नागपंचमी का व्रत अत्यंत फलदायी – मोटवानी

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नागपंचमी

नागपुर : नागपंचमी पर इतवारी अनाज बाजार पोहा ओली में स्थित प्राचीन नाग-नागेश्वर मंदिर के प्रांगन में गत सोमवार को नाग देवता की विधिवत पूजा अर्चना की गई. पिछले 70 साल से नाग-नागेश्वर उत्सव समिति द्वारा पंडित लाल झा के आचार्यत्व में पूजा संपन्न हुई.

पूजन के प्रमुख यजमान अनाज बाजार के सचिव, समाजसेवी प्रताप मोटवानी थे. नागपंचमी पर नागदेवता की विधिवत पूजा-अर्चना की परंपरा के जतन के लिए स्थानीय नागरिकों द्वारा कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मोटवानी का स्वागत कार्यक्रम संयोजक रामचंद बावनकर ने पुष्पगुच्छ देकर किया. मोटवानी ने इस पारंपरिक आयोजन के लिए समिति की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह पर्व अत्यंत फलदायी है.

उद्देश्य : सर्प प्रजाति का संरक्षण
मोटवानी ने बताया कि नागपंचमी पर्व हमारा प्राचीन पर्व है. हमारे पूर्वजों ने सर्प प्रजाति के संरक्षण के उद्देश्य से हर वर्ष सावन माह के पंचमी तिथि को सर्पों का पूजन कर समाज को उनके संरक्षण का सन्देश दिया है. कृषि आधारित हमारे समाज में सर्पों का विशेष महत्त्व रहा है. सर्प फसलों के रक्षक होते हैं. खेत-खलिहानों और घरों में तैयार फसलों की चूहों और अन्य जीवों से सर्प रक्षा करते हैं.

अत्‍यंत फलदायी और शुभ
उन्होंने कहा कि सांप या नाग को देवता मानकर उसकी पूजा करने के लिए नागपंचमी के दिन लोग दिन भर व्रत करते हैं और सांपों को दूध भी पिलाते हैं. नागपंचमी के व्रत को अत्‍यंत फलदायी और शुभ माना गया है. इस बार नागपंचमी की खास बात यह है कि इस बार नागपंचमी सोमवार को आया है. सोमवार को गले में नाग धारण करने वाले भगवान शिव शंकर का दिन है. यही वजह है कि सोमवार के दिन पड़ने से इस बार की नागपंचमी का महत्‍व और बढ़ गया है. कार्यक्रम संयोजक रामचंद बावनकर ने प्रस्तावना में उत्सव समिति द्वारा आयोजन की विस्तृत जानकारी दी.

आभार प्रदर्शन गेंदलाल शाहू ने किया. पूजा-अर्चना में प्रमुख रूप से प्रताप मोटवानी, रामचंद बावनकर, गेंदलाल शाहू, देवा हरड़े, नागोराव हटवार, राजेश माहेश्वरी, काबरा और भक्तगण उपस्तिथ थे.

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