सरोज खान

सरोज खान का हमेशा ऋणी रहेगा भारतीय सिनेमा

मनोरंजन
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भारतीय सिनेमा में जीवंत अभिव्यक्ति थीं शास्त्रीय नृत्य शैलियों की

*जीवंत के.शरण-
सरोज खान….
भारतीय सिनेमा की वह एक महान शख्सियत थीं, उन्होंने देश और दुनिया में भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों को ‘सुगम शास्त्रीय नृत्य’ के रूप में ख्याति दिलाने में बहुत ही बड़ा योगदान दिया. वे भारतीय सिनेमा में शास्त्रीय नृत्य शैलियों की जीवंत अभिव्यक्ति थीं. यह महान हस्ती भी साल 2020 की दुःखद घटनाओं का हिस्सा बन गईं.
सरोज खान
सिने जगत की महान हस्ती थीं वे…
यह साल देश दुनिया के लिए सुखद कम उद्वेलित करने वाली खबरों का अंबार ले कर आया है. चहुंओर आफत बन कर टूट पड़ा है, कोरोना वायरस. भारत – चीन के बीच तनातनी तमाम कोशिशों के बावजूद अब युद्ध के कगार पर पहुंच चुका है. उधर बॉलीवुड पर तो मानो किसी का काला साया ही मंडरा रहा है. दिग्गज अभिनेता इरफान खान और ऋषि कपूर के साथ सुशांत सिंह राजपूत जैसी फ़िल्मी हतियों के इस दुनिया से असमय जाने के बाद गम का गहराया धुंध अभी छंटा भी नहीं था कि आज शुक्रवार (3 जुलाई 2020) को एक और हस्ती एवं श्रेष्ठ कोरियोग्राफर सरोज खान (71) के निधन की खबर आ गई. वे कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं. 20 जून को हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. उनका स्वास्थ बेहतर हो रहा था. लेकिन देर रात उनकी तबियत बिगड़ गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका। अंतिम समय उनका बेटा और दो बेटियां उनके पास थीं.

कुशल नृत्यांगना
सरोज खान अपने चेहरे से पूरी कथा परोसने वाली कुशल नृत्यांगना तो थी ही, लेकिन उससे भी ज्यादा उन्हें शोहरत और सम्मान मिला कोरियोग्राफर के रूप में. वह आंखों से बयां करने की कला सिखाने में कितनी पारंगत थीं, इसका ज्वलंत उदाहरण हैं माधुरी दीक्षित.1988 में आई फिल्म ‘तेजाब’ में गीत एक दो तीन …. 1992 की फिल्म ‘बेटा’ का गीत धक-धक करने लगा…. में माधुरी दीक्षित के नृत्य को कौन भूल सकता है? सरोज खान की बेहद आज्ञाकारी, परिश्रमी और चहेती रही हैं माधुरी दीक्षित, और यह संयोग ही है कि सरोज जी ने आखिरी बार फिल्म ‘कलंक’ के गीत तबाह हो गए …. पर माधुरी दीक्षित को ही कोरियोग्राफ किया था. ‘कलंक’ पिछले साल ही रिलीज हुई है.

कच्ची उम्र में किया निकाह
1948 में एक हिंदू परिवार में जन्मी सरोज फिल्म ‘नजराना’ से बतौर बाल कलाकार अपने करियर की शुरुआत की. पचास के दशक में बैकग्राउंड डांसर के रूप में भी काम करने लगी. उनके डांस के मूव्स बेहद मनमोहक होते थे. उस समय उनके गुरू मास्टर सोहनलाल थे. 13 साल की कच्ची उम्र में सरोज इस्लाम कबूल कर स्वंय से तीस साल बड़े अपने गुरू को ही हमसफर बना लिया. हालांकि, उनका दाम्पत्य जीवन कभी सुखद नहीं रहा. बावजूद इसके वे आजीवन सोहनलाल की हमसफर बन कर ही रहीं. उन्हें बतौर कोरियोग्राफर फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ में पहली बार अवसर मिला था. साथ में हिरोइन थी हेमामालिनी. फिर तो उनकी कोरियोग्राफी का सिक्का बहुत तेजी से चल पड़ा. सिने जगत की पहली महिला कोरियोग्राफर के रूप में उन्होंने चार दशक से ज़्यादा समय तक तकरीबन दो हजार से भी ज्यादा गाने की कोरियोग्राफी कर एक रिकॉर्ड बनाया.
सरोज खान
सख्त कोरियोग्राफर
सरोज खान की पहचान सख्त कोरियोग्राफर के रूप में थी. वे कलाकारों से बहुत सख्ती के साथ डांस का अभ्यास करवाती थीं. श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित उनकी साया में तपकर ही
सिने जगत में अपनी एक पहचान बनाई. ये दोनों अदाकारा सरोज जी को अपना गुरू मान कर भरपूर सम्मान भी देती रहीं. करीना कपूर ने फिल्म ‘रिफ्यूजी’ में काम के दौरान बेहद मासूमियत के साथ सरोज जी से कहा था- मुझे डांस करना नहीं आता. जवाब मिला, डांस करना नहीं आता, हाथ पैर चलाने नहीं आता, तो तुम्हें चेहरे से डांस करना होगा. बाद में चेहरे के एक्सप्रेशन के लिए डरी सहमी करीना खुद को बाथरूम में बंद कर के अभ्यास किया करती थी.

मदर ऑफ डांस
सरोज जी को फिल्म इंडस्ट्री में ‘मदर ऑफ डांस’ भी कहा जाता था. वे माधुरी दीक्षित के बाद फिल्मकार सुभाष घई के ज्यादा करीब रही हैं. सुभाष घई की फिल्म हीरो, कर्मा, रामलखन, खलनायक, परदेस, ताल, यादें और किसना की अपार सफलता में सरोज खान की कोरियोग्राफी का बहुत बड़ा योगदान है. सरोज जी के निधन के बाद सुभाष घई बेहद भावुक होकर कहते हैं – ‘यह मेरी सबसे बड़ी व्यक्तिगत छति है.’ हिंदी सिनेमा में शास्त्रीय नृत्य को जीवित रखना सरोज खान का काम था. सिनेमा उन्हें हमेशा याद रखेगा. उन्होेंने कहा, मीनाक्षी शेषाद्रि, मनीषा कोइराला और ऐश्वर्या राय बच्चन जैसी सितारों को संवारने में उनकी मजबूत भागीदारी थी.

सितारों के ट्वीट्स : तेरे आने से रौनक आ जाती थी सरोज –  
धर्मेन्द्र ने एक भावुक ट्वीट में लिखा, ‘तेरे आने से रौनक आ जाती थी सरोज. अफसोस तुम चली गई. वो मेरी फिल्म ‘दिल भी तेरा’ में असिस्टेंट डायरेक्टर थी.’

माधुरी दीक्षित ने पोस्ट में लिखा – ‘मैं अपने दोस्त और गुरू सरोज खान को खोने के बाद पूरी तरह टूट गई हूं. मैं हमेशा उनकी आभारी रहूंगी. उनकी ही मदद से मैं डांस की ऊंचाइयां हासिल कर सकी. मैं आपको हमेशा याद करूंगी.

अमिताभ बच्चन ने संक्षिप्त ट्वीट कर अपने मन की पीड़ा कुछ इस प्रकार व्यक्त की –

अनुपम खेर ने कहा ‘दान्स्की मल्लिका…’

टेक्नीशियन पुत्र के नाते अजय देवगन के उदगार… 

निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा ने कुछ यूं कहा… 

अनेक सिने हस्तियों के ऐसी ही संवेदनाएं व्यक्त की हैं. 

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