चंद्रपुर

चंद्रपुर में वर्षा जल संचय नहीं किया तो होगी दंडात्मक कार्रवाई 

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– शहर के सभी बोरवेल और कुओं के घरों के लिए वर्षा जल संचयन अनिवार्य, 
– बड़े भवनों, अपार्टमेंटस में 15 दिनों में वर्षा जल संचयन उपाय करने की अपील

चंद्रपुर (महाराष्ट्र) : विदर्भ के चंद्रपुर जिले में भूजल स्तर दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. नगर निगम की सीमा के भीतर नए निर्माण के लिए वर्षा जल संचयन की व्यवस्था करना अनिवार्य हो गया है. अब वर्षा जल संचयन नहीं करने पर ऐसे भवनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का भी फैसला किया गया है. 

शहर के बड़े भवनों, अपार्टमेंटस में 15 दिनों में वर्षा जल संचयन उपाय करने की अपील भी की गई है. हालांकि, निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन बिल्डरों का निर्माण शहर में पूरा हो चुका है और वर्षा जल संचयन का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है, यदि वे वर्षा जल संचयन नहीं करते हैं तो उनकी जमा राशि जब्त कर ली जाएगी.

आयुक्त राजेश मोहिते के मार्गदर्शन में नगर निगम कार्यालय में अपर आयुक्त विपिन पालीवाल की अध्यक्षता में वर्षा जल संचयन समीक्षा बैठक हुई. इस अवसर पर सहायक आयुक्त सचिन मकोडे, नरेंद्र बोभाटे, राहुल पंचबुद्धे, इको-प्रो अध्यक्ष बंदू धोत्रे सहित निर्माण एवं नगर नियोजन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.

बैठक में बताया गया कि चंद्रपुर शहर में जारी 396 भवन अनुज्ञापत्रों में से 22 भवन स्वामियों ने वर्षा जल संचयन का साक्ष्य प्रस्तुत कर अपनी जमा राशि वापस ले ली है. निर्णय लिया गया कि शेष बिल्डरों की जमा राशि जब्त कर ली जाएगी, क्योंकि उन्होंने वर्षा जल संचयन की व्यवस्था नहीं की है. सामान्य सभा की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार शहर के सभी बोरवेल धारकों और घरों में कुओं के साथ वर्षा जल संचयन अनिवार्य है. वर्षा जल संचयन नहीं करने पर ऐसे भवनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर नगर निगम द्वारा वर्षा जल संचयन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संपत्ति स्वामियों को प्रोत्साहन अनुदान भी दिया जाता है. मनपा की ओर से 2,500 रुपए और वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (वेकोलि) के सीएसआर फंड से 2,500 रुपए प्रोत्साहन अनुदान दी जाती है. कुल 5 हजार रुपए की इस अनुदान के साथ निगम की ओर से आगामी 3 वर्षों तक संपत्ति कर में दो प्रतिशत की छूट भी दी जाती है.    

नगर निगम प्रशासन कार्रवाई से बचने के लिए अगले 15 दिनों में वर्षा जल संचयन व्यवस्था करने की अपील कर रहा है. शहर में भूजल स्तर दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. इसके समाधान के रूप में बरसात के मौसम में बारिश की एक-एक बूंद को भूगर्भ के हवाले कर देना चाहिए.

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