ. बिहार- 49.92%, हिमाचल प्रदेश- 66.18%, मध्य प्रदेश- 69.38%, पंजाब- 58.81%, उत्तर प्रदेश- 54.37%, पश्चिम बंगाल- 73.05%, झारखंड-70.5%, चंडीगढ़- 63.57% मतदान दर्ज हुआ है. मतदान खत्म होते ही राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर निशाना ट्विट किया- 'इलेक्टोरल बॉन्ड्स से लेकर ईवीएम तक, चुनावी कार्यक्रम को प्रभावित करने से नमो टीवी तक, मोदी की सेना से केदारनाथ के ड्रामे तक. मोदी और उनके गैंग के सामने चुनाव आयोग का नतमस्तक होना सभी को समझ आ रहा है. चुनाव आयोग का डर और सम्मान था. जो अब नहीं रहा है.' जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एग्जिट पोल से निराश नेशनल कांफ्रेंस के नेता पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर एग्जिट पोल के नतीजों से निराशा जताई है और लोगों से अपने टीवी बंद करने और सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह दी है और 23 मई का इन्तजार करने को कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि एग्जिट पोल के सभी नतीजे गलत नहीं हो सकते. ममता भड़कीं, कहा- 'भरोसा नहीं' दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल पार्टी की नेता ममता बनर्जी एग्जिट पोल पर जम कर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा एग्जिट पोल गपबाजी है. इसके पीछे का गेमप्लान- हजारों ईवीएम मशीनों को बदल देने का है. उन्होंने सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने और संघर्ष करने की अपील की है. नीतीश कुमार भी हुए नाराज साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में मतदान करने के बाद तीक्ष्ण गर्मी के मौसम में सात चरणों में मतदान करने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा की इस कारण लोगों को पोलिंग बूथ तक आने में काफी परेशानी हुई है. उनका कहना था कि ऐसे चुनाव फरवरी-मार्च अथवा सितंबर-अक्टूबर के महीने में कराना चाहिए. एग्जिट पोल के नतीजे होते हैं कितने भरोसेमंद...! एग्जिट पोल मतदान करके बाहर निकलने वाले लोगों के बीच किया गया सर्वेक्षण है. पिछले कई चुनावों में एग्ज़िट पोल के नतीजे अक्सर ग़लत साबित हो रहे हैं, इन्हें किसी तरह से प्रामाणिक नहीं माना जा सकता. लगभग सभी टीवी चैनल सर्वे करने वाली एजेंसियों के साथ मिलकर एग्जिट पोल कर रहे हैं, अलग-अलग एग्जिट पोल अलग-अलग नतीजे दिखा रहे हैं, आप इन आंकड़ों को जरूर देखें, लेकिन नतीजे ऐसे ही होंगे ऐसा जरूरी नहीं है. इसके साथ ही विभिन्न न्यूज चैनलों से संबद्ध एग्जिट पोल एजेंसियों ने अपने-अपने अनुमानों का पिटारा खोल दिया है और आज शाम से ही टीवी...
सूखे

सूखे की चपेट में महाराष्ट्र, हुआ बदहाल

मुंबई : महाराष्ट्र के विदर्भ समेत अन्य इलाके 1972 के बाद से अब तक के सबसे भीषण सूखे की चपेट में हैं. सूख गए नदी-तालाबों से लोग कीचड़ से निचोड़ कर गंदे पानी को कपड़े से छानकर पीने को मजबूर हैं. उधर, चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र को आदर्श आचार संहिता से राहत देते हुए सूखा राहत से संबंधित कार्यों के लिए मंजूरी दे दी है. महाराष्ट्र के 26 जिलों में सूखा राज्य के 26 जिलों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, इनमें मराठवाड़ा के औरंगाबाद, परभणी, बीड, हिंगोली, जालना, नांदेड़, लातूर, खानदेश के नासिक, अहमदनगर, धुले, जलगांव, नंदूरबार, विदर्भ के अकोला, अमरावती, बुलढाणा, यवतमाल, वाशिम, वर्धा, चंद्रपुर, नागपुर और पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे, सांगली, सातारा, सोलापुर और पालघर शामिल हैं. राज्य की 358 तहसीलों में से 151 तहसील सूखा प्रभावित घोषित की जा चुकी हैं. 13 हजार से ज्यादा गांव-बस्तियों में जल संकट गंभीर हो गया है. बुलढाणा जिले के अनेक गांवों के लोग सारे जल स्रोत सूख जाने के कारण पलायन कर रहे हैं. हालात इतने खराब हैं कि लोग अपने मवेशियों तक को आने-पौने दामों में बेचना चाहते हैं, लेकिन कोई खरीददार नहीं है. सेन्ट्रल वाटर कमीशन की चेतावनी सेन्ट्रल वाटर कमीशन के चेयरमैन एस. मसूद हुसैन ने कहा कि महाराष्ट्र में हालात चिंताजनक हैं. मसूद हुसैन ने कहा, "हमने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि उनके बड़े जलाशयों में पानी का स्तर काफी नीचे गिर चुका है. ऐसे में उन्हें जलाशयों में बचे पानी का इस्तेमाल काफी सोच-समझकर करना होगा. प्राथमिकता पीने के पानी को देना होगी. इसके बाद ही सिंचाई के लिए पानी जारी करना उचित होगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के जलाशयों में 14% पानी ही बचा है. 18 मई तक की खबर के मुताबिक़ राज्य के 26 बांधों में पानी का स्तर शून्य पर पहुंच चुका है. अब यह भी इमरजेंसी स्तर पर पहुंच रहे हैं. कर्नाटक से पानी की मांग पिछले साल इस समय यह जलाशयों में पानी का आंकड़ा 26% था. महाराष्ट्र ने सूखा प्रभावित जिलों के लिए कर्नाटक से तीन टीएमसी फीट पानी की मांग की है. चारा छावनियों में प्रति जानवर 100 रु. का अनुदान प्रतिदिन देने की घोषणा की है. साथ ही 2011 की जनगणना के आंकड़ों के बजाय 2018 की आबादी के आंकड़ों को आधार बनाकर टैंकर्स के जरिए जलापूर्ति की जा रही है. टैंकरों से जलापूर्ति शासकीय विज्ञप्ति के अनुसार महाराष्ट्र के 4,331 गांव और 9,470 बस्तियों में 5,493 टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है. 67 लाख किसानों को नुकसान की भरपाई के तौर पर 4,412 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं. लोगों को अपना रोजगार छोड़कर पानी जुटाने के लिए दिन-दिनभर कई किलोमीटर की मशक्कत करनी पड़ रही है. विदर्भ में भी स्थिति बदतर विदर्भ के यवतमाल जिले मे पानी की किल्लत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि कई गांवों में लोगों को पानी के लिए कुओं तक में उतरना पड़ रहा है. यवतमाल जिले के कई किसानों ने अब अपने पशुओं को आधे दामों में बेच दिया है. जिसके चलते अब किसानों को दूध से मिलने...
अदालत

साध्वी प्रज्ञा को हर हप्ते अदालत में हाजिर होने का आदेश

मुंबई : मालेगांव धमाका मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी आरोपियों को हफ्ते में कम से कम एक बार अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है. साध्वी भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार हैं. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और कुछ और लोग इस मामले में आरोपी हैं. अदालत ने इन आरोपियों के कोर्ट में हाजिर न होने पर नाखुशी जताई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार, 20 मई को होगी. ज्ञातव्य है कि 8 सितंबर 2006 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव कस्बे में सिलसिलेवार 4 बम धमाके हुए थे. इनमें 40 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 125 लोग घायल हुए थे. 9 साल जेल में बिता चुकी हैं साध्वी प्रज्ञा महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने जांच में पाया था कि धमाकों में साध्वी प्रज्ञा की मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, यह साबित नहीं पाया कि प्रज्ञा ने उस मोटरसाइकिल का कभी खुद के लिए इस्तेमाल किया. उनकी मोटरसाइकिल रामचंद्र कलासंघ्रा नाम का शख्स चला रहा था. एटीएस ने शुरुआती जांच में 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 9 लोगों को गिरफ्तार किया था. साध्वी प्रज्ञा भी इस मामले में 9 साल जेल में बिता चुकी हैं. दूसरी बार भाजपा की करा चुकी हैं किरकिरी हालांकि भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को इस मामले में पाक-साफ मानकर भोपाल लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन साध्वी के बयानों से वह खासी परेशान भी है. नामांकन दाखिल करते ही साध्वी ने मुंबई एटीएस के पूर्व प्रमुख और मुंबई में आतंकवादी हमले में शहीद हुए स्व. हेमंत करकरे पर विवादास्पद टिप्पणी कर पहले ही भाजपा को विपक्ष के निशाने पर ले आई थी, इस बार महात्मा गांधी के हत्यारे को देशभक्त बता कर एक बार फिर भाजपा की किरकिरी करा रही हैं. प्रधानमंत्री ने जताई नाराजगी, कहा- माफ नहीं करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह महात्मा गांधी का अपमान करने वाले बयान के लिए कभी भी प्रज्ञा ठाकुर को माफ नहीं करेंगे. पीएम मोदी ने यह बात शुक्रवार को एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू के दौरान कही. मोदी ने कहा, 'मैं बापू का अपमान करने के लिए कभी भी साध्वी प्रज्ञा को माफ नहीं कर सकूंगा.' भाजपा के ट्विटर हैंडल से भी मोदी के एक बयान को ट्वीट किया गया. पीएम ने कहा, 'गांधीजी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत ख़राब हैं और समाज के लिए बहुत गलत हैं. यह अलग बात है कि उन्होंने माफ़ी मांग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ नहीं कर पाऊंगा.' राहुल गांधी ने कसा तंज साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इसी बयान पर अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और संघ (आरएसएस) पर तंज कसते हुए निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा, अब में आखिरकर समझ गया हूं कि भाजपा और आरएसएस गॉड-के (God-Ke) के लवर्स नहीं हैं. बल्कि ये लोग गॉड-से (God-Se) लवर्स हैं. सीईओ...
मायावती

पीएम पद : मोदी अनफिट, मैं फिट – मायावती

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने से पहले ही प्रधानमंत्री की कुर्सी की दौड़ शुरू हो गई है. नतीजे 23 मई को आने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही कई नेताओं ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है. इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने दावा किया है कि वो प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे फिट उम्मीदवार हैं. उन्होंने गुरुवार को नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए 'अनफिट' करार दिया था. इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि मायावती प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं हैं. अपने बयान में मायावती ने कहा, ''जहां तक विकास की बात है बहुजन समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश का चेहरा बदल दिया. लखनऊ का भी सौन्दर्यीकरण हुआ है. इसके आधार पर कहा जा सकता है कि लोगों के कल्याण और देश की विकास को देखते हुए बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ही प्रधानमंत्री बनने के लिए फिट है. जबकि नरेंद्र मोदी अनफिट हैं.'' अपनी उपलब्धियों का बखान करते हुए मायावती ने कहा कि 4 बार मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी छवि काफी साफ-सुथरी रही है. साथ ही उन्होंने कानून व्यवस्था बनाते हुए लोगों के हित के लिए काम किया है. जेटली ने मायावती को बताया अनफिट वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री पद के लिए 'अनफिट' करार दिया है. इससे पहले मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर पीएम मोदी और उनकी पत्नी पर 'निजी' टिप्पणी की थी. जेटली ने ट्वीट का कर कहा था- 'वे (मायावती) प्रधानमंत्री बनने की प्रबल इच्छा रखती हैं. उनका गवर्नेंस, एथिक्स, और विचारधारा अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है. आज उन्होंने पीएम पर जो निजी हमला किया है उससे साबित होता है कि वो प्रधानमंत्री बनने के योग्य नहीं हैं. पिछले दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष के तीन नामों का समर्थन किया था. जिसमें उन्होंने मायावती का भी नाम लिया था. इसके अलावा पिछले दिनों अखिलेश यादव ने भी मायावती को पीएम पद का दावेदार बताया था. कांग्रेस कर रही राहुल को प्रोजेक्ट कांग्रेस पार्टी की ओर से फिलहाल कोई दावा नहीं किया गया है, लेकिन पार्टी राहुल गांधी को प्रोजेक्ट कर रही है. पार्टी के अनेक नेता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त ठहराते रहे हैं. कांग्रेस का प्रचार अभियान भी राहुल गांधी को केंद्र में रख कर ही किया जा रहा है.
ईरान

ईरान की मांग से बासमती-1121 में भारी तेजी, 15 रुपए की बढ़त

नागपुर : अरब देशों में भारत बासमती चावल का बड़ा निर्यातक है. ईरान में करीब 24 लाख 40 हजार टन की खपत होती है, जिसे वह भारत और पाकिस्तान से आयात करता है. भारत अपने कुल बासमती के उत्पादन का 25 प्रतिशत चावल ईरान को निर्यात करता है. दी होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी ने बताया कि गत वर्ष करीब 40 लाख टन बासमती चावल का निर्यात और गैर बासमती चावल का 88.18 लाख टन का निर्यात हुआ था. बासमती चावल का निर्यात ईरान, सऊदी अरब, कुवैत, यूनाइटेड अरब इमिरातस और यू के, यू एस में होता है. मोटवानी ने बताया कि ईरान भारत को क्रूड ऑयल निर्यात करता था और उसके बदले वह भारत से बासमती-1121 चावल का आयात करता था. वर्तमान में ईरान से क्रूड ऑयल का भारत में निर्यात राजनीतिक कारणों से बंद है. मोटवानी ने बताया बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने घोषणा की है कि ईरान से क्रूड ऑयल का आयात लोकसभा चुनावों के बाद तय किया जाएगा. फिलहाल ईरान का पुराना बकाया पैसा भारत में जमा होने से भारी मात्रा में बासमती-1121 चावल का आयात करने से 84-85 बिकने वाला यह बासमती चावल 97-98 तक हो गया है. कुछ समय मे करीब 12 से14 रुपए भाव बढ़ गए है. बासमती चावल की अन्य किस्म, जो निर्यात होती है, उसमें बासमती-1401 में 7-8 रुपए किलो का इजाफा हुआ है. 68-70 बिकने वाला यह बासमती चावल 75 से 78 बिक रहा है. बासमती चावलों में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. मोटवानी ने बताया कि बासमती चावल में बढ़ोतरी से चावल की अन्य किस्में- चिन्नौर चावल, जयश्री राम चावल में भी मई में 8-9 रुपए किलो की बढ़ोतरी हुई है. होलसेल मार्किट में नया चिन्नौर 5000-5500, जयश्री राम चावल 4400-4900 रुपए तक बिक रहा है. बासमती चावल नीचे में साधारण क्वालिटी 5,500 से 7,000 और बेस्ट माल 8,000 से 12,500 रुपए प्रति क्विंटल तक उपलब्ध है. मोटवानी के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में बासमती चावल का निर्यात 9 फीसदी बढ़कर रिकार्ड 44.15 लाख टन का हुआ है जबकि गैर-बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान 14.56 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 75.34 लाख टन का ही हुआ है. पिछले वित्त वर्ष में देश से रिकार्ड 88.18 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था. ईरान की आयात मांग बढ़ने से बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है. गैर-बासमती चावल के निर्यात में कमी का प्रमुख कारण बंगलादेश की आयात मांग कम रहना है. पिछले साल बंगलादेश के पास चावल का स्टॉक कम था, जिस कारण देश से रिकार्ड गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था. मोटवानी ने बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखे की गंभीर स्थिति बरकरार होने से चावल और खरीफ की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. महाराष्ट्र के जलाशयों में केवल 18.5 प्रतिशत पानी का बचा है. मराठवाड़ा और विदर्भ संभाग में 5 प्रतिशत पानी ही है. पानी की कमी से राज्य में चावल उत्पादन प्रभावित हुआ है और आगे खरीफ फसलों की बिजाई पर असर पड़ सकता है. कृषि मंत्रालय...
"विशेष दर्जा"

बिहार : सुशासन बाबू को फिर याद आई “विशेष दर्जा” की मांग

विशेष रिपोर्ट : सीमा सिन्हा, पटना : लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी मतदान का पांचवां चरण पूरा होने तक भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार को "विशेष दर्जा" दिलाने की अपनी मांग याद नहीं आई. लेकिन छठवां चरण बीतते ही इस मांग के लिए वे मुखर हो रहे हैं. जानकारों का मानना है कि अब लोकसभा चुनाव में पार्टी की डगमगाती नैया को संभालने के लिए नीतीश ने फिर पैंतरा बदला है. विरोधी कहते हैं, "नीतीश बिहार में अपना रुतबा खो चुके हैं. अब उनकी वह दबंग छवि भी नहीं बची, जो बिहार की राजनीति में बहुत मायने रखती है." सत्ता के लिए साझीदार बदलते-बदलते नीतीश कुमार निरीह बनते जा रहे हैं. लगातार अपने ही पांवों पर कुल्हाड़ी मारते-मारते अपना कद अपने हाथों छोटा करते जा रहे हैं. एक समय था, जब नीतीश विपक्ष से प्रधानमंत्री पद के दावेदार हुआ करते थे. उन्हें तो लोग मोदी के विकल्प के रूप में भी देखने लगे थे. लेकिन आज स्थिति ऐसी बदली है कि अब वे अजूबा बन गए हैं. अब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के उनके मुद्दे पर ही नजर डालें, नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का स्टैंड पिछले पांच सालों में कुछ इस तरह बदला है- मार्च 2014 : "हमारा अभियान स्पष्ट है, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए." अगस्त 2015 : "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देना मोदी सरकार का धोखा." अगस्त 2016 : "जब तक बिहार जैसे पिछड़े राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जाएगा, राज्य का सही विकास संभव नहीं है." अगस्त 2017 : "पीएम मोदी के मुकाबले कोई नहीं", पार्टी ने इस दौरान विशेष दर्जा के मुद्दे पर अघोषित चुप्पी साधी! मई 2019 : "ओडिशा के साथ-साथ बिहार और आंध्र प्रदेश को भी मिले विशेष राज्य का दर्जा." जदयू के महासचिव और प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने इस बार बिहार के साथ-साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश को भी विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है. पिछले सोमवार को उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, "साल 2000 में बिहार के विभाजन के बाद राज्य से प्राकृतिक संसाधनों के भंडार और उद्योग छिन गए. राज्य का विकास जैसे होना चाहिए था, नहीं हुआ. अब समय आ गया है कि केंद्रीय वित्त आयोग इस मुद्दे पर फिर से विचार करे." फिलहाल केंद्र और राज्य में समान गठबंधन की सरकार है और लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में जदयू के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं. 19 मई को अंतिम चरण में बिहार की आठ सीटों पर मतदान होने हैं. और नीतीश कुमार के विरोधियों का कहना है कि वो एक बार फिर पलटी मारने की तैयारी कर रहे हैं. नवंबर 2015 में बिहार में जदयू ने राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में तीसरी बार सरकार बनाई थी. जुलाई 2017 में जदयू ने आरजेडी का साथ छोड़ एनडीए में फिर से आने का फैसला किया था, तब से इस मांग को लेकर वह चुप रही. चुनाव के आखिरी चरण में जदयू की इस मांग को नीतीश कुमार की दबाव बनाने...
खिलवाड़

YCMOU खिलवाड़ कर रहा बीसीए छात्रों के भविष्‍य से

मुंबई : यशंवतराव चव्‍हाण महाराष्‍ट्र मुक्‍त विद्यापीठ (YCMOU) बीसीए के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ पर उतर आया है. विद्यापीठ ने बैचलर ऑफ कंप्‍यूटर एप्‍लीकेशन (बीसीए) की अगली परीक्षा (एक्‍जाम) 25 मई से लेने की घोषणा की है. जबकि, बेचलर ऑफ कंप्‍यूटर एप्‍लीकेशन की पिछली परीक्षा का नतीजा 8 अप्रैल को ही आया है. दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि विद्यापीठ के अधिकारियों और रजिस्ट्रार को विद्यार्थियों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है. यह परीक्षा जुलाई में होती आई है. लेकिन वे अब 25 मई से ही परीक्षा लेने पर उतारू हैं. रजिस्ट्रार डॉ. दिनेश भोंडे को इस बात का कोई मलाल नहीं है कि पिछली परीक्षा लेने में एक माह का विलंब विद्यापीठ की ओर से क्यों हुआ. वे बस यही जानते हैं कि इस बार परीक्षा 25 मई से लेनी है तो लेनी है. विद्यापीठ में परीक्षा सैमेस्‍टर पद्धति से ली जाती है. यानि हर अगली परीक्षा छह महीने के अंतराल पर होती है, जबकि इस बार डेढ़ महीने से भी कम समय के अंतराल पर अगली परीक्षा ली जा रही है. इस असंबन्ध में विद्यापीठ के संबंधित अधिकारियों ने परीक्षा के इस टाइम टेबल पर कुछ कहने से पल्ला झाड़ लिया. रजिस्ट्रार डॉ. भोडे का उलटवार लेकिन जब विद्यापीठ के रजिस्‍ट्रार डॉ. दिनेश भोंडे से ही जब इस बाबत हमने जानना चाहा तो डॉ. भोंडे का कहना था कि परीक्षा का नतीजा कब आया और अगली परीक्षा के समय का आपस में कोई संबंध नहीं है. उन्‍होंने कहा कि किसी कारणवश पिछले सैमेस्‍टर की परीक्षा जनवरी के बजाय फरवरी में हुई थी, लेकिन बच्‍चों को इस परीक्षा के बाद ही आगे की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए थी. उनका छात्रों पर ही उलटवार था कि उन्‍होंने नतीजा आने तक इंतजार क्‍यों किया? जुलाई में ली जाती है परीक्षा विद्यापीठ के बीसीए के स्‍टडी सेंटर पर ऐकेडमिक एवं प्रैक्टिकल पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है. जिससे हजारों छात्र एवं उनके अभिभावक इस बात से चिंतित हैं कि कैसे परीक्षा दी जाए. छात्रों का कहना है कि अभी तक स्‍टेडी सेंटर्स पर उनका कोर्स ही पूरा नहीं हो पाया है. जो परीक्षाएं हर साल जुलाई में आयोजित होती है, वह मई में शुरू हो रही है. छात्रों का कहना है कि परीक्षाएं जुलाई में ही लेनी चाहिए, ताकि उन्‍हें तैयारी करने का पूरा समय मिल सके एवं स्‍टेडी सेंटर्स पर कोर्स भी पूरा हो सके. यशंवतराव चव्‍हाण महाराष्‍ट्र मुक्‍त विद्यापीठ (YCMOU) की बीसीए परीक्षा का टाइम टेबल छात्रों को पढाई के लिए पर्याप्‍त समय देना चाहिए : अभिभावक छात्रों ने बताया कि इस तरह विद्यापीठ परीक्षा लेने लगी तो उनका भविष्‍य अंधकारमय हो जाएगा एवं वे परीक्षा में कैसे अच्‍छे नंबर ला पाएंगे. विद्यापीठ को पहले की तरह छात्रों को पढाई के लिए पर्याप्‍त समय देना चाहिए एवं परीक्षा जुलाई में लेने पर विचार करना चाहिए. चिंतित अभिभावक यूनिवर्सिटी के इस निर्णय को उनके बच्‍चों के साथ खिलवाड़ मानते हैं. यशंवतराव चव्‍हाण महाराष्‍ट्र मुक्‍त विद्यापीठ की कोर्स देखरेख करने वाली श्रीमती मोनाली बोराडे ने बताया कि वे केवल बीसीए स्‍टडी मटीरियल के मामले देखती हैं. छात्रों और अभिभावकों की...
टक्कर

ट्रैवल्स-ट्रक के बीच भीषण टक्कर में 15 गंभीर जख्मी

नागपुर (भिवापुर) : नागपुर-भिवापुर राष्ट्रीय महामार्ग पर सोमवार की देर रात एक ट्रैवल्स और ट्रक की आमने सामने की टक्कर में 15 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए. मारूफाटा के निकट हुई इस दुर्घटना में जख्मियों के प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें नागपुर के शासकीय मेडिकल अस्पताल में ले जाकर भर्ती करा दिया गया है. ट्रैवल्स क्रमांक एम.एच.-40/बी.जी.-0500/ बारातियों को लेकर वापस लौट रहा था. यह ट्रैवल्स लाखांदूर से बारातियों को लेकर नागपुर गया था. वहां 13 मई को शादी के बाद रात्रि में लाखांदूर वापस आ रहा था. घायल बारातियों में प्रमोद‌ सीताराम तारणकर (42) सोनी, लाखांदूर, नानेश्वर हरि ठाकरे (35), राम हरि ठेंगड़ी (19), नीलकंठ बालाजी राऊत (54), अक्षय सारंगधर ठाकरे (37), जयश्वर नथ्थु देशमुख (32), देवदास‌ झिंगर राऊत (60), राजेश्वर रामचंद्र मांडवकर (37), विलास मनोहर दिघोरे (25) सभी सोनी, लाखांदूर जि.- भंडारा निवासी, अस्मिता‌ प्रभु बुराडे (22), युग प्रभु बुराडे (2), प्रभु शामराव बुराडे (27), सिर्सी, वडसा जि.- गढ़चिरोली निवासी, प्रशांत‌ आनंदराव दरोडे (29) सोनी, लाखांदूर, जिला- भंडारा निवासी का समावेश है. प्राप्त जानकारी के अनुसार लाखांदूर के सोनी‌ ग्राम के एक परिवार के युवक की शादी नागपुर में सोमवार, 13 अप्रैल में थी. शादी के बाद नवविवाहित जोड़े को लेकर ट्रैवल्स बारातियों के साथ वापस लाखांदूर के सोनी गांव वापस लौट रहा था. नागपुर-भिवापुर राष्ट्रीय महामार्ग पर मरूपार फाटा‌ के निकट विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहे ट्रक क्र. सी.जी. 08/वाय. 2991 की बारातियों से भरे ट्रैवल्स से टकरा गया. टक्कर इतना भयावह था कि टैवल्स के सामने से आधा भाग बुरी तरह नष्ट हो गया. घायलों को तुरंत वहीं प्राथमिक उपचार कर नागपुर के शासकीय मेडिकल अस्पताल भेज दिया गया.
वृद्धाश्रम

स्वामी विवेकानंद वृद्धाश्रम को छह सिलिंग फैन भेंट किए झंकार ने

नागपुर : वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के झंकार महिला मण्डल ने सोमवार, 13 मई को सावनेर में कलमेश्वर रोड स्थित स्वामी विवेकानंद वृद्धाश्रम को छह सिलिंग फैन, फल और शीतल पेय भेंट किया. इस अवसर पर झंकार महिला मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती अनीता मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं. उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा सबसे बड़ी सेवा है, आपके बीच आकर मुझे असीम खुशी का अनुभव हो रहा है. श्रीमती मिश्र ने सभी बुजर्गों के सुखी एवं स्वस्थ जीवन की कमाना की और कहा कि झंकार महिला मण्डल आपकी सेवा के लिये सदैव तत्पर है. श्रीमती मिश्र ने आश्रम द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली गतिविधियों की सराहना की. इस अवसर पर झंकार महिला मण्डल की उपाध्यक्ष श्रीमती अनिता अग्रवाल, श्रीमती राधा चौधरी एवं सदस्याएँ सर्वश्रीमती सुषमा गोखले, लिपिका श्रीवास्तव, नीरजा श्रीवास्तव, सिम्मी सिंह, मौसमी सरकार, अनिता सिंह आदि विशेष रूप से उपस्थित थीं. स्वामी विवेकानंद वृद्धाश्रम आश्रम के पदाधिकारी पंकज दवने ने उक्त सहयोग के लिए झंकार महिला मण्डल एवं वेकोलि को धन्यवाद दिया.