नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन की दूसरी वर्षगांठ पर सोमवार, 1 जुलाई को सरकार इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में कुछ और सुधार पेश करेगी. इन सुधारों में नई रिटर्न प्रणाली, नकद खाता प्रणाली को तर्कसंगत बनाना और एकल रिफंड वितरण प्रणाली शामिल है.
ये सुधार परीक्षण के तौर पर आज से लागू होंगे और एक अक्टूबर से इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाएगा.
वित्त मंत्रालय के अनुसार GST भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पासा पलटने वाला है और इसने बहुस्तरीय और जटिल कर ढांचे को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी आधारित कर व्यवस्था में बदला है. आज GST लागू होने की दूसरी वर्षगाठ भी है.
इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में और सुधारों में नया रिटर्न सिस्टम, नकद खाता बही प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने और सिंगल रिफंड डिस्बर्सिंग मैकेनिज्म समेत कई सुधारों की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है.
वित्त मंत्रालय ने रविवार को बताया कि सोमवार को होने वाले कार्यक्रम में वित्त एवं कंपनी मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर विभिन्न विभागों के सचिवों और अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे. GST लागू होने के दो साल के मौके पर ट्रायल बेसिस पर नया रिटर्न फॉर्म सिस्टम लागू किया जाएगा और 1 अक्तूबर से इसे अनिवार्य किया जा सकता है।
साथ ही छोटे करदाताओं के लिए सहज और सुगम रिटर्न का प्रस्ताव दिया गया है. नकद खाते को तर्कसंगत बनाते हुए 20 मदों को पांच प्रमुख मदों में शामिल किया जाएगा. कर, ब्याज, जुर्माना, शुल्क और अन्य चीजों के लिए सिर्फ एक नकद बहीखाता होगा. इसके अलावा सरकार सिंगल रिफंड डिस्बर्सिंग मैकेनिज्म पेश करेगी, जिसके तहत सभी चार बड़े मदों CGST, SGST, IGST और सेस के लिए रिफंड को मंजूरी मिलेगी.
इन सुधारों पर भी रहेगा जोर
मंत्रालय के मुताबिक, राज्यों की इच्छा के अनुसार सामान सप्लायर्स के लिए 40 लाख रुपए की लिमिट की पेशकश की गई है. वहीं, 50 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर वाले छोटे सर्विस प्रोवाइडरों के लिए कंपोजिशन स्कीम को पेश किया गया है. उन्हें 6 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. इसके अलावा बिजनेस टू बिजनेस लेनदेन के लिए चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस सिस्टम पेश करने का प्रस्ताव है. सभी राज्यों की राजधानी में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित किए जा रहे हैं.
GST 2.0 लागू करने का समय आ गया : उद्योग जगत
भारतीय उद्योग जगत के अनुसार अब GST में सुधार का दूसरा चरण शुरू होना चाहिए. इसके दायरे में बिजली, तेल, गैस, रीयल स्टेट और शराब को भी लाया जाना चाहिए.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा कि जीएसटी 2.0 अर्थव्यवस्था की वृद्धि को अगले स्तर पर ले जाएगा. GST में कर स्लैब को दो या तीन तक सीमित किया जाना चाहिए. उन्होंने पूरे देश में एकल पंजीकरण प्रक्रिया की भी वकालत की.
सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष व उद्योगपति आदि गोदरेज ने कहा कि दो साल में GST मजबूत हुआ है और इसने अच्छे परिणाम दिए हैं. हमारा मानना है कि जीएसटी आने वाले वर्षों में भारत के लिए आर्थिक विकास को गति देने वाला एक शक्तिशाली साधन होगा.