धमाका रहे

15 जवानों की जान ली, अब बैनर लगा कर धमाका रहे हैं नक्सली

नागपुर : गढ़चिरोली में नक्सलियों ने लैंड माइंस विस्फोट कर महाराष्ट्र पुलिस के 15 जवानों शहीद करने के बाद दादापुर गांव में बैनर लगा कर हमले की जिम्मेदारी ली है. बैनर में उन्होंने उस इलाके में सड़क निर्माण कंपनियों और ठेकेदारों को धमकी भी दी है. नक्सलियों ने मंगलवार की रात कंस्ट्रक्शन कंपनी की लगभग 50 गाड़ियों को जलाने की जिम्मेदारी ली है. इसे नक्सली कमांडर रामको नरोटी और अन्य महिला नक्सलियों की हत्या का विरोध बताया गया है. साथ ही अन्य नक्सलियों को भी विरोध करने का आह्वान बैनर के जरिए किया गया है. नक्सलियों ने यहां दो बैनर लगाए हैं. दूसरे में पुल और सड़क निर्माण का विरोध किया गया है. साथ ही कहा गया है कि सरकार पूंजीपतियों की कठपुतली बन गई है. नक्सलियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस का विरोध करने का आह्वान किया है. नक्सलियों ने जिस गांव में बैनर लगाए हैं, वह हमले की जगह से 10 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां अब पुलिस ने ऑपरेशन शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र के पुलिस महासंचालक सुबोध जयसवाल ने घटनास्थल पर जाकर मुआयना किया है. ज्ञात हो कि बुधवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक बड़ा नक्सली हमला हुआ था. इस हमले में महाराष्ट्र पुलिस के 15 जवान शहीद हो गए. जवानों को ले जा रही गाड़ी का ड्राइवर भी मारा गया. नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट कर पेट्रोलिंग के लिए जा रही गाड़ी को उड़ा दिया है. ये सभी जवान नक्सल विरोधी सी-60 ग्रुप के सदस्य थे. इससे एक दिन पहले महाराष्ट्र के इसी हिस्से में नक्सलियों ने रात के 11 से 3 बजे के बीच अग्निकांड को अंजाम दिया था. इस इलाके में सड़कों की मरम्मत और नए रास्ते बनाने का काम चल रहा था. इसके लिए जेसीबी और सीमेंट से लदे ट्रक रास्ते में खड़े थे. स्थानीय पुलिस ने बताया था कि यह नक्सली प्रभावित इलाका है. जब काम शुरू हुआ तब कोई भी विरोध नही हुआ था. अचानक बीती रात नक्सलियों नें एक-एक कर 50 से भी जादा गाड़ियां फूंक दी.
आयात ड्यूटी

गेहूं पर आयात ड्यूटी वृद्धि किसानों के लिए फायदे का कदम : मोटवानी

नागपुर : दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी ने केंद्र सरकार द्वारा गेहूं पर आयात ड्यूटी को बढ़ाने का स्वागत किया है. उन्होंने इसे किसानों के फायदे के लिए उठाया गया कदम बताया है. मोटवानी ने बताया कि केंद्र सरकार ने आयात शुल्क 10 फीसदी की बढ़त की है, जो पिछले साल के 30 फीसदी शुल्क से बढ़कर 40 फीसदी कर किया गया है. उन्होंने कहा कि देश में इस साल गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ पैदावार होने की संभावना है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादन करने वाला देश है. आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले साल भी देश में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड तोड़ रहा था, वहीं इस साल भी, कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिल सकता है. इस कारणवश, गेहूं की कीमतों में करीब 11 फीसदी की गिरावट को दर्ज किया गया. मोटवानी के अनुसार गेहूं का सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 1840 रुपए क्विंटल है. राज्य सरकारें इसके अलावा अपनी तरफ से बोनस किसानों को देती है. आयात से घरेलू बाजार में विदेशी गेहूं की सप्लाई के बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसकी वजह से मंडियों में कीमतों में गिरावट भी संभव है. यही वजह है कि सरकार ने आयात शुल्क में बढ़त करने का फैसला लिया. मोटवानी ने बताया कि कृषि मंत्रालय ने इस साल देश में करीब 9 करोड़ 91 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमानम लगाया है. इसी के साथ ये भी बताया जा रहा है कि ये आंकड़ा अब तक का सबसे अधिक उत्पादन वाला आंकड़ा होगा. हालांकि 1 अप्रैल 2019 तक सरकारी गेहूं का स्टॉक करीब 17 मिलियन टन तक का रहा, जो कि पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी कर की बढ़त को दिखाता है. सरकार ने किसानों से गेहूं खरीदने के लिए इस साल रु 1,840 प्रति क्विंटल का एमएसपी निर्धारित किया है. पूरे रबी मार्केटिंग सीजन में किसानों से 357 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. बात की जाए 22 अप्रैल तक की तो सरकारी एजेंसियों ने किसानों से करीब 55.17 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें हरियाणा से 28.54 लाख टन, मध्य प्रदेश से 18.89 लाख टन, पंजाब से 2.90 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 2.78 लाख टन और राजस्थान से 1.97 लाख शामिल है। बाकी गेहूं की खरीद अन्य राज्यों से हुई है.
खनिक अभिनन्दन दिवस

वेकोलि में खनिक अभिनन्दन दिवस

नागपुर : टीम वेकोलि ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर आज बुधवार, 1 मई को 'कोयला खनिक अभिनन्दन दिवस' (मजदूर दिवस) मनाया. मुख्यालय में अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राजीव रंजन मिश्र ने कोयला श्रमिक की मूर्ति एवं शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद श्रमिक दिवस तथा महाराष्ट्र स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कर्मियों की खुशहाली और बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास करने की अपील की. मिश्र ने इस पूरी प्रक्रिया में ठेकेदारी कामगारों को भी शामिल करने का आह्वान किया. निदेशक (वित्त) एस.एम. चौधरी, निदेशक (तकनीकी) अजित कुमार चौधरी, श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि एस क्यू जमा, सी.जे. जोसफ़, शिवकुमार यादव तथा विभागाध्यक्षों की उपस्थिति में निदेशक (कार्मिक) डॉ. संजय कुमार ने सभी को *संकल्प* दिलाया. सी जे जोसफ़ ने भी समारोह को सम्बोधित किया. कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्रबंधक (जनसम्पर्क) एस.पी. सिंह ने किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में टीम वेकोलि के सदस्य उपस्थित थे. सेवानिवृत्त कर्मियों का सम्मान वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) मुख्यालय में सेवानिवृत्त कर्मियों का सम्मान समारोह गत 30 अप्रैल को आयोजित किया गया. इस अवसर पर अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक राजीव रंजन मिश्र, निदेशक (कर्मिक) डॉ. संजय कुमार एवं निदेशक (वित्त) एस.एम. चौधरी मुख्य रूप से उपस्थित थे. उन्होंने सेवानिवृत्त अधिकारियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उज्ज्वल भविष्य की कामना की. वेकोलि के श्रीराम राय, महाप्रबंधक, (माइनिंग) सुरक्षा एवं संरक्षण विभाग, ए.के. गौतम, मुख्य प्रबंधक (उत्खनन) उत्खनन विभाग एवं एस. न. यादव, प्यून /झेरॉक्स ऑपरेटर, सामान्य सेवा विभाग 30 अप्रैल 2019 को सेवानिवृत्त हुए. कार्यक्रम का संचालन एस. पी.सिंह, सहायक प्रबंधक (ज.सं) ने किया. समारोह में वरिष्ठ अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे.
पृथक विदर्भ

जय-जय महाराष्ट्र माझा… मला विदर्भ द्या..!

महाराष्ट्र दिवस पर आलेख : विनोद देशमुख आज महाराष्ट्र की स्थापना के 59 वर्ष पूरे हुए. इसके साथ ही विदर्भ का महाराष्ट्र में जबरन विलय कर दिया गया. लेकिन अब तक इस जबरदस्ती से छुटकारा पाने का दूर-दूर तक कोई आसार नहीं नजर आता. यह विदर्भ की जनता का बड़ा भारी दुर्भाग्य है. अब पृथक विदर्भ राज्य की हुंकार "जय-जय महाराष्ट्र माझा..." की धुन में गुम होती जा रही है. फिलहाल देश में चल रहे लोकसभा चुनाव का ही उदाहरण लें. सत्ता के दावेदार दोनों ही प्रमुख दलों ने इस बार तो पृथक विदर्भ की मांग की ओर ध्यान देना गंवारा नहीं किया है. कहने के लिए तो नागपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार नाना पटोले ने आश्वासन तो दिया है. (भाजपा सांसद के रूप में वे एक निजी विधेयक ला चुके हैं.) लेकिन उसका कोई महत्त्व नहीं है. पटोले पहले भाजपा में ही थे. बाद में वे वापस कांग्रेस में आए. उनकी पार्टी कांग्रेस ने मन रखने के लिए भी कभी पृथक विदर्भ की मांग का समर्थन नहीं किया है. उलटे, जब-जब पृथक विदर्भ राज्य के निर्माण की संभावना बनी, तब-तब कांग्रेस के नेताओं ने ही इसमें बाधा उत्पन्न किया. यह इतिहास बताता है. अब तक ऐसे छह अवसर आए जब पृथक राज्य का सपना साकार हो सकता था, लेकिन सभी अवसर पर कांग्रेसी नेताओं ने ही अड़ंगा डाला. विदर्भ का एक दुर्भाग्य यह भी है कि इसमें विदर्भ के नेता ही बाधा बने. एक के बाद एक अवसर, जो जाया होता गया पहला अवसर : भारत को स्वतंत्रता प्राप्त होने के एक सप्ताह पहले 8 अगस्त 1947 को 'अकोला करार' सामने आया. उसके अनुसार, यदि महाराष्ट्र के साथ रहना गंवारा नहीं हुआ तो विदर्भ को पृथक राज्य मान्य करने की बात थी. लेकिन पश्चिम महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने विदर्भ में हिंदी भाषियों का वर्चस्व हो जाने का भय दिखा कर 1953 में 'नागपुर करार' किया. और सब्जबाग दिखा कर विदर्भ को महाराष्ट्र में ही कायम रखने में सफल हो गए. इसमें विदर्भ के ही कांग्रेस नेता उनके हाथों के मोहरे बने. सत्ता और कुर्सी का लालच देकर उन्हें पृथक विदर्भ के विरुद्ध कर लिया गया. दूसरा अवसर : तीन साल बाद ही 1956 में जस्टिस फजल के नेतृत्व में बने 'राज्य पुनर्गठन आयोग' ने विदर्भ को पृथक राज्य बनाने की सिफारिश की थी. लेकिन कांग्रेस नेताओं ने ही भाषावार प्रांत गठन की अवधारणा को धता बताते हुए विदर्भ के साथ एक बार फिर छल किया. उन्होंने अनेक हिंदी भाषी राज्य को अस्तित्व में आने में मदद की, लेकिन इसके लिए उन्होंने सीमावर्ती बेलगांव, कारवार, निपाणी, छिंदवाड़ा, बैतूल, जबलपुर जैसे मराठी भाषी क्षेत्रों को विदर्भ से निकल जाने में मदद की. यह सारे मराठी भाषी इलाके कर्नाटक और हिंदी भाषी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के आंग बन कर रह गए. इससे पता चलता है कि महाराष्ट्रीयन कांग्रेसी नेताओं ने भाषायी राज्य के नाम पर कितना बड़ा धोखा विदर्भ के साथ किया था. तीसरा अवसर : तीसरी बार विदर्भ आंदोलन के सबसे बड़े नेता के साथ की गई धोखाधड़ी..! 1980-84 की बात है, इंदिरा गांधी ने...
वेकोलि

“वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ” वेकोलि मुख्यालय में

नागपुर : सयुंक्त राष्ट्र महासभा की इकाई अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ (ILO) जेनेवा की पहल पर वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) मुख्यालय में "WORLD DAY FOR SAFETY & HEALTH AT WORK" (वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क) के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं संरक्षण) द्वय राजीव दास और श्रीराम राय द्वारा सुरक्षा ध्वज फहराया गया. कर्मियों ने सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति सत्यनिष्ठा की शपथ ली. राजीव दास ने कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की बात पर बल दिया. इस अवसर पर महाप्रबंधक (खनन) आलोक ललित कुमार, महाप्रबंधक (भू-राजस्व) आई.डी. जंक्यानी , महाप्रबंधक (विक्रय एवं विपणन) ए.के. दीक्षित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्माचारीगण उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक (खनन) आलोक ललित कुमार ने किया और संचालन वरिष्ठ प्रबंधक (खनन) एस.के. पांडेय ने किया. विदित हो कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ, अंतरराष्ट्रीय आधारों पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए नियम बनाता है. यह संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट संस्था है. 1969 में इसे विश्व शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मज़दूरों के अधिकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन का गठन किया गया है.
सेफ़्टी

वेकोलि : वार्षिक खान सुरक्षा में वणी क्षेत्र अव्वल, माजरी दूसरा

नागपुर : कोयला उत्पादन के दौरान सेफ़्टी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. सेफ़्टी की अनदेखी कर कोयला उत्पादन कतई नहीं करें. उक्त आह्वान वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के सीएमडी आर.आर. मिश्र ने कल बल्लारपुर क्षेत्र में किया. उन्होंने कहा कि सेफ़्टी के प्रति जागरूकता हेतु सोशल मीडिया का उपयोग करें. मिश्र ने कार्यक्रम स्थल पर लगाये गए स्टॉल और निकाली गयी झांकियों की सराहना की. मुख्य अतिथि उप महा निदेशक खान सुरक्षा, पश्चिम अंचल नागपुर आर. सुब्रमनियम ने अपने सम्बोधन में कहा कि टीम वेकोलि के सदस्य कठिन परिस्थितियों के बावजूद बेहतर कार्य निष्पादन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वेकोलि में अकूत क्षमता है. कम्पनी के हर अच्छे प्रयास में डी.जी.एम.एस. का सहयोग हमेशा उपलब्ध है. उल्लेखनीय है कि खान सुरक्षा महानिदेशालय तथा वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में 24 अप्रैल को बल्लारपुर क्षेत्र में आयोजित वार्षिक खान सुरक्षा पखवाड़ा 2018 के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि आर सुब्रमनियम, उप महानिदेशक खान सुरक्षा पश्चिम अंचल नागपुर थे. अध्यक्षता कम्पनी के अध्यक्ष सह प्रबन्ध निदेशक राजीव रंजन मिश्र ने की. इस अवसर पर खान सुरक्षा महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी, वेकोलि के निदेशक (वित्त) एस.एम. चौधरी तथा निदेशक (तकनीकी) मनोज कुमार एवं श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं त्रिपक्षीय सुरक्षा समिति के सदस्य प्रमुखता से उपस्थित थे. प्रारंभ में शहीद श्रमिकों को एक मिनट मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई. अतिथियों ने एक स्मारिका का भी विमोचन किया. स्वागत भाषण महाप्रबंधक (सेफ़्टी) राजीव दास ने तथा धन्यवाद ज्ञापन मेजबान क्षेत्र बल्लारपुर के महाप्रबंधक बी.सी. सिंह ने किया. कार्यक्रम का संचालन जाकिर हुसैन (पेंच क्षेत्र) एवं श्रीमती रूही खान (उमरेड क्षेत्र) ने किया. इस पखवाड़ा में 2018 के लिए सेफेस्ट एरिया हेतु वणी क्षेत्र को पहला और माजरी क्षेत्र को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ. विशेष उपलब्धियों में पाथाखेड़ा की छतरपुर खदान नम्बर -1 के ओवर मैन एल. सेठी को डी.जे. देशमुख मेमोरियल ट्रॉफी फ़ॉर बेस्ट ओवर मैन, चन्द्रपुर क्षेत्र की एच.एल.ओ.सी. के सीनियर मैनेजर खनन एस.वी. रामटेके को भास्कर भट्टाचार्या मेमोरियल ट्रॉफ़ी फ़ॉर इन्नोवेटिव आईडिया, माजरी क्षेत्र को प्रकाश नन्दन मेमोरियल ट्रॉफ़ी फ़ॉर बेस्ट एच.ई.एम.एम. प्रैक्टिस, नागपुर क्षेत्र को सान्याल मेमोरियल ट्रॉफ़ी फ़ॉर बेस्ट सेफ एरिया फ़ॉर 2017 तथा नागपुर क्षेत्र की ही सावनेर खदान नम्बर - 2 को इसके स्थापना काल 1988 से अब तक शून्य प्राणघातक दुर्घटना के लिए स्पेशल सेफ़्टी अवार्ड प्रदान किए जे. इसके अलावा अन्य उत्कृष्ट क्षेत्रों एवं कर्मियों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. समारोह में सुरक्षा का संदेश देतीं सभी क्षेत्रों की झांकियों ने सब की सराहना प्राप्त की. कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर टीम वेकोलि के कलाकारों ने प्रशंसा बटोरी. समारोह में कम्पनी के सभी क्षेत्रों ने सेफ़्टी से सम्बंधित स्टॉल लगा कर अथितियों एवं दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया.
उम्मीदवार

प्रियंका नहीं होंगी वाराणसी से कांग्रेस उम्मीदवार

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी वाड्रा को उम्मीदवार बनाने का ससपेंस खत्म हो गया है. वाराणसी से अजय राय कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक के हस्ताक्षर से गोरखपुर और वाराणसी से आज गुरुवार को दो उम्मीदवारों के नाम का पत्र जारी किया गया है. इसमें गोरखपुर से मधुसूदन तिवारी और वाराणसी से अजय राय के नाम हैं. इसके साथ ही इस हाई प्रोफाइल सीट से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के मैदान में उतरने की अटकलें खत्म हो गई हैं. ज्ञातव्य है कि पिछले कुछ समय से मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी के मैदान में उतरने की अटकलें थीं. खुद प्रियंका भी कई मौकों पर कह चुकी थीं कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चाहेंगे तो वह वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. राहुल ने भी कहा था कि इस मसले पर सस्पेंस जरूरी है. लेकिन कांग्रेस ने 2014 के उम्मीदवार को ही फिर से वाराणसी में खड़ा कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. करीब 76 हजार वोट मिले थे राय को 2014 के चुनाव में वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय लड़े थे. पीएम मोदी ने केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से मात दी थी. पीएम मोदी को 2014 में कुल 5.81 लाख से ज्यादा वोट मिले थे. केजरीवाल को 2.9 लाख वोट मिले थे जबकि राय को करीब 76 हजार वोट मिले थे. इसबार साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे बीएसपी और एसपी के उम्मीदवार 2014 के चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे. महागठबंधन ने उतारा शालिनी यादव को इसबार महागठबंधन ने प्रधानमंत्री मोदी की टक्कर में वाराणसी से शालिनी यादव को उम्‍मीदवार घोषित किया है. वे कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के पूर्व उप सभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं. शालिनी यादव कुछ दिन पहले अपने सहयोगियों के साथ एसपी में शामिल हुईं थीं. शालिनी यादव पूर्व में वाराणसी से मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं.
गुमनामी बाबा

गुमनामी बाबा और नेता जी एक ही व्यक्ति थे, मिला प्रमाण

नई दिल्‍ली : फैजाबाद जिले में अयोध्या के गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे? इस सवाल का अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया था. अब एक नई पुस्तक "कॉमनड्रम : सुभाष चंद्र बोसेज लाइफ आफ्टर डेथ" सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि गुमनामी बाबा ही सुभाषचंद्र बोस थे और वह सालों तक अपनी पहचान छिपा कर हमारे बीच रहे. हालांकि पुस्तक से यह पता नहीं चलता कि इस प्रकार गुमनामी में रहने की उन्हें जरूरत क्या थी, अथवा उनकी क्या बाध्यता थी. हैंडराइटिंग एक्‍सपर्ट कार्ल बैग्‍गेट ने की पुष्टि पुस्तक में दावा किया गया है कि अमेरिका के एक हैंडराइटिंग एक्‍सपर्ट ने सुभाषचंद्र बोस और गुमनामी बाबा की हैंडराइटिंग की जांच की और पाया कि ये एक ही शख्‍स की हैंडराइटिंग है. हैंडराइटिंग एक्‍सपर्ट कार्ल बैग्‍गेट को दस्‍तावेजों की जांच करने का 40 साल का अनुभव है. दस्‍तावेज जांचने के लगभग 5000 मामलों में उनकी मदद ली जा चुकी है. इतना लंबा अनुभव होने के बाद अब वह पहली नजर में ही हैंडराइटिंग जांच लेते हैं. कार्ल ने जांच के बाद पाया है कि सुभाषचंद्र बोस देश की आजादी के कई साल बाद तक अपनी पहचान छिपा कर रहे, क्‍योंकि गुमनामी बाबा और बोस की हैंडराइटिंग शत-प्रतिशत मेल खाती है. इसका मतलब यह हुआ कि गुमनामी बाबा ही सुभाषचंद्र बोस थे. भारत में काफी लंबे समय से यह बहस चली आ रही है कि गुमनामी बाबा और नेताजी सुभाष चंद्र बोस में कोई न कोई संबंध जरूर था. इसीलिए अमेरिकी हैंडराइटिंग एक्‍सपर्ट कार्ल से संपर्क किया गया. कार्ल का अनुमान अभी तक कभी गलत साबित नहीं हुआ है. वह 40 सालों से इस पेशे में हैं. पुस्तक "कॉमनड्रम : सुभाष चंद्र बोसेज लाइफ आफ्टर डेथ" से जुड़े दस्‍तावेजों के दो सेट कार्ल को दिए गए. कार्ल को नहीं बताया गया था कि ये किनकी हैंडराइटिंग है. कार्ल ने दोनों सेट की जांच करने के बाद पाया कि ये एक ही शख्‍स की हैंडराइटिंग है. इन्‍हें एक ही शख्‍स के द्वारा लिखा गया है. यह सुनकर सभी लोग हैरान रह गए. बाद में जब कार्ल को यह सच्‍चाई बताई गई कि इनमें से एक दस्‍तावेज नेताजी सुभाषचंद्र बोस के द्वारा लिखा गया था और दूसरा गुमनामी बाबा के हाथों, तो वह भी हैरान हो गए. हालांकि, ये बात सुनने के बाद भी वह अपनी बात पर अडिग रहे. कार्ल ने दोनों दस्‍तावेजों की जांच करने के बाद एक रिपोर्ट दी, जिस पर उन्‍होंने हस्‍ताक्षर भी किए हैं. इस रिपोर्ट में उन्‍होंने यही लिखा है कि गुमनामी बाबा और नेताजी सुभाषचंद्र बोस कोई दो शख्‍स नहीं थे, क्‍योंकि दोनों दस्‍तावेज एक ही शख्‍स द्वारा लिखे गए हैं. गुमनामी बाबा के लिखे 130 पत्रों से दस्तावेजों का किया मिलान कार्ल को अमेरिकन ब्‍यूरो ऑफ डॉक्‍यूमेंट एग्‍जामिनरर्स ने भी प्रमाणित किया है. उन्‍होंने जिन पत्रों की जांच की वो चंद्रचूड़ घोष और अनुज धर की हाल ही में आई किताब 'कॉमनड्रम : सुभाष चंद्र बोसेज़ लाइफ आफ्टर डेथ' से लिए गए हैं. ये 130 पत्र गुमनामी बाबा द्वारा 1962 से 1985 के बीच पबित्र मोहन रॉय को लिखे...
दया बेन

तारक मेहता… में जल्द नजर आएगी नई दया बेन

विदर्भ आपला डेस्क : टीवी अभिनेत्री दिशा वकानी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद सोनी के सब टीवी चैनल ने अपने पॉपुलर शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की किरदार दया बेन को रिप्लेस करने का मन बना लिया है. शो के प्रोड्यूसर असित मोदी ने उनका विकल्प ढूंढना शुरू कर दिया है. इस किरदार के लिए कई अभिनेत्रियों के नामों की चर्चा हो रही है. वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो टीवी शो चिड़िया घर की अभिनेत्री अमी त्रिवेदी को इस रोल के लिए अप्रोच किया गया है. टीवी का सबसे पॉपुलर शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' अपने फेमस किरदार दया बेन की कारण सुर्खियों में बना हुआ है. जेठालाल, टप्पू और दया बेन इस शो सबसे पापुलर किरदार हैं. शो में दिशा वकानी (Disha Vakani) दया बेन (Daya ben) का किरदार निभाती थी. लेकिन साल 2017 से वह छोटे पर्दे पर नजर नहीं आई हैं. पहले तो मेकर्स उनके वापस लौटने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन अब खबर है कि मेकर्स ने दिशा वकानी को रिप्सेल कर नई दया बेन की तलाश कर ली है. पिछले दिनों शो मेकर्स ने इस का रोल अदा करने वालीं एक्ट्रेस दिशा वकानी को रिप्लेस करने की पुष्टी की थी. नई दया बेन के लिए मेकर्स ने ऑडिशन भी शुरू कर दिए थे. ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शो के निर्माता असित ने इस के रोल के लिए 'पापड़ पोल' एक्ट्रेस अमी त्रिवेदी को अप्रोच किया है. हालांकि अमी ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है. मेकर्स ने नहीं किया मुझे अप्रोच : अमी टाइम्स ऑफ इंडियामीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार को दिए एक इंटरव्यू में अमी ने बताया कि मेरे दोस्त और रिश्तेदार मुझसे कहते हैं कि मैं इस रोल में फिट बैठ सकती हूं. लेकिन शो के प्रोड्यूसर्स ने इस रोल को लेकर मुझसे संपर्क नहीं किया है. वे कहती हैं कि अगर मुझे ये रोल ऑफर होता है तो मैं जरूर इसे करना चाहूंगी. दिशा ने इस रोल के जरिए पूरे देश में पहचान बनाई है. जो भी एक्टर इस रोल को करेगा, उसके लिए दिशा की छवि को तोड़कर खुद को उस किरदार में ढालना होगा और दया के रोल को निभाना एक मुश्किल काम होगा. प्रोड्यूसर्स नहीं चाहते हैं कि दिशा रहे शो का हिस्सा दिशा ने एक महीने के नोटिस के बावजूद अब तक प्रोजडक्शन हाउस को अपना जवाब नहीं दिया है. इसलिए असित मोदी उनका रिप्लेसमेंट ढूंढ रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि वो नहीं चाहते हैं कि अब दिशा शो का हिस्सा रहे.
भूषण स्टील

भूषण स्टील के चेयरमैन के खिलाफ लुक आउट नेटिस जारी

नई दिल्ली : भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड के चेयरमैन संजय सिंघल और उनकी पत्नी आरती सिंघल के खिलाफ सीबीआई ने 'लुक आउट' नोटिस जारी किया है. कंपनी के खिलाफ 2,348 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. इन दोनों ने बैंक से लोन लिए थे और बाद में डिफॉल्टर बन गए. सीबीआई ने देश भर के सारे एयरपोर्ट को अलर्ट कर दिया है. माना जा रहा है कि संजय सिंघल देश छोड़ कर भागने की कोशिश कर सकते हैं. ज्ञातव्य है कि पिछले 6 अप्रैल को सीबीआई ने भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड के कई शहरों में स्थित परिसरों में छापे मारे थे. ये छापे दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़ और कोलकाता सहित कई शहरों में कंपनी के ऑफिस और आवासीय परिसरों, उसके निदेशकों एवं प्रमोटरों के यहां मारे गए थे. कंपनी पर आरोप है कि उनके डायरेक्टर ने फर्जी कंपनियों के जरिए बैंक से लोन लिया. सीबीआई के मुताबिक साल 2007 से 2014 के बीच 33 बैंकों से 47,204 करोड़ रुपए के लोन लिए गए थे, जिसे कंपनी ने वापस नहीं किया. सीबीआई ने संजय सिंघल, आरती सिंघल, डायरेक्टर रवि प्रकाश गोयल, राम नरेश यादव, हरदेव चंद वर्मा, रवींद्र कुमार गुप्ता और रीतेश कपूर के खिलाफ पहले ही केस दर्ज कर लिया है.