लाल किला से इस बार फार्मा मुगलों पर मोदी गिरा सकते हैं गाज

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मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने के लिए ‘Heal in India, Heal By India’ नई योजना की घोषणा भी संभव

नई दिल्ली : इस बार भी आगामी 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई बड़ा ऐलान करने वाले हैं. समझा जाता है कि प्रधानमंत्री का यह ऐलान फार्मास्यूटिकल कंपनियों पर गाज गिराने वाला साबित हो सकता है. यदि यह खबर सही है तो निश्चय ही यह एक बड़ी बात होगी. क्योंकि इससे पूर्व काफी दबदबा रखने वाली फार्मास्यूटिकल कंपनियों के विरुद्ध कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जा सका था.

फार्मास्यूटिकल कंपनियों के दबदबे पर अंकुश लगाने की तैयारी लंबे समय से

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री फार्मास्यूटिकल कंपनियों के दबदबे पर अंकुश लगाने की अपनी योजना को लंबे समय से अंजाम देने में लगे थे. इसके अंतर्गत ही कुछ वर्ष पहले जेनेरिक दवाओं को समर्थन दिया जाने लगा था. पिछले कोरोना काल में आयुर्वेदिक दवाओं के सफल परिणामों के कारण आम लोगों में बढ़ते भरोसे से भी सरकार अब हरकत में आ रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की सक्रियता से इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि अब फार्मास्यूटिकल कंपनियों द्वारा उत्पादित जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें सरकार का अगला निशाना हो सकती हैं. समझा जा रहा है कि प्रधानमंत्री इन दवाओं की कीमतों को लेकर ही बड़ा ऐलान कर सकते हैं. इस बात के संकेत हैं कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार लाल किले से अपने भाषण में जरूरी और लंबे इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के दाम को लेकर बड़ी घोषणा करेंगे.

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का लाल किले की प्राचीर से ये 9वां भाषण होगा. उन्होंने पहली बार साल 2014 में लाल किले से भाषण दिया था.

70 फीसदी तक कम हो सकते हैं दवाओं के दाम

सुविज्ञ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जरूरी दवा की लिस्ट में बड़े पैमाने पर बदलाव हो सकता है. अभी तक इस लिस्ट में 355 दवाएं हैं. साथ ही सरकार कंपनियों के भारी मुनाफे पर अंकुश लगा सकती है. ऐसा होने की स्थिति में दवाओं के दाम 70% तक कम हो जाएंगे. सरकार इसको कई चरणों में लागू कर सकती है.

मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने के लिए ‘Heal in India, Heal By India’ नई योजना

इसके अलावा लाल किला से पीएम मोदी मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने के लिए नई योजना का ऐलान कर सकते हैं. पीएम मोदी अपने भाषण में देश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने और भारत की आयुर्वेदिक और परंपरागत चिकित्सा पद्धति को अर्थव्यवस्था के विकास का अहम बिंदु मानते हुए कुछ नई घोषणा कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, ये ‘Heal in India, Heal By India’ की थीम पर हो सकती है, जिसमें समग्र आर्थिक विकास का ढांचा तैयार किया जाएगा.

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