पालक मंत्री ने लिया स्थिति का जायजा, किसानों, कृषि मजदूरों को मदद का दिया आश्वासन
ब्रजेश तिवारी,
काटोल (नागपुर) : राज्य के ऊर्जा मंत्री एवं जिले के पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने यहां स्वीकार किया कि काटोल कृषि उपविभाग के अंतर्गत काटोल, कलमेश्वर तथा नरखेड़ इन तीनों तहसीलों में भीषण आकाल की स्थिति है. उन्होंने बताया कि इन तहसीलों में कपास, सोयाबीन, तुअर, मूंगफली की 80 प्रतिशत फसल नष्ट हुई है.
काटोल, कलमेश्वर तथा नरखेड़ तहसीलों के खेतों का प्रत्यक्ष निरीक्षण कर शनिवार, 27 अक्टूबर की शाम 5 बजे काटोल पंचायत समिति के सभागृह में आयोजित पत्रकार परिषद में पालक मंत्री ने यह जानकारी दी और कहा कि तीनों तहसीलों के किसानों को हर संभव सहायता दी जाएगी. उन्होंने आश्वस्त किया कि संकट की इस स्थिति में सरकार किसानों के साथ है. उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है.
किसान, कृषि मजदूर, मवेशी संकट में
काटोल कृषि उपविभाग में इस वर्ष कम बारिश के कारण खरीफ की फसलों में कपास, सोयाबीन, तुअर, मूंगफली जैसी फसलें बरबाद हो गई हैं. इन तहसीलों में पानी की भी भीषण किल्लत है. किसानों और कृषि मजदूरों के समक्ष अत्यंत कठिन परिस्थिति पैदा गई है. मवेशियों के लिए चारा संकट भी पैदा हो गया है.
पालक मंत्री बावनकुले ने शनिवार को पूरे दिन कृषि विभाग वरिष्ठ अधिकारियों और जिला परिषद एवं काटोल पंचायत समिति के जनप्रतिनिधियों के साथ कलमेश्वर, काटोल तथा नरखेड़ तहसील के 25 से अधिक गांवों का दौरा कर खेत-खेत जाकर फसलों की स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया.
चिखली मैना गांव में किसान से की चर्चा
काटोल तहसील के चिखली मैना गांव में बलवंता मुलताईकर नामक किसान के खेत में पहुंच कर पालक मंत्री ने निरीक्षण किया तथा किसान से चर्चा की. किसान ने बताया कि उसने साढ़े तीन एकड़ खेत में 7 थैली कपास की बोआई की है, लेकिन जहां हरवर्ष लगभग 35 क्विंटल कपास का उत्पादन होता था, वहां इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण 2 क्विंटल कपास के उत्पादन की भी संभावना नहीं है.
पालक मंत्री तथा कृषि अधिकारियों ने अन्य गांवों में भी कपास की फसल का निरिक्षण किया और बताया कि लगभग 80 प्रतिशत कपास की फसल का नुकसान हुआ है. काटोल कृषि उपविभाग के अंतर्गत काटोल, कलमेश्वर तथा नरखेड़ के लगभग अधिकतर खेतों में ऐसी ही स्थिति है.
सत्यमापन समिति ने फसलों का किया निरीक्षण
पत्रकार परिषद में पहले नागपुर विभाग के कृषि अधीक्षक मिलिंद शेंडे ने बताया कि आकाल की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए पालक मंत्री के नेतृत्व में सरकार की इस सत्यमापन समिति ने काटोल, नरखेड़ तथा कलमेश्वर तहसील के 10 प्रतिशत गांवों का चयन किया. जिसमें कपास, सोयाबीन तथा तुअरकी फसलों का हर तहसील के पांच पांच खेतों का निरिक्षण किया गया. कुल लगभग 25 खेतों का आज निरीक्षण किया गया.
उन्होंने बताया कि काटोल तहसील में कुल 49,915 हेक्टयर में खरीफ की फसलों की बुआई हुई है, जिसमें 24,520 हेक्टेयर में कपास, 14,616 में सोयाबीन तथा 6,639 में तुअर तथा अन्य फसल है. आज फसलों का निरीक्षण करने पर यह स्पष्ट हो गया कि तीनों तहसीलों में भीषण अकाल की स्थिति है.
राज्य की 180 तहसीलों में अकाल की स्थिति
पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि राज्य की 180 तहसीलों में अकाल की स्थिति है उन्हें भंडारा जिले की तीन तथा नागपुर जिले की तीन तहसील की फसलों का निरिक्षण करने का निर्देश है. उन्होंने कहा कि काटोल, कलमेश्वर तथा नरखेड़ इन तीन तहसीलों की कपास, सोयाबीन तथा तुअर की फसलों का मैं ने निरीक्षण किया. जिसमें स्पष्ट हो गया इस वर्ष अकाल की स्थिति अत्यंत गंभीर है. 80 प्रतिशत से भी जादा फसलों का नुकसान हुआ है. पर किसानों को निराश होने की जरूरत नहीं है. संकट की इस स्थिति में सरकार किसानों के साथ है.
राजनीतिक दलों से राजनीति न करने की अपील
उन्होंने कहा कि किसानों को राहत, मजदूरों को काम तथा मवेशियों के लिए चारा की व्यवस्था सरकार करेगी. उन्होंने सभी राजनितिक दलों से भी इस नैसर्गिक आपदा के समय अकाल पर राजनीति नहीं करने और किसानों के साथ खड़े रहने की.
लोडशेडिंग से किसानों को मिलेगी राहत
महाविरण द्वारा लोडशेडिंग के कारण फसलों की सिंचाई न होने के विषय में चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हर वर्ष राज्य को लगभग 20 हजार मेगावाट बिजली की मांग रहती थी, पर इस वर्ष यह बिजली की मांग 24142 मेगावाट तक पहुंच गई है, इसलिए लोडशेडिंग जरुरी हो गया है पर लोडशेडिंग से किसानों को राहत देने के प्रयास जारी है.
पत्रकार परिषद में काटोल के उपविभागीय अधिकारी श्रीकांत उबरीकर, नागपुर जिला परिषद के सभापति उकेश चौव्हाण, नागपुर जिला भाजपा के अध्यक्ष डॉ.राजीव पोतदार, काटोल नगर परिषद के सत्तापक्ष नेता चरणसिंह ठाकुर, काटोल पंचायत समिति के सभापति संदीप सरोदे, उपसभापति योगेश चाफले आदि इस अवसर पर उपस्थित थे.