जमशेदपुर (झारखंड) : रेलवे ने कोविड में बंद ट्रेनों को चलाने की घोषणा कर दी है. अनेक पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस में बदलकर चलाने की घोषणा की गई है. इसमें टाटा से चलने वाली इतवारी पैसेंजर भी शामिल है. 5 मई से टाटा-इतवारी-टाटा पैसेंजर की जगह यह ट्रेन टाटा-इतवारी-टाटा एक्सप्रेस (18109, 18110) बनकर चल रही है.
इसमें किराया एक्सप्रेस का लगा रहा है, जबकि ट्रेन का कोच वही होगा, पूर्व के निर्धारित मार्ग व ठहराव भी वही रहेंगे. समय भी पूर्व की तरह ही लगेगा. हां, अब उसका किराया एक्सप्रेस का वसूला जाएगा, जो छोटे स्टेशनों को जाने वाले यात्रियों के लिए तीन गुना तक हो सकता है.
प्रतिदिन यह गाड़ी नंबर 18110 इतवारी-टाटानगर मध्यरात्रि 12.05 बजे इतवारी स्टेशन से प्रस्थान करेगी. यह गाड़ी रात 8.40 बजे टाटानगर पहुंचेगी. इसी तरह ट्रेन नंबर 18109 टाटानगर-इतवारी एक्सप्रेस टाटानगर से सुबह 9.10 को चल कर इतवारी स्टेशन पर सुबह 4.45 बजे पहुंचेगी.
पैसेंजर ट्रेन को ही एक्सप्रेस बनाने का कड़ा विरोध
टाटा-इतवारी के बीच एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन स्वागत योग्य है, लेकिन पैसेंजर ट्रेन को ही एक्सप्रेस बनाकर तीन गुना किराया लेना पूरी तरह से अनुचित व गलत है. झारखंड के नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया है. उन्होंने मांग की है कि पैसेंजर ट्रेन ही चलाई जाए, जिसका स्थानीय लोग, स्टूटेंड, बीमार यात्रियों, महिलाओं, कामगारों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने का उपयोग करते थे.
ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाकर इसी तरह बढ़ाया था किराया
इससे पहले भी इसी तरह के एक निर्णय में रेलवे ने देश भर की कई ट्रेनों को एक साथ सुपरफास्ट बना दिया था. तब भी बिना किसी बदलाव के ट्रेन के किराया में सुपरफास्ट चार्ज जोड़ दिया गया और यात्रियों से अधिक वसूली की जाने लगी. इस तरह एक बार फिर से बिना किसी सुविधा अथवा बदलाव के पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस का नाम देकर रेलवे ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने का इंतजाम कर लिया है. हालांकि इसका विरोध भी शुरू हो गया है. कई यात्रियों ने इस संबंध में जानकारी लेने के बाद कहा कि रेलवे ने बिना किसी अतिरिक्त सुविधा के यात्रियों पर किराया का अतिरिक्त बोझ डाल दिया और कहने के लिए ट्रेन चलाकर सुविधा देने के नाम पर वाहवाही पाने का प्रयास किया जा रहा है.