देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ने चले थे, मिली सश्रम सजा 

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नकली नोटों के चार तस्करों को 12 वर्ष का सश्रम कारावास और 62 लाख का जुर्माना 

नागपुर : देश में नकली नोट के प्रसार में लिप्त पाए गए चार तस्करों को सोमवार, 14 नवंबर को विशेष सत्र न्यायालय ने 12 वर्ष की कैद और 62 लाख रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई. देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य किए जा रहे इस षड़यंत्र को अंजाम देने वाले मीर अनवरुल उर्फ मीर अली हुसैन (37), मो. अब्दुल्ला उर्फ अब्दुल हक शाकिर अली (41), शेख गफ्फार उर्फ अब्दुल गफ्फार (52) और शेख सत्तार शेख मूसा (31) को एएनआई क़ानून के अंतर्गत विशेष सत्र न्यायाधीश पी.वाई. लाडेकर ने यह सजा सुनाई. 

देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले इन आरोपियों में मीर अनवरुल और मो. अब्दुल्ला पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले हैं. जबकि, शेख गफ्फार और शेख अब्दुल्ला दोनों चंद्रपुर जिले के जिवती के निवासी हैं. इन चारों गुनहगारों को विशेष सत्र न्यायालय ने जो सजा सुनाई है, वह इस प्रकार है- 

तीन अपराधियों की सजा-

इनमे से तीन मीर अनवरुल, शेख गफ्फार व शेख सत्तार को भादंवि की धारा 489-ब के अंतर्गत 12 वर्ष का सश्रम कारावास और 3 लाख रुपए जुर्माना और दंड भरने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास, धारा  489-सी के अंतर्गत 6 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 लाख रुपए जुर्माना और जुर्माना नहीं भरने पर 8 महीने अतिरिक्त कारावास, धारा 120-ब के अंतर्गत 12 वर्ष का सश्रम कारावास व 3 लाख रुपए और जुर्माना नहीं भरने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास, एवं  गैरकानूनी कार्रवाई प्रतिबंध क़ानून की धारा 16 और 18 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 3 लाख रुपए जर्माना व जुर्माना नहीं भरने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई. 

एक अन्य गुनहगार की सजा-

इसी तरह एक अन्य अपराधी मो. अब्दुल्ला को भी भादंवि की धारा 489-ब के अंतर्गत 12 वर्ष का सश्रम कारावास व 5 लाख रुपए जुर्माना व जुर्माना नहीं भरने पर 18 महीने अतिरिक्त कारावास, धारा 489-सी के अंतर्गत 6 वर्ष सश्रम कारवास व 4 लाख रुपए जुर्माना व जुर्माना नहीं भरने पर 15 महीने अतिरिक्त कारावास, धारा 120-ब अंतर्गत 12 वर्ष सश्रम कारावास व ५ लाख रुपए जुर्माना व जुर्माना नहीं भरने पर 18 महीने अतिरि क्त कारावास एवं गैरकानूनी कार्रवाई प्रतिबंध क़ानून की धारा 18 अंतर्गत 10 वर्ष सश्रम कारावास व ६ लाख रुपए जुर्माना व जुर्माना नहीं भरने पर 18  महीने अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई. सभी चारों गुनहगारों को यह सारी सजा एक साथ भुगतनी पड़ेगी. 

इन देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने चारों अपराधियों को 4 अक्टूबर 2015 को नागपुर पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने नागपुर रेलवे जंक्शन पर 9 लाख 11 हजार रुपए के नकली नोटों सहित गिरफ्तार किया था. दस्ते का नेतृत्व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विद्या शंकर मिश्रा ने किया था. अपराधियों के पास से मिले नकली नोट 100 और 500 रुपए के थे. 

न्यायालय में सरकार की ओर से एड.प्रशांत सत्यनाथन ने पैरवी की. इस कार्य में उनका सहयोग एड.वेदांत दाते और एड.नंदिनी सिंह ने किया.

 

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