अक्षय कुमार ने जबरदस्त लुक के साथ किया ‘गोरखा’ का ऐलान

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अक्षय कुमार
अक्षय कुमार की फिल्म गोरखा के दो पोस्टर, जिन्हे ट्विटर पर शुक्रवार, 15 अक्टूबर को जारी किया अक्षय कुमार ने.

1971 के भारत-पाक युद्ध से निकली कहानी में गोरखा अफसर की वीरता की है दास्तां

 
*जीवंत के. शरण-
बॉलीवुड के अभिनेता अक्षय कुमार ने शुक्रवार, 15 अक्टूबर को ट्विटर पर अपनी नई फिल्म “गोरखा” का ऐलान किया है. इस ट्वीट में अक्षय ने फिल्म के फर्स्ट लुक पोस्टर भी जारी किए हैं. इन दो पोस्टरों पर अक्षय का लुक जबरदस्त है. फिल्म गोरखा को अक्षय कुमार स्वयं प्रस्तुत कर रहे हैं.


ट्विटर पर अक्षय कुमार ने लिखा है, “कभी-कभी आपको ऐसी कहानियां पता चलती हैं जो आपको प्रेरित करती है कि आप उन्हें बनाना चाहते हैं. लीजेंड्री वार हीरो मेजर जनरल इयान कारदोजो पर आधारित गोरखा एक ऐसी ही फिल्म है. एक आइकॉन का रोल निभाकर और बेहद खास फिल्म को पेश कर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं.”

इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने फिल्म के दो पोस्टर भी शेयर किये हैं. एक पोस्टर पर बैकग्राउंड में गोरखा सैनिकों के साथ अक्षय चिल्लाने की मुद्रा में हैं. उनके हाथ में गोरखा रेजीमेंट की पहचान खुखरी है. इस पोस्टर पर अंग्रेजी में गोरखा लिखा है. दूसरे पोस्टर पर अक्षय कुमार के किरदार का क्लोजअप है. इसमें खुखरी और अक्षय का लुक जबरदस्त है.

गोरखा के डायरेक्टर संजय पूरन सिंह हैं, जबकि कहानीकार नीरज यादव और संजय हैं. फिल्म का निर्माण आनंद एल.राय और हिमांशु शर्मा कर रहे हैं. अतरंगी रे और रक्षा बंधन के बाद आनंद के साथ अक्षय की यह तीसरी फिल्म है। गोरखा, आजादी के 75 साल पूरे होने के समारोह को समर्पित है.

अक्षय कुमार के इस फिल्म की कहानी 1971 के भारत-पाक युद्ध से निकली है, जिसमें मेजर जनरल कारदोजो ने भाग लिया था. एक लैंड माइन पर गिरने की वजह से उनकी एक टांग जख्मी हो गई थी. मेडिकल सुविधा न मिल पाने के कारण उन्होंने अपनी खुखरी से ही अपनी टांग काट दी थी.

अक्षय कुमार
गोरखा रेजिमेंट के 84 वर्षीय मेजर जनरल इयान कारदोजो, जिनकी 1971 के पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान वीरता की कहानी पर बन रही यह फिल्म. 

84 वर्षीय मेजर जनरल इयान कारदोजो एक डेकोरेटेड सैन्य अफसर रहे हैं, जिन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) से सम्मानित किया गया था. वे देश के पहले ऐसे सैन्य अफसर हैं, जिन्होंने युद्ध में अपंग होने के बावजूद एक ब्रिगेड और बटालियन का नेतृत्व किया था. नाम लेने में मुश्किल होने की वजह से गोरखा रेजीमेंट में उन्हें कारतूस साहिब के नाम से बुलाया जाता था.  

भारतीय सेना में गोरखा रेजिमेंट के कौन हैं ये गोरखा..?
भारतीय सेना में गोरखा रेजिमेंट है. जो नेपाल के अपनी बहादुरी के लिए प्रसिद्ध गोरखा जाती के लोग होते हैं. इन्हें यह नाम 8वीं शताब्दी के प्रख्यात हिन्दू योद्धा संत श्री गुरु गोरखनाथ से प्राप्त हुआ था. विकिपीडिया के अनुसार नेपाल के पश्चिम के पहाड़ी जातियां जैसे कि मगर, गुरुंग, पहाड़ी लड़ाकू गोर्खालि जातियां (खस क्षेत्री और खस ठकुरी) और पूर्व से किरात जातियां होती हैं. गोरखाली लोग अपने साहस और हिम्मत के लिए विख्यात हैं और वे नेपाली आर्मी और भारतीय आर्मी के गोरखा रेजिमेंट और ब्रिटिश आर्मी के गोरखा ब्रिगेड के लिए भी खूब जाने जाते हैं. गोरखाली प्राकृतिक रूप से ही योद्धा होते हैं और युद्ध में आक्रामक होते हैं, वफादारी और साहस का गुण रखते हैं, आत्म निर्भर होते हैं, भौतिक रूप से मजबूत और फुर्तीले, सुव्यवस्थित होते हैं, लम्बे समय तक कड़ी मेहनत करने वाले, हठी लड़ाकू, मिलिट्री रणनीतिकार होते हैं.

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