रेमंड के अवकाशप्राप्त चेयरमैन की उपाधि से विजयपत सिंघानिया को किया वंचित

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बेटे गौतम से गहराया तनाव, बेटे पर लगाया चालबाजी का आरोप, बेटे ने किया खारिज

मुंबई : रेमंड ग्रुप के संस्थापक विजयपत सिंघानिया और उनके बेटे गौतम सिंघानिया के बीच तनाव और गहरा हो गया है. दरअसल, विजयपत सिंघानिया को एक पत्र के जरिए बताया गया कि उनसे रेमंड ग्रुप के अवकाशप्राप्त चेयरमैन की उपाधि छीन ली गई है. यह जानकारी मिलने के बाद सिंघानिया ने पहले कंपनी सेक्रटरी और बाद में बोर्ड को पत्र लिखकर शिकायत की कि उन्हें बोर्ड की बैठकों से अवगत नहीं किया गया. यह बात यहां अंग्रेजी दैनिक ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित इस खबर से सामने आई है.

7 सितंबर को ही रेमंड की ओर से दे दी गई थी जानकारी
विजयपत सिंघानिया के नाम 7 सितंबर को जारी पत्र में रेमंड के एक डायरेक्टर ने उनसे अवकाशप्राप्त चेयरमैन का टाइटल इस्तेमाल करने से मना किया. सिंघानिया ने उसे पत्र लिखकर बताया कि जब तक उन्हें हटाने के बोर्ड के फैसले का सबूत नहीं दिया जाएगा, तब तक वह यह आदेश नहीं मानेंगे। सिंघानिया को जारी पत्र पर थॉमस फर्नांडिस का हस्ताक्षर है. इसमें कहा गया है कि परिवार में क्या चल रहा है, इससे कंपनी का कोई लेना-देना नहीं है और बोर्ड ने सिंघानिया के व्यवहार के कारण उनसे मानद चेयरमैन का खिताब छीनने का फैसला किया.

इससे पहले, बोर्ड को संबोधित 30 अगस्त को लिखे एक पत्र में सिंघानिया ने उन्हें कंपनी से हटाने के लिए अपने बेटे की ‘चालबाजी’ का जिक्र किया. उन्होंने यह भी कहा कि गौतम सिंघानिया ने पद्म भूषण मेडल, पेंटिंग्स और तस्वीरें जैसी उनकी कई ‘बहुमूल्य और असाधारण वस्तुएं’ उन्हें वापस करने से इनकार कर दिया.

पिता के आरोपों को खारिज किया गौतम ने
वहीं, गौतम सिंघानिया ने गुरुवार को इकोनॉमिक टाइम्स के सहयोगी दैनिक ‘मुंबई मिरर’ से बात करते हुए पिता के लगाए सारे आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता को याद नहीं है कि उन्होंने ये चीजें कहां रख दीं. मेरे पास उनका कुछ भी नहीं है. मैं ये चीजें रखकर क्या करूंगा?’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अपने पिता के ऐसे व्यवहार से दुखी हूं. अगर उन्हें कोई समस्या है, तो मैं उनके सामने बैठकर सुलझाने को तैयार हूं. लेकिन, जहां तक कंपनी के कामकाज का सवाल है, उनके अवकाशप्राप्त चेयरमैन नहीं रहने से मेरा कोई लेनादेना नहीं है. यह बोर्ड का फैसला है और बोर्ड कुछ कारण से ही कोई फैसला लेता है. इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं होती है.’

कानून में अवकाशप्राप्त चेयरमैन की उपाधि का जिक्र नहीं…
कंपनी के अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जब कोई एक साल के अंदर लगातार चार बोर्ड मीटिंग्स में अनुपस्थित रहे तो उससे डायरेक्टर का पद छिन जाता है. उन्होंने कहा कि कानून में अवकाशप्राप्त चेयरमैन की उपाधि का जिक्र नहीं है. यह तो सिर्फ कंपनी की ओर से प्रदान की गई थी.

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