अब तक का सर्वाधिक उत्पादन कर लक्ष्य से आगे रही कंपनी
नागपुर : कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) की अनुषंगी कम्पनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) पिछले वर्ष की तुलना में 7 मिलियन टन अधिक कोयले का उत्पादन करने में सफल रही है. बताया गया कि इसी वर्ष के आरंभ में ‘मिशन : डब्ल्यूसीएल 2.0’ लागू कर वेकोलि अच्छे नतीजे तक पहुंचने में सफल रही.
कंपनी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी-अभी समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान, कम्पनी के स्थापना-काल से अब तक का सर्वाधिक कोयला-उत्पादन और डिस्पैच कर नया रिकार्ड बनाया. एमोयू लक्ष्य 49.70 मिलियन टन लक्ष्य की तुलना में वेकोलि ने 53.18 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया. यह पिछले वर्ष के उत्पादन से 7 मिलियन टन अधिक है. केंद्र की संप्रग सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में कम्पनी 8 वर्षों के बाद अपना उत्पादन-लक्ष्य प्राप्त कर सकी है.
वेकोलि ने बताया है कि कोयला-उत्पादन में स्थापना-काल से अब तक की सर्वाधिक 15 प्रतिशत वृद्धि उसने दर्ज की है. इसी तरह, कोयला-प्रेषण में भी वेकोलि ने 14% से अधिक की उपलब्धि हासिल की है. आलोच्य वित्तीय वर्ष के दौरान, वेकोलि ने 55.56 मिलियन टन कोयला डिस्पैच किया, जबकि इसी अवधि में पिछले वर्ष यह 48.75 मिलियन टन था.
बढ़िया रहा ‘मिशन : डब्ल्यूसीएल 2.0’ का नतीजा
कंपनी ने दावा किया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान, उत्पादन एव प्रेषण में बढ़ोत्तरी से कम्पनी की वित्तीय स्थिति वर्ष 2017-18 की तुलना में सुदृढ़ होगी. 2018-19 के पूर्वार्द्ध में प्रारम्भ ‘मिशन : डब्ल्यूसीएल 2.0’ से टीम वेकोलि अपनी विभिन्न मूलभूत आवश्यकताओं को ठीक करने में सफल रही. नतीजतन, 31 मार्च के दस दिन पूर्व ही कम्पनी 49.70 मिलियन टन लक्ष्य को पार कर चुकी थी. कम्पनी के खाते में एक उपलब्धि यह भी रही कि 22 मार्च 2019 को ही वह 50 मिलियन टन से अधिक कोयला-उत्पादन कर चुकी थी. ‘मिशन : वेकोलि 2.0’ के प्रभावी क्रियान्वयन से हर स्तर पर नई कार्य-संस्कृति स्थापित हुई. टीम वेकोलि के हरेक सदस्य ने इसमें भाग लिया और इस उपलब्धि को हासिल करने में एक-दूसरे का साथ दिया.
वेकोलि की उपरोक्त सफलता में, पिछले चार वर्षों में खोली गई 20 नयी खदानों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा. 2018-19 में इन खदानों से कम्पनी 35.82 मिलियन टन कोयला-उत्पादन कर सकी. विविध मोर्चो पर समुचित योजना और समेकित प्रयासों के चलते इन नई खदानों से उत्पादन में गत वर्ष की तुलना में 30% की वृद्धि दर्ज की गई.
वेकोलि के अनुसार इस वर्ष कम्पनी के उत्पादन में वणी क्षेत्र की प्रतिष्ठित पेनगंगा ओपन कास्ट माइन का सबसे ज्यादा 6.30 मिलियन टन कोयले का योगदान रहा, जबकि उमरेड ओपन कास्ट ने 4.9 मिलियन टन और मकरधोकड़ा-3 ने 3.26 मिलियन टन कोयला-उत्पादन किया. गत चार वर्षों में 20 नई खदानें खोलने के अलावा पुरानी खदानों की क्षमता में वृद्धि और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से त्वरित अनुमति के कारण वेकोलि अधिक कोयला-उत्पादन कर सकी.
खदानों से निकली रेत भी बेच रही कंपनी
उल्लेखनीय है कि कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कम्पनियों में, वेकोलि लीक से हट कर (आउट ऑफ बॉक्स) कार्य भी कर रही है. इस क्रम में, निगमित सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत नागपुर सुधार प्रन्यास (NIT) को ओवर बर्डन से निकाली गई रेत देने के अलावा वेकोलि ने महाराष्ट्र सरकार के अनुमोदन से रेत का व्यावसायिक खनन तथा उसकी बिक्री भी प्रारम्भ की है. लेकिन कंपनी ने यह नहीं बताया है कि कितनी रेत बेची गई और इससे कितनी वार्षिक आय की उम्मीद है.
मायल लि., महाजेनको तथा एनएचएआई को भी बेचेगी रेत
वैसे कम्पनी ने हाल ही में, मायल लिमिटेड के साथ 50,0000 क्यूबिक मीटर रेत की वार्षिक आपूर्ति के सहमति-पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. कम्पनी महाजेनको तथा एनएचएआई के साथ भी समान करार करने का प्रयास कर रही है. रेत आपूर्ति के इस ने कार्य से वेकोलि ने अपने लिए आय का एक नया द्वार खोला है.
वर्ष 2018-19 में कुल 16.56 मिलियन टन क्षमता की 9 परियोजनाओं को अनुमोदन मिल चुका है. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कम्पनी समेकित और सतत विकास के मद्देनज़र, “गुणवत्ता : कोयले की, जीवन की” संकल्प पर कार्य करेगी। क्षेत्रों में इसके सफल क्रियान्वयन हेतु MITRA (Mission Implementation Task Force For Regional Areas) का गठन किया गया है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी, सुपरवाइजर और कामगार भी हैं.
कर्मचारियों की स्वास्थ्य सेवाओं में किया सुधार
कम्पनी में चिकित्सा सुविधा और बेहतर करने की दिशा में, तीन अस्पतालों ; राजीव रतन हॉस्पिटल, घुघुस, जे.एन.हॉस्पिटल, कामठी तथा बडकुही हॉस्पिटल, परासिया को केन्द्रीय अस्पताल के रूप में अपग्रेड किया गया है. 01 अप्रैल 2019 से इन अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (OPD) प्रारम्भ हो गए हैं और नव नियुक्त विशेषग्य डॉक्टरों को वहां रखा गया है. इन अस्पतालों की आधारभूत संरचना को और सुदृढ़ कर तथा और विशेषग्य डॉक्टर एवं पैरा मेडिक्स की तैनाती की प्रक्रिया जारी है. इससे अस्पतालों की क्षमता बढ़ेगी और कम्पनी-कर्मियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी.