पुलिस महकमे में तबादले और पोस्टिंग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार
मुंबई : महाराष्ट्र में परमबीर सिंह के पत्र के बाद उद्धव सरकार पर संकट बढ़ता जा रहा है. वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने गृह मंत्रालय को 6 जीबी से ज्यादा का डेटा सौंपा है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में पुलिस महकमे में तबादले और पोस्टिंग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. यह जानकारी एक न्यूज एजेंसी ANI ने ट्विटर के माध्यम से दी है.
ANI के अनुसार फड़णवीस का आरोप है कि खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की उद्धव सरकार ने कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की. पूर्व मुख्यमंत्री फड़णवीस ने दावा किया कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला द्वारा इजाजत लेकर फोन रिकॉर्ड किए गए थे और कॉल पर की गई बातचीत का 6.3 जीबी डेटा उनके पास है, जिसमें कई अहम पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी.
Delhi: BJP leader Devendra Fadnavis arrives at MHA.
He had sought time from Union Home Secretary to meet him and hand him over 6.3 GB of data of call recordings and some documents pertaining to alleged transfer posting racket of IPS and non-IPS officers of Maharashtra Police. pic.twitter.com/SvdPl4J9Gd
— ANI (@ANI) March 23, 2021
ANI ने ट्वीट कर बताया है कि गृह सचिव से मुलाकात करने के बाद देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि मैंने सभी सबूत सील बंद लिफाफे में दे दिए हैं. उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि वह इस मामले को देखेंगे और सरकार उचित कार्रवाई करेगी. इससे पहले, भाजपा नेता ने कहा कि इन सभी फोन कॉल को राज्य सरकार से उचित अनुमति लेकर शुक्ला ने रिकॉर्ड किया था, लेकिन अगस्त 2020 में मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को रिपोर्ट सौंपने के बावजूद रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा, “मैं इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहा हूं.”
I gave all evidence to Union Home Secy, in a sealed envelope. I've demanded CBI inquiry. He assured me he'll look into it & govt will take appropriate action. Why was the matter brushed under carpet? Why did state govt do nothing? Whom did they want to protect?: Devendra Fadnavis pic.twitter.com/2AgiAhwF7h
— ANI (@ANI) March 23, 2021
दूसरी ओर फड़णवीस पर पलटवार करते हुए सत्तारूढ़ आघाड़ी की सहयोगी पार्टी एनसीपी (NCP) ने कहा कि भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है. फड़णवीस ने पत्रकारों से कहा था कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, आईपीएस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं समेत अन्य के नामों का उल्लेख किया गया है. यह बहुत संवेदनशील सूचना है, इसलिए मैं फिलहाल इसका खुलासा नहीं कर रहा हूं.
विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें 2017 में गुप्त सूचना मिली थी कि पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के संबंध में पुलिस के कुछ अफसर एक होटल में बैठक कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह एक गिरोह का हिस्सा था और पूरी तरह से अवैध था। इसलिए छापा मारा गया और गिरफ्तारियां की गईं.” फड़णवीस जब मुख्यमंत्री थे, तब उनके पास गृह विभाग का जिम्मा भी था.
फड़णवीस ने दावा किया है कि 6.3 जीबी डेटा में बातचीत अकेले गृह और पुलिस विभाग को लेकर है. जिन सभी अफसरों की फोन कॉल रिकॉर्ड की गई थी, उन्हें वे पद मिल गए थे, जिसके लिए उन्होंने लॉबिंग की थी. यह साबित करता है कि शुक्ला द्वारा रिकॉर्ड की गई फोन कॉल में महत्वपूर्ण विवरण है.