लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बीच राहुल गांधी से प्रकाश अंबेडकर के 7 सवाल
विदर्भ आपला डेस्क-
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन पर महाराष्ट्र से सात प्रश्नों की अप्रत्याशित बौछार हुई है. महाराष्ट की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) ने राहुल गांधी को इन सात प्रश्नों के कठघरे में खड़ा कर दिया है. मणिपुर और नूंह की हिंसा के साथ अन्य प्रश्नों की यह बौछार मंगलवार, 8 अगस्त को तब की गई है, जब लोकसभा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू हुई.
वीबीए अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने ट्विटर पर यह सवाल दागते हुए कहा, ‘चूंकि कांग्रेस कल लोकसभा में राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल होने का जश्न मना रही थी, इसलिए मुझे दो काफी वैध मुद्दों और सवालों पर कांग्रेस का ध्यान आकर्षित करने की अनुमति दें.’ उन्होंने पूछा है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी कब दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और ओबीसी के मुद्दों को उठाएंगे. मणिपुर और हरियाणा के नूंह की हिंसा पर राहुल गांधी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के आधे-अधूरे रवैए के साथ कथित तौर पर राजनीति किए जाने के लिए भी उन्हें आड़े हाथों लिया है.
Since the INC was busy celebrating @RahulGandhi’s reinstatement as an MP in the LS yesterday, allow me to divert @INCIndia’s and their allies’ attention to very legitimate issues and questions as a former 2-time MP.
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) August 8, 2023
When will the INC and its allies raise the real affairs and… pic.twitter.com/Nuq0XKBYC9
प्रकाश आंबेडकर ने अपना सवाल रखते हुए पूछा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी कब दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और ओबीसी के मुद्दों को उठाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी दलों ने आधे-अधूरे मन से मणिपुर हिंसा और नूंह की घटनाओं पर प्रतिक्रियाएं दी, जो बहुत देर से आई और इसमें राजनीति की बू आ रही है.
प्रकाश अंबेडकर ने राहुल गांधी से पूछे कौन से 7 सवाल?
1- उन्होंने कांग्रेस और सहयोगियों से पूछा है कि वे मणिपुर संकट पर वास्तविक सवाल कब उठाएंगे? वहां हिंदू मैतेई को एसटी का दर्जा क्यों दिया गया, किस पार्टी ने प्रक्रिया शुरू की, और अब उनका (राहुल एवं विपक्षी गठबंधन का) रुख क्या है.
2- आंबेडकर ने यह बताने की मांग की है कि कांग्रेस ने कठोर डेटा संरक्षण विधेयक पर बहस में भाग क्यों नहीं लिया, जिसे सरकार ने खाना पहुंचाने वाले ऐप से ऑर्डर की डिलीवरी से भी तेज गति से लोकसभा में पारित कर दिया.
3- आंबेडकर का अगला निशाना- ‘कांग्रेस लैपटॉप के आयात पर प्रतिबंध लगाने की नीति पर सरकार को कब घेरने जा रही है, जो सीधे तौर पर एक विशेष विनिर्माण उद्यम को मदद करती है, जिसके शेयर अब बढ़ गए हैं?
4- वह यह भीपूछते हैं कि भारत में ‘भ्रष्टाचार के बीज’ चुनावी बांड है. इस पर कांग्रेस का क्या रुख है? वीबीए प्रमुख ने कांग्रेस के सहयोगियों से पूछा कि क्या वे सरकार के आंकड़ों और जवाबों से सहमत हैं, जो संसद के दोनों सदनों में बार-बार दोहराया गया है कि भारत में हाथ से मैला ढोने की प्रथा बंद हो गई है?
5- आंबेडकर ने गारंटी योजनाओं के लिए अनुसूचित जाति योजना और अनुसूचित जनजाति योजना निधि को डाइवर्ट करने के कर्नाटक सरकार के कदम पर भी कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा है.
6- एक अन्य आरोप में आंबेडकर ने आश्चर्य जताया कि कांग्रेस भाजपा से कितनी अलग है? अगर उसके पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ उस बाबा बागेश्वर की मेजबानी कर रहे हैं – जो नियमित रूप से हिंदू राष्ट्र की मांग उठाते हैं?
7- अम्बेडकर ने अंत में कहा, ‘प्रिय राहुल गांधी, आपको तो ‘खामोश’ कर दिया गया है, लेकिन क्या पूरी कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन भी खामोश हो गया? जवाब देना होगा!’
प्रकाश आंबेडकर भारतीय संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के पोते हैं. प्रकाश आंबेडकर का वीबीए महाराष्ट्र में कांग्रेस वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल होने का प्रयास कर रहा है. वह आगामी चुनाव, कांग्रेस सहित महाविकास के अन्य दलों के साथ लड़ने की भी मंशा रखता है, हालांकि अब तक उसे महाविकास की ओर से हरी झंडी मिलने के संकेत भी नहीं मिले हैं. वावजूद इसके, आंबेडकर ने महाविकास के एक मौजूदा संख्याबल में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता को निशाना बनाते हुए इंडिया गठबंधन को भी सवालों के घेरे में ले लिया है.
लोकसभा के सदस्यता गंवाने के बाद लंबे समय तक कांग्रेस नेता राहुल गांधी बेचारगी की स्थिति में थे. अब, जब सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को निलंबित कर दिया है और इसके बाद जब राहुल गांधी दोबारा सांसद बन गए हैं. उन्हें उनका आवास भी वापस मिल गया है. ऐसे में प्रकाश आंबेडकर ने इन सवालों को खड़े कर राहुल सहित इंडिया गठबंधन के आगे कम से काम महाराष्ट्र में तो दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और ओबीसी के मुद्दों को जरूर खड़ा कर दिया है.