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वेबिनार : कोविड-19 जैसी आपदा से तनाव मुक्ति पर आयोजन

कोरोना संकट  नागपुर
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विज्ञान एवं अध्यात्म के माध्यम से संपन्न उपक्रम में हुआ सभी राज्यों से प्रतिनिधित्व

 
नागपुर : कोविड-19 की यह अभूतपूर्व विकट स्थिति के दौरान सामने आई है. यह एक आपदा है. इसका सर्वाधिक विपरीत प्रभाव बच्चों पर ही पड़ रहा है. ऐसी सभी विकट चुनौतियों पर चर्चा करने एवं उनसे निपटने के उद्देश्य से शनिवार, 8 अगस्त को एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. 

वेबिनार
“विज्ञान एवं अध्यात्म के माध्यम से तनाव मुक्ति – बच्चें, शिक्षक एवं पालकों
के सन्दर्भ में” विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार के वक्तागण. 

यह वेबिनार “विज्ञान एवं अध्यात्म के माध्यम से तनाव मुक्ति – बच्चें, शिक्षक एवं पालकों
के सन्दर्भ में” विषय पर हुआ. इसका आयोजन बाल केन्द्रित आपदा जोखिम न्यूनीकरण
(सीसीडीआरआर) केंद्र, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं डीआरबी सिंधु महाविद्यालय, नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया.   

विज्ञान एवं अध्यात्म दोनों का एक साथ प्रयोग कर उत्पन्न तनाव को कैसे कम किया जा सकता है, इन विषयों पर एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल मनोज कुमार बिंदल एवं सिंधी हिंदी विद्या समिति के अध्यक्ष एच.आर. बाखरू के मुख्य संरक्षण में किया गया. वेबिनार का उदघाटन करते हुए बाखरू ने आयोजन की आवश्यकता एवं उसके महत्त्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं अध्यात्म के संगम से लोगों को तनाव से निश्चित रूप से राहत प्राप्त हो सकेगी. 

मुख्य वक्ता आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ शिक्षक एवं जाने-माने प्रेरक वक्ता नीरज अग्रवाल ने कहा कि विज्ञान एवं अध्यात्म हमेशा एक दुसरे के पूरक रहे हैं, दोनों में कभी किसी प्रकार का विरोधाभास नहीं है. किसी समस्या से निपटने के लिए यदि विज्ञान एवं अध्यात्म दोनों का सहारा लिया जाए तो समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है. अग्रवाल ने जीवन के सात स्तर, ध्यान, योग एवं आहार-विहार मानव के अंतर्मन पर किस तरह से प्रभाव डालते हैं, इनके संतुलन से मानसिक तनाव को कैसे कम किया जा सकता हैं, इस बारे में उन्होंने विस्तार से मार्गदर्शन किया. 

दूसरे सत्र की वक्ता मनोवैज्ञानिक सलाहकार नम्रता शर्मा ने तनाव प्रबंधन की विभिन्न तकनीकों को सरलता से समझाया. कार्यक्रम के प्रेरणा स्त्रोत प्रो. संतोषकुमार, एनआईडीएम, सिंधी हिंदी विद्या समिति के चेयरमैन डॉ. विंकी रूघवानी एवं महासचिव डॉ. आई.पी. केसवानी ने भी विशेष रूप से मार्गदर्शन किया.

वेबिनार का आयोजन डीआरबी सिंधु महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य डॉ. संतोष कसबेकर के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ. वेबिनार में देश के लगभग हर राज्यों से प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लेकर लाभ प्राप्त किया. वेबिनार संयोजक डॉ. कुमार राका, कार्यक्रम अधिकारी, सीसीडीआरआर, एनआईडीएम एवं वेबिनार संयोजक नवीन महेशकुमार अग्रवाल, रजिस्ट्रार, दादा रामचंद बाखरू सिंधू महाविद्यालय ने वेबिनार का संचालन किया. कार्यक्रम की सफलता के लिए एनआईडीएम एवं डीआरबी सिंधु महाविद्यालय के सभी सदस्यों ने प्रयास किया.

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