अब जिला सत्र न्यायालय में दायर करने की तैयारी कर रहे पूर्व पार्षद जनार्दन मून
नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में खारिज हो जाने के बाद पूर्व नगरसेवक जनार्दन मून उन पर यह मुकदामा अब जिला सत्र न्यायालय में दायर करने की तैयारी में हैं.
पुलिस ने थाने में दर्ज शिकायत पर नहीं लिया था संज्ञान
संघप्रमुख द्वारा सेना पर दिए गए बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए मून ने सीताबर्डी थाने में पिछले 15 फ़रवरी को शिकायत दर्ज कराई थी. मून ने कहा कि उनकी शिकायत पर पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया, इस वजह से उन्होंने अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया है.
अदालत ने आरोप तथ्यहीन पाया
याचिका में मून ने संघ प्रमुख के बयान को देश के ख़िलाफ़ करार देते हुए भादंवि की दफा 121 और 505 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की थी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने प्रथमदृष्ट्या पाया कि उनका आरोप तथ्यहीन है, इस कारण अदालत ने मुकदमा ख़ारिज कर दिया.
बिहार के मुजफ्फरपुर में भागवत ने दिया था बयान
ज्ञातव्य है कि पिछले माह बिहार के मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा था कि सेना में एक जवान को तैयार होने में 6 महीने का समय लगता है, जबकि आरएसएस देश के लिए लड़ने में सक्षम जवानों को मात्र तीन दिन में तैयार कर सकता है. भागवत के इस बयान पर विरोधियों ने आपत्ति की थी. इस पर संघ की ओर से सफाई दे दी गई थी.