केलापुर के एक ही परिवार में डेंगू से तीसरी मौत

महामारी की तरह फ़ैल रही है जान लेवा बीमारी, रोकथाम के उपाय नहीं अश्विन शाह पुलगांव (वर्धा) : निकट के केलापुर गांव के एक ही मुंजेवार परिवार के तीन लोग डेंगू की चपेट में आकर अपने प्राण गवां चुके हैं. पहले पिछले 5 अगस्त को चाचा-भतीजे विजय शिवाजी मुंजेवार (50) और अनिकेत राजू मुंजेवार (15) की डेंगू से जान गई. उसके उसी परिवार के और पूर्व में डेंगू से ही जान गवां बैठे विजय मुंजेवार के 23 वर्षीय पुत्र अविनाश विजय मुंजेवार की भी नागपुर के लता मंगेशकर अस्पताल में उपचार के दौरान पिछले सोमवार के दिन मौत हो गई. पुलगांव तहसील में डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी महामारी के रूप में फैल रही है. इस बीमारी से पीड़ित सैकड़ों लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. केलापुर में तो डेंगू का प्रकोप चरम पर है. इस कारण यहां हुई तीसरी मौत से लोगों में दहशत घर कर गई है. अस्पतालों में भी हड़कंप मचा हुआ है. क्षेत्र के विधायक, सांसद और सरकारी अधिकारियों ने गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा भी लिया. यहां से लोगों को उपचार के लिए वर्धा और नागपुर के अस्पतालों में उपचार के लिए भेजा जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि अस्पताल में उपचार के पूरे इंतजाम हैं, लेकिन डेंगू के प्रसार पर रोक नहीं लगाए जाने से स्थिति गंभीर होती जा रही है.

पेमेंट बैंक का सीआरओ 3 लाख की लूट का शिकार

हिंगणा एमआईडीसी एरिया की वारदात विपेन्द्र कुमार सिंह नागपुर : हिंगणा एमआईडीसी एरिया में मंगलवार की रात एक पेमेंट बैंक का ग्राहक सम्पर्क अधिकारी (सीआरओ) लूट का शिकार हो गया. एक बदमाश उसके पास से 2.99 लाख रुपए से भरा बैग छीन कर भाग खड़ा हुआ. हिंगणा एमआईडीसी पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता राजगृह नगर निवासी पंकज भारत नागुलवार (27), जो एक पेमेंट बैंक का ग्राहक संपर्क अधिकारी है, रोज की तरह दिन भर ग्राहकों से पैसे एकत्र कर रात जब अपने घर लौट रहा था, तभी करीब 7.30 बजे आईसी चौक के समीप उसके मोबाइल पर उसके किसी मित्र का फोन आया, वह अपना बाइक सड़क किनारे रोक कर मोबाइल पर बात करने लगा. इसी दौरान उसके पीछे लगा बदमाश मौका देख उसका रुपयों से भरा बैग छीन कर ले उड़ा. पंकज नागुलवार ने बाद में हिंगणा एमआईडीसी थाने जाकर लूट की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध भादंवि की दफा 379 के तहत शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

महाराष्ट्र सरकार पर राज्य चुनाव आयोग ने दायर किया मुकदमा

स्वायत्त संस्था चुनावों में संवैधानिक अड़चन डालने का आरोप, वानाडोंगरी और बुटीबोरी का मामला नागपुर : एक अभूतपूर्व फैसला लेते हुए राज्य चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र सरकार पर चुनावों में बाधाएं डालकर आयोग को अपने संवैधानिक दायित्व पूरी करने में व्यावधान निर्माण करने का आरोप लगाते हुए मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में एक याचिका दायर की है. तकनीकी बाधाएं खड़ी कर रही सरकार याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिला परिषद चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने और राज्य सरकार को इसकी पूर्व सूचना देने के बाद भी जानबूझकर सरकार तकनीकी बाधाएं खड़ी कर रही है. आयोग की याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस भूषण धर्माधिकारी और जस्टिस मुरलीधर गिरटकर ने महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव, नगर विकास सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को नोटिस भेजकर कर 9 सितंबर तक जवाब देने को कहा है. पिछले डेढ़ वर्ष से चल रहा यह खेल चुनाव आयोग की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से पिछले डेढ़ वर्ष से यह खेल चल रहा है. आयोग ने अपनी याचिका में कहा कि जिप का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अधिकतम और कानूनन 6 माह के भीतर नए चुनाव हो जाने चाहिए, लेकिन सरकार की ओर से कुछ न कुछ इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं कि चुनाव को अकारण टालना पड़ रहा है. पहले वानाडोंगरी फिर बुटीबोरी का मामला आयोग की ओर से बताया गया कि जब-जब जिप चुनाव घोषणा की तैयारी की जाती है, सरकार कोई न कोई संवैधानिक अड़चन निर्माण करती है. निर्वाचन क्षेत्रों की पुनर्रचना और आरक्षण निर्धारण के तुरंत बाद सरकार ने वानाडोंगरी ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाने का फैसला ले लिया. इससे आयोग को अचानक ही चुनाव कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. उसके कुछ दिनों बाद आयोग ने राज्य सरकार को फिर से सूचना दी कि वह जिला परिषद चुनाव की घोषणा करने जा रहा है और अब उसने ग्राम पंचायत के संदर्भ में कोई भी फैसला लेने से बचना चाहिए. उसके बाद भी सरकार ने बुटीबोरी ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाने का फैसला कर डाला. जिससे एकबार फिर से आयोग को अपना कार्यक्रम वापस लेना पड़ा. आयोग ने कहा कि किसी स्वायत्त संस्था का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 6 माह के भीतर चुनाव कराना जरूरी है.

वेकोलि में शून्य दुर्घटना लक्ष्य प्राप्ति का लिया संकल्प

45वीं त्रिपक्षीय सुरक्षा समिति की बैठक संपन्न नागपुर : वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) मुख्यालय की "45वीं त्रिपक्षीय सुरक्षा समिति" की बैठक आज मंगलवार को खान सुरक्षा पश्चिमी क्षेत्र के उप महानिदेशक आर. सुब्रमनियन, नागपुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इसमें कम्पनी की खदानों में शून्य दुर्घटना लक्ष्य प्राप्ति का संकल्प लिया गया. बैठक में, कर्मियों एवं संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया गया. कार्यक्रम के दौरान, सितम्बर माह में एकाटेरिन्बर्ग (रूस) में आयोजित 11वें अंतर्राष्ट्रीय खान बचाव प्रतियोगिता में कोल इंडिया लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करने वाली वेकोलि की टीम के सदस्यों का सत्कार कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया. वेकोलि के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक राजीव रंजन मिश्र ने अपने सम्बोधन में आश्वस्त किया कि त्रिपक्षीय सुरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को यथाशीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कर्मियों की सुरक्षा सदैव हमारी प्राथमिकता में सर्वोपरि है. बैठक में वेकोलि के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मिश्र, निदेशक (वित्त) एस. एम. चौधरी, निदेशक (तकनीकी) टी.एन. झा, खान सुरक्षा निदेशक अंचल -1 डी.के. साहू, अंचल -2 एम.सी. जायसवाल, सी. पलनिमलै, बी. बेहरा, एस. जी. भैसारे, मुख्य महाप्रबन्धक आर.सी. सनोडिया, सी.जे. जोसेफ सीआईएल सेफ़्टी बोर्ड सदस्य, पी. के. सिंह, एन.आर. सारतकर, सुनील मोहितकर, श्रीनाथ सिंह, जितेन्द्र सिंह मल्ल, ए.के. सिंह, कमलेश द्विवेदी, कैलाश निरापुरे , महंगी यादव (सभी द्विपक्षीय सुरक्षा समिति सदस्य, वेकोलि) महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं संरक्षण) ए.के. सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे. स्वागत भाषण ए.के. सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन आर.के. मिश्रा, महाप्रबंधक वणी क्षेत्र ने किया. बैठक के प्रारंभ में शहीद कर्मियों की स्मृति में मौन रखा गया और सुरक्षा शपथ दिलाई गई. इसके पूर्व कम्पनी की द्विपक्षीय सुरक्षा समिति की भी बैठक संपन्न हुई.

महाराष्ट्र सरकार के फैसले के विरोध में व्यापारियों ने फसलों की खरीद रोकी

एमएसपी से नीचे की दर पर कृषि उपज की खरीदी पर व्यापारियों को भरना पड़ेगा भारी जुर्माना नागपुर : महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में निर्णय लिया है कि मंडियों में व्यापारी को किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे की दर पर किसी भी कृषि उपज की खरीदी नहीं करने देंगे. यदि ऐसा हुआ तो व्यापारी पर 50,000 रुपए का जुर्माना और एक वर्ष की जेल हो सकती है. सभी कृषि उपज की बाजार दर फिलहाल एमएसपी से नीचे चल रहा राज्य सरकार के इस निर्णय से व्यापारी अत्यधिक खफा हैं, क्योंकि वर्तमान में लगभग सभी कृषि जिंसों की कीमतें एमएसपी से नीचे चल रही हैं. जैसे मूंग का सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 6,960 रुपए है, लेकिन खुले बाजार में 5,000 से 5,500, तुअर का एमएसपी 5450रुपए, लेकिन खुले बाजार में 3900-4000 रुपए, आयातित 3,300 मुम्बई से, चना 4,450, खुले बाजार में 3,600-3,900, इसी तरह उरद का एमएसपी 5,600 रुपए है, लेकिन खुले बाजार में यह 3,500-4,500 रुपए है, जवारी का एमएसपी 2,300 है, पर खुले बाजार में 1,600-1,850 है, मक्का का एमएसपी 1,750 है, पर खुले बाजार में 1,400-1,600 रुपए तक भाव है. व्यापारियों ने नहीं खरीदा तो सरकार बिलकुल ही नहीं खरीदेगी अतः खुले बाजार में इतने भाव कम होने से व्यापारी एमएसपी पर ऊंचे भाव में कैसे खरीदी करेगा. फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ ट्रेडर्स (महाराष्ट्र) के उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी के अनुसार इससे सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का होगा. उनकी कृषि उपज बिकेगी बिकेगा नहीं और सरकार उनसे समर्थन मूल्यों में माल निश्चित ही नहीं खरीद सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय किसान, व्यापारी और आम जनता के हित में तो बिलकुल नहीं है. महाराष्ट्र की अधिकांश मंडियों में ट्रेडर्स कमीशन एजेंट्स और व्यापारियों ने किसानों से उनकी फसल खरीदना बन्द कर दिया है. दिलचस्प यह है कि किसानों के प्रतिनिधि भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उसका प्रमुख कारण यह है कि इससे किसानों को ही भारी परेशानी हो सकती है. मंडी एसोसिएशन का कहना है कि हम जब तक खरीद नहीं करेंगे, तब तक राज्य स्तर पर कोई सही निर्णय नहीं लिया जाता. व्यापारी संगठनों का कहना है कि एक तरफ राज्य सरकार मंडियों में एमएसपी पर फसलों की खरीद करा रही है. कमोडिटी एक्सचेंज में कृषि जिंसों के भाव एमएसपी से नी दूसरी ओर कमोडिटी एक्सचेंज में कृषि जिंसों के भाव एमएसपी से नीचे चल रहे हैं. उस पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती. एक्सचेंज में भाव एमएसपी से ऊपर होंगे तो हाजिर बाजार में कुछ भी करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. भाव खुद ही एमएसपी से ऊपर चले जाएंगे. उसके अलावा सरकार को स्वयं अपने द्वारा एमएसपी से कम भावों पर दलहनों की की जा रही बिक्री भी रोकनी होगी. तभी सरकार का यह कदम सफल हो पाएगा. यदि व्यापारियों ने ज्यादा आना-कानी की तो सरकार इसमें बदलाव करके यह नियम लगा सकती है कि यदि कोई व्यापारी एमएसपी पर फसलों की खरीद करने से मना करता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा। यह नियम एपीएमसी एक्ट में है. फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ...

सरकारी अधिकारियों और विभागों को देश की जनता के प्रति जवाबदेह बनाएं : जे.पी....

विदर्भ टैक्सपेयर्स असोसिएशन की सरकार से मांग नागपुर : विदर्भ टैक्सपेयर्स असोसिएशन (वीटीए) ने सरकारी अधिकारियों और विभागों की जवाबदेही तय की जाए और उनको देश की जनता के प्रति जवाबदेह बनाने की मांग सरकार से की है. यह बात वीटीए के अध्यक्ष जे.पी. शर्मा ने हाल ही में वीटीए की वार्षिक आम सभा में बताई. उन्होंने कहा कि वीटीए लगातार करदाताओं के अधिकार के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों जीएसटी के अंतर्गत करों में कटौती करने जीएसटी फाइल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए वीटीए के माध्यम से वित्त मंत्री से बार-बार आग्रह किया गया. वीटीए की वार्षिक आमसभा हाल ही में होटल तुली इंटरनेशनल में संपन्न हुई. असोसिएशन के अध्यक्ष जे.पी. शर्मा के साथ सचिव तेजिंदर सिंह रेणु, उपाध्यक्ष श्रवण कुमार मालु और रामकृष्ण ओझा, कोषाध्यक्ष पवन के. चोपड़ा, संयुक्त सचिव हेमंत त्रिवेदी और अमरजीत सिंह मंच पर उपस्थित थे. सदस्यों और आमंत्रित अतिथियों की उपस्थिति में वीटीए ने विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं के पदाधिकारी चुने गए अपने सदस्यों संजय के. अग्रवाल (सचिव-एनवीसीसी), आश्विन अग्रवाल (उपाध्यक्ष-एनवीसीसी), उमेश पटेल (संयुक्त सचिव-एनवीसीसी) और एस. पारेख (सचिव- विदर्भ प्लायवुड मर्चेंट असोसिएशन) को सम्मानित किया. साथ ही वीटीए के ने सदस्य दीपेश पटेल का भी सम्मान किया गया.

मैं खुश हूं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं :...

'2019 के चुनाव में अधिकतम सीटें जीतने वाली पार्टी ही प्रधानमंत्री पद के लिए दावा करेगी' मुंबई : राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 2019 के चुनाव में अधिकतम सीटें जीतने वाली पार्टी ही प्रधानमंत्री पद के लिए दावा करेगी. उन्होंने 'मैं इस बात से खुश हूं कि कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने भी कहा है कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं.' पवार ने कहा, 'चुनाव होने दीजिए, इन लोगों (भाजपा) को सत्ता से बेदखल होने दीजिए. हम एकसाथ बैठेंगे. अधिक सीट जीतने वाली पार्टी प्रधानमंत्री पद पर दावा कर सकती है.' उन्होंने मुंबई में अपनी पार्टी राकांपा की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान पर भी 'खुशी' जाहिर की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखते हैं. ज्ञातव्य है कि गांधी ने ब्रिटेन में एक इंटरव्यू में कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखते हैं. राहुल गांधी ने कहा था, 'मैं इस तरह (प्रधानमंत्री बनने) के सपने नहीं देखता. मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं और यह बदलाव मेरे अंदर 2014 के बाद आया.' मुंबई में आयोजित राकांपा की बैठक में पवार ने अपने पार्टी नेताओं को याद दिलाया कि 2004 के आम चुनाव के बाद गठित संयुक्त प्रगतिशील ग‍ठबंधन ने तत्कालीन राजग सरकार को सत्ता से बेदखल किया था. उन्होंने कहा कि वह हर राज्य में जाकर ऐसे क्षेत्रीय दलों को उनके साथ जोड़ने की कोशिश करेंगे जो अभी भाजपा के साथ नहीं हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है. उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश हैं. हर राज्य की स्थिति अलग है. इसलिए हमें हर राज्य में मजबूत लोगों को अपने साथ लेना होगा.'

नागपुर विवि छात्रावास से अवैध कब्जा हटाने पर अंतिम फैसला 27 को

लॉ कालेज होस्टल में बिना अनुमति के अवैध रूप से रहने वाले छात्रों का मामला बिपेंद्र कुमार सिंह नागपुर : राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के लॉ कालेज होस्टल में बिना अनुमति के अवैध रूप से रहने वाले छात्रों के मामले विश्वविद्यालय प्रशासन कल सोमवार, 27 अगस्त को निर्णय लेगा. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार नियमानुसार विश्वविद्यालय छात्रावासों में मात्र एक डिग्री काल तक के लिए ही रहने दिया जाता है. स्नात्तक की परीक्षा देने के बाद उत्तीर्ण होने अथवा अनुतीर्ण होने, दोनों ही अवस्था में उन्हें छात्रावास छोड़ देना है. लेकिन उत्तीर्ण और अनुतीर्ण दोनों ही तरह के छात्र छात्रावासों में अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए हैं. इससे नए छात्रों को छात्रावासों में जगह नहीं मिल पा रहा है. ऐसे छात्रों को विश्विद्यालय प्रशासन ने पिछले 15 जुलाई तक छात्रावास छोड़ देने का आदेश दिया था. लेकिन 15 अगस्त बीत जाने पर भी उन्होंने छात्रावास का अपना कमरा खाली नहीं किया. इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ाई बरतते हुए उनके कमरों के दरवाजों पर सुरक्षा गार्डों की मदद से ताले लगवा दिए थे. इसके बाद इन छात्रों ने प्र-उपकुलपति से मिलकर अपना विरोध जताया और अपने कमरों के ताले खुलवाने की मांग की. इस पर प्र-उपकुलपति ने विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय से अवगत कराया और बता दिया कि आगामी सोमवार को कमरों से उनके सामान बाहर निकलवा दिए जाएंगे. इससे नाराज छात्रों ने कैम्पस के गेट के सामने नारेबाजी भी की. सोमवार को छात्रावास से उनके सामन निकाले जाने को लेकर फिर आंदोलन किया और विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रावास से नहीं हटाने का आग्रह किया. विवि द्वारा सोमवार से छात्रों का सामान कमरों से बाहर निकाला जाना है. यही वजह थी कि छात्रों ने शनिवार को भी एक बार विवि के सामने आंदोलन किया. इस दौरान छात्रों ने उन्हें बाहर नहीं निकालने की मांग की. इसके बाद भी प्र-उपकुलपति ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती. लेकिन छात्रों के आग्रह पर यह मुद्दा विवि प्रशासन के समक्ष रखने का आश्वासन दिया था. सूत्रों ने बताया कि अब कल सोमवार को उपकुलपति की अध्यक्षता में एक समिति ही इन छात्रों की मांग पर अंतिम निर्णय लेगी.

स्व. वाजपेयी को श्रद्धांजलि का विरोध करने वाले पार्षद को एक साल की सजा

औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : औरंगाबाद महापालिका की बैठक में पिछले दिनों पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के प्रस्ताव का विरोध करने वाले एआईएमआईएम के पार्षद सैयद मतीन राशिद को एक साल की सजा सुनाई गई है. उसके खिलाफ पुलिस ने महाराष्ट्र प्रिवेंशन ऑफ डेंजरस एक्टिविटीज ऑफ स्लमलॉड्र्स, बुटलेगर्स, ड्रग ओफेंडर्स और डेंजरस पर्सन एक्ट 1981 के तहत मामला दर्ज है. पिछले हफ्ते राशिद ने नगर निगम की बैठक में वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने का विरोध किया था. इसके बाद भाजपा पार्षदों ने 32 वर्षीय राशिद की कथित तौर पर पिटाई की थी. किसी तरह पुलिस वालों ने उन्हें बचाया था, लेकिन इसके बाद उसको गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि मंगलवार को राशिद को इस मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन थोड़ी देर बाद ही सिटी चौक पुलिस स्टेशन की एक टीम हरसुल जेल पहुंची. यहां पर राशिद को पुलिस कस्टडी में रखा गया था. इसके बाद राशिद को एक साल की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया. इस मामले में औरंगाबाद के कमिश्नर चिरंजीव प्रसाद ने कहा, 'उनके खिलाफ जिस तरह के आरोप हैं, उसके बाद हमारे पास कोई विकल्प नहीं थे.' राशिद इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं. वह पहली बार तब विवादों में आए जब उन्होंने नगर निगम में राष्ट्रगान बजाने का विरोध किया था. आईएमआईएम के दूसरे पार्षद सैयद इम्तियाज जलील ने कहा, 'इसके पीछे पूरी तरह से राजनीति है. हमारी पार्टी ने वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि दी थी. ये हमारा पार्टी का मामला था.'

नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर

नई दिल्ली : वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का कल आधी रात के बाद यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे. उनके परिवार के एक सदस्य ने यह जानकारी दी. प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले मशहूर पत्रकार और लेखक नैयर के बड़े बेटे सुधीर नैयर ने बताया कि उनके पिता की मौत कल आधी रात के बाद 12 बजकर 30 मिनट पर एक निजी अस्पताल में हुई. उन्होंने बताया कि वह न्यूमोनिया से पीड़ित थे और पांच दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं. नैयर का अंतिम संस्कार लोधी शवदाह गृह में किया जाएगा. वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा प्रधानमंत्री सहित कई अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वरिष्ठ पत्रकार को ‘लोकतंत्र का प्रतिबद्ध योद्धा’ बताया है. राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ' प्रसिद्ध संपादक, लेखक, राजनयिक और संसद सदस्य कुलदीप नैयर के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. आपातकाल के दौरान वह लोकतंत्र के प्रतिबद्ध योद्धा थे. उनके पाठक उन्हें याद करेंगे. उनके परिवार और सहकर्मयों के प्रति संवेदनाएं.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुलदीप नैयर को आज ‘‘बुद्धिजीवी’’ बताया और कहा कि वरिष्ठ पत्रकार को उनके निर्भीक विचारों के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह उनके निधन से दुखी हैं. मोदी ने टि्वटर पर कहा, ‘‘कुलदीप नैयर हमारे समय के बुद्धिजीवी थे. अपने विचारों में स्पष्ट और निर्भीक. आपातकाल के खिलाफ उनका कड़ रुख, लोक सेवा और बेहतर भारत बनाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को हमेशा याद किया जाएगा. उनके निधन की खबर से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं." नैयर के निधन पर शोक जताते हुए माकपा नेता सीताराम येचुरी ने आज कहा कि ‘‘पाकिस्तान और हिंदुस्तान के लोगों के बीच संवाद की वकालत करना उनकी विशेषता रही थी.’’ येचुरी ने कहा कि नैयर ने हमेशा लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता का समर्थन किया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों, नागरिक स्वतंत्रता के चैंपियन और उन संघर्षों में अग्रणी रहे कुलदीप नैयर ने हमेशा विशिष्ट तरीके से भारत की सेवा की. वर्तमान संघर्ष में उनकी मौजूदगी मजबूती का स्रोत रही. श्रद्धांजलि.’’