उद्यम यात्रा : लेखकों के लिए धनोत्पादन का मार्ग बना सुगम 

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उद्यम यात्रा

 लेखन और मीडिया क्षेत्र में भी डिजिटलाइजेशन ने लाई उद्यमियता   

-कल्याण कुमार सिन्हा
डिजिटलाइजेशन
उद्यम यात्रा को सुगम और सुलभ बनाता जा रहा है. आपकी उद्यम यात्रा आपको कम प्रयास और कम समय में वह सब दिला सकता है, जो आप चाहते हैं. यह समय हाई टाइड (उच्च ज्वार) का है, जब लहरें उफान पर हैं. उफनती लहरों पर सवारी आपकी नौका को गंतव्य तक पहुंचाने में सहायक बन जाती हैं. बस जरूरत है एक ऐसे प्लेटफार्म की, जिस पर आपके पांव जम कर खड़े रहने के अनुकूल हों.

ऐसे प्लेटफार्म, आपके व्यवसाय को हमारे-आपके जैसे सामान्य रोजमर्रा के लोगों को आज आसानी से जोड़ते हैं. ऊंची लहरों पर सवार होने वाले हर किसी की नाव इन लहरों पर ऊंची उठती चली गई है. यह 

यह उद्यम यात्रा, ख़ास कर लेखन के क्षेत्र में देखने में आ रहा है. चाहे विषय कुछ भी हों, पुस्तकों की बाढ़ सी आई हुई है. लेखक नए हों या पुराने, सभी के लिए डिजिटलाइजेशन ने राह आसान बना कर उन्हें एक उद्यमी का दर्जा दिला दिया है. प्रकाशन के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में जो तीन चीजें जो ऊपर की ओर रुझान अथवा हाई टाइड की घटना का निर्माण करती हैं, वे हैं- पहली नई रिलीज, दूसरी सांस्कृतिक बदलाव, और तीसरी  डिजिटलाइजेशन.  

लेखन और मीडिया क्षेत्र

बाजार का यह ऊंची लहरों की सवारी का सिद्धांत कमोबेश सभी व्यवसाय या उद्यम में लागू होता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में लेखन और मीडिया से संबंधित उद्यम ऐसे भी सामने आए हैं, जिनकी नियमित या निरंतर की सवारी, ऊर्घ्वगामी कदम साबित हो रहा है. यह सवार को आगे ही आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करता जाता है. आज सभी भाषाओं और विभिन्न विषयों पर पुस्तकों की बाढ़ सी आ गई है. उद्यम यात्रा का यह चमत्कारिक प्रभाव पिछले 2016 से गतिमान हुआ, जिसे डिजिटलाइजेशन ने निर्माण किया है.

1990 तक भारत में लोग जान चुके थे की कंप्यूटर क्या है, लेकिन तब-तक दुनिया में लोगों के लिए इंटरनेट आम हो चुका था. देश में इसे लाने की कोशिश जारी थी. इंटरनेट सेवाओं की शुरुआत भारत में 15 अगस्त, 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड ने शुरू किया. इसके बाद नवम्बर, 1998 में, सरकार ने निजी ऑपरेटरों के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराने के लिए खोल दिया.

सर्च इंजन गूगल और वर्डप्रेस जैसे ओपन सोर्स टूल ने ब्लॉग्स की नींव रखी, जिसके माध्यम से लेखकों को आम लोगों तक पहुंच मिलनी शुरू हो गई. लेखक ब्लॉगर बनने लगे. विभिन्न विषयों पर पोर्टल भी सामने आने लगे. इनका व्यवसायीकरण भी शुरू हो गया. लेकिन क्षेत्र सीमित ही था. लेकिन अब, इन माध्यमों ने लेखकों को उद्यमी बनाने का मार्ग बनाना शुरू कर दिया और अब तो मानो चमत्कार ही होने लगे हैं.

इंटरनेट की ताकत

इससे लोगों को इंटरनेट की ताकत का अंदाजा मिलना शुरू हो गया था. बैंकिंग के साथ व्यावसायिक सेवाओं में इसका चलन बढ़ता जा रहा था. और जब, एंड्रॉयड फोन में इसका जादू सामने आया तो मानो चमत्कार ही करता चला गया. लेकिन उस दौर में इंटरनेट की स्पीड बहुत ही कम 2.4 ebps थी. एक MB का फोटो डाउनलोड करने में करीब 7 मिनट का समय लग जाता था. फिर भी इंटरनेट पर एक क्लिक की ताकत क्या थी, लोगों को दिखाई देने लगा था. गूगल के अन्य प्लेटफार्मों में YouTube पर भी लोगों ने हाथ आजमाना शुरू कर दिया था. उनके व्यूअर्स भी बढ़ रहे थे. लेकिन इसे गतिज शक्ति तब मिली, जब Jio ने 2016 में सस्ते और किफायती इंटरनेट समाधान प्रदान किए.  

जियो ने दी गतिज ऊर्जा 

हालांकि, 2016 के आरंभ तक 60 मिलियन YouTube उपयोगकर्ता हो गए थे. लेकिन इसी दौरान रिलायंस Jio का किफायती नेट समाधान Kinetic Energy (गतिज ऊर्जा) साबित हुआ. उसके बाद जल्द ही YouTube उपयोगकर्ता 200 मिलियन हो गए, जिनमें से 110 मिलियन Jio उपयोगकर्ता थे. रिलायंस जियो ने ऐसे समाधान तैयार किए, जिससे पूरे बाजार का आकार बढ़ता चला गया. इसके बाद तो अन्य निजी ऑपरेटर भी मैदान में सस्ते डाटा समाधानों के साथ आते गए और इस सफर को सुगम बनाने की राह आसान बनती चली गई.

पुस्तकों के प्रकाशन के क्षेत्र में 

डिजिटलाइजेशन ने पुस्तकों के प्रकाशन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है. इस बाजार के विस्तार को किंडल डिवाइस और ई-रीडर्स की बिक्री ने जबरदस्त गति दी है. अमेजन के किंडल ने ई-रीडर बाजार में 72% की पर्याप्त हिस्सेदारी के साथ अपना वर्चस्व कायम कर लिया है. नई रिलीज के तहत ब्लिंकिट और मेंटर बॉक्स जैसे पुस्तक सारांश प्लेटफार्म तीव्र गति से बढ़ रहे हैं.

सांस्कृतिक बदलाव पुस्तक सारांश के रूप में भी सामने आया है. ‘YT चैनल’ एक विशिष्ट क्षेत्र में अधिक लोगों को विभिन्न पुस्तकों, विचारों से अवगत करा रहे हैं. जिससे पाठक का भावनात्मक निवेश और किसी विषय के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ती है. डिजिटलाइजेशन और नई रिलीज के माध्यम ने KuKu FM (कुकू) जैसे क्षेत्रीय ऑडियोबुक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए हैं, जिससे लेखकों की इस उद्यम यात्रा को सुगम बना डाला है. उनके पुस्तकों के क्षेत्रीय अधिकारों को बेचने और उसी संपत्ति से आय अर्जित करने के अवसर बढ़ते जा रहे हैं.

डिजिटलाइजेशन के साथ सांस्कृतिक बदलाव के इस दौर ने कम सामग्री वाली किताबें, प्रिंट-ऑन-डिमांड और चैटजीपीटी जैसे AI ने स्व-प्रकाशन के विकास को बढ़ावा दिया है. इसने रचनाकारों के लिए अपने ज्ञान और अनुभव को पुस्तकाकार में प्रस्तुत करना आसान ही नहीं बनाया, उनके पुस्तकों के रीडर्स की संख्या बढ़ाने एवं खरीदारों को भी सामने लाकर उनके लिए धनोत्पादन  के अवसर भी पैदा कर रहा है. इन सभी नई रिलीजों, सांस्कृतिक बदलाव और  प्रौद्योगिकी प्रगति ने 2023 में पुस्तक पाठकों के बाजार का आकार $91+ बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया है.

इन नई रिलीजों, सांस्कृतिक बदलाव और  प्रौद्योगिकी प्रगति ने सभी प्रकार के लेखकों को भाग लेने, संलग्न होने और आक्रामक रूप से प्रतिस्पर्धा करने के लिए उनका स्वागत कर रहा है. सोशल मीडिया पर आज हम नित नई पुस्तकों के रिलीज सेरेमनी के दर्शन कर रहे हैं, नए-नए लेखकों को उभरते हुए देख रहे हैं, उन प्रकाशकों और प्रकाशन का ज्ञान देने वाली संस्थानों के साथ YouTubers को भी देख रहे हैं.

डिजिटलाइजेशन के फलस्वरूप पुस्तक व्यवसाय में कोई इन्वेंट्री, भौतिक उत्पाद, लॉजिस्टिक्स आदि खर्चीली जरूरतें न्यूनतम रह गए हैं. कोई उत्पादन, रखरखाव, कर्मचारी, नियुक्ति, परिचालन, नवाचार आदि भी कम से कम रह गया है. यही कारण है कि आज हजारों लेखक के लिए पहली बार, या बार-बार अपनी अगली पुस्तकें लॉन्च करना सुगम हो गया है. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स उन्हें अपने ग्राहकों तक आसान पहुंच प्रदान कर रहे हैं.

रही-सही कसर यूपीआई पेमेंट सिस्टम ने भी सरल बना दिया है. सामान्य रीडर्स तो प्रकाशक और लेखकों के करीब आ ही गए हैं. पुस्तकों की खरीद-बिक्री भी डिजिटल ट्रांसक्शन्स से तेजी से होने लगी है. सभी इससे सर्वोत्तम लाभ पाने के लिए ऊर्जावान और उत्साहित हैं. प्रौद्योगिकी से लैस इस उद्यम यात्रा ने न केवल इस व्यवसाय को आसान बनाया है, बल्कि डिजिटलाइजेशन से धनोत्पादन को सुगम बना दिया है.

यूपीआई (UPI) पेमेंट सिस्टम से क्रांति

डिजिटलाइजेशन ने देश की आम उपभोक्ता को एक बड़ी ऑनलाइन पेमेंट की ताकत से भी लैस कर दिया है. भारत सरकार ने यूपीआई पेमेंट सिस्टम की शुरुआत कर आम लोगों की जिंदगी के साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भी इस क्रांति का सूत्रपात कर दिया. अब देश के अधिसंख्य नागरिक बाजार और वस्तु विनिमय के सभी क्षेत्र को प्रभावित करने की स्थिति में आ गए हैं. खरीदी और धन चुकाने के लिए इस ऑनलाइन सेवा से अब कहीं जाने की जहमत करने नहीं होती.

मीडिया के क्षेत्र में प्रगति

इस गतिज ऊर्जा से टीवी की दुनिया में भी दूरदर्शन के साथ अन्य निजी टीवी चैनलों की समृद्धि के मार्ग, उनमें प्रदर्शित होने वाले विज्ञापनों, व्यवसाय लॉन्च करने जैसे जरिए खुलते चले गए. मीडिया के क्षेत्र में न केवल यू-ट्यूबर्स, बल्कि नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- फेसबुक, ट्विटर, इंस्टा, स्नैपचैट और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया भी बढ़े. इन नए प्लेटफार्म्स को भी जियो की वजह से ज्यादा पैसा कमाने के अवसर मिलने शुरू हो गए. इन प्लेटफार्मों पर विज्ञापन देने वाले व्यवसायी भी आज खूब धन कमा रहे हैं. इनके लिए भी भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनता जा रहा है. क्या बच्चे, क्या युवा, क्या वृद्ध स्त्री-पुरुष, सभी वर्गों में इसका जादू छाता जा रहा है.

नई रिलीज और सांस्कृतिक बदलाव के दर्शन हमें टीवी चैनलों के माध्यम से नित हो रहे हैं. इंटरनेट के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी प्रगति ने यू-ट्यूबर्स को प्रत्येक विषय का तकनीकी ज्ञान बांटने वाला, समाचारों और घटनाओं का त्वरित प्रस्तोता, राजनीतिक विश्लेषक, आध्यात्मिक ज्ञान दाता, मार्केटिंग ज्ञान दाता, चिकित्सा, धार्मिक प्रवचनकार से लेकर रसोई की रेसिपी का ज्ञान देने वाला भी बना दिया है. इनके व्यूअर्स की संख्या लाखों में होते जा रहे हैं. गूगल ने ऐसे यू-ट्यूबर्स के लिए लाखों में खेलने का रास्ता भी बना दिया है.

-कल्याण कुमार सिन्हा

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