विभिन्न समूहों के नेताओं, सरकार की बातचीत पर जारी हुआ संयुक्त बयान
मुंबई : मुंबई हाईकोर्ट ने आज मंगलवार, 7 अगस्त को मराठा आरक्षण पर सुनवाई शुरू की. हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद इस मामले में चल रही सुनवाई को 10 सितंबर तक के लिए टाल दिया. महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में प्रस्तुत अपनी प्रगति रिपोर्ट में कहा कि उसे उम्मीद है कि आगामी 15 नवंबर तक पिछड़ा वर्ग आयोग आरक्षण के मसले पर अपनी रिपोर्ट दे देगा.
सरकार के साथ नेताओं के संयुक्त बयान जारी
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि राज्य के तमाम नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों से बातचीत के बाद मराठों को आरक्षण देने का फैसला लिया गया है. इसी सिलसिले में राज्य के विभिन्न मराठा समूहों और क्षेत्रों के नेताओं के साथ सरकार ने आज बैठक की और मराठों को कानूनी तौर से आरक्षण देने के लिए एक संयुक्त बयान पर दस्तखत किए गए. संयुक्त बयान में कहा गया है, “राज्य सरकार मराठा आरक्षण के समर्थन में पूरी तरह से दृढ़ है. हम इसे जल्द से जल्द करने के लिए जरूरी प्रक्रिया के हिसाब से चल रहे हैं.”
नवंबर के विशेष सत्र में लाया जा सकता है मराठा आरक्षण बिल
माना जा रहा है कि नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में मराठा आरक्षण बिल विधानमंडल के विशेष सत्र में लाया जा सकता है. इससे पहले सीएम फड़णवीस ने कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने इस बात की पुष्टि की थी कि नवंबर के पहले सप्ताह के विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण विधेयक लाया जाएगा.
उन्होंने कहा, “हमने बैकवर्ड क्लासेज कमिशन को इस मुद्दे का परीक्षण करने के लिए कह दिया है. कमिशन 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है. यह रिपोर्ट राज्य कैबिनेट के समक्ष पेश की जाएगी और विशेष सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा.” मंत्री ने कहा कि विधेयक को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि आरक्षण देने में कोई कानूनी बाधा न आए.