आश्चर्यजनक : सफेद बटाना पर आयात शुल्क 20 हजार प्रति क्विंटल

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2033
बटाना

प्रताप ए. मोटवानी,
नागपुर :
आजादी के बाद देश के इतिहास में आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी जिंस की मूल राशि से उसके चार गुना आयात शुल्क सरकार ने लगाया हो. यह आश्चर्यजनक पर सत्य है. सरकार ने बटाना आयात के नियम सख्त कर दिए हैं. सरकार ने 50% ड्यूटी के साथ 20,000 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम आयात शुल्क कर दिया है. इससे सारे खर्चे मिलने पर बटाने का आयात पड़ताल पोर्ट पर 30 रुपए क्विंटल पड़ेगा. ग्राहक तक पहुंचने पर यह 35 से 40 हजार रुपए क्विंटल पड़ेगा. यानि इसे विश्व का 8वां अजूबा कहें तो अतिश्योक्ति नही होगी.

इसके पूर्व सफेद बटाना (मटर) सबसे सस्ता कनाडा से आयात होता था, जो कि 2,500 और 3,000 रुपए तक बिकता था. उसकी दाल 3,500 से 3,800 रुपए तक बिकती थी. तीन वर्ष पूर्व सभी दालें 100 रुपए किलो से ऊपर पहुंच गई, तब भी बटाना दाल के दाम 35-40 रुपए किलो थे. चना दाल के भाव ज्यादा होने पर बटाना दाल का बेसन लोकप्रिय और सस्ता रहता था. चना दाल के बेसन में बटाना दाल का मिश्रण किया जाता था. चना दाल से भाव कम होने पर ग्रामीण क्षेत्रो में बटाना दाल का बेसन सस्ता और लोकप्रिय था.

बटाने (मटर) का आयात असंभव  
अब देश में बटाने (मटर) का आयात असंभव हो गया है. इसका फायदा देश के किसानों को मिलेगा. अब देश की जनता को अपना स्वदेशी बटाने पर निर्भर रहना होगा. इस वर्ष देशमें बटाने की बिजाई मामूली बढ़कर 9 लाख हेक्टेयर के पार पहुंची है. सरकार द्वारा अधिसूचना के एक दिन बाद बटाने की कीमतें 20 फीसदी बढ़ गईं. वर्तमान में भाव 6,200 से 6,500 प्रति क्विंटल हो गए हैं और नागपुर में बटाना दाल के भाव 7,000 के आसपास हो गए हैं.

आश्चर्य लेकिन सत्य है, जो बटाना चने से 500 से 700 रुपए कम पर बिकता था. आज चने का भाव नागपुर में होलसेल 4,500-4,600 रुपए तक है. यानि बटाने से 1,500-1,700 रुपए क्विंटल कम है. यहां तक कि दालों की रानी और गावरानी तुअर के दाम 5,500 से 5,700 के दाम से 500-600 रुपए ज्यादा है.

मसूर के भाव बटाने से कम
मसूर के भाव भी 4,800 से 5,000 है. यानि बटाने से 1,000-1,500 कम है. बटाने  के भाव बढ़ने से हरे बटाना के भाव बढ़कर 11,000-11,500 रुपए मुम्बई पोर्ट पर हो गए हैं. वर्तमान में सभी सब्जी मंडियों में हरे बटाने की फल्ली 25 से 35 रुपए किलो बिक रही है. यह 1 माह और उपलब्ध रहेगी. उसके बाद हरे बटाने की मांग बढ़ेगी. देश मे हरे बटाने का उत्पादन नहीं होता. देश के कुछ प्रान्तों में चिपटा हरा बटाने का उत्पादन होता है. उसका उपयोग हरे बटाने से भाव कम होने पर होता है. किन्तु हरा बटाना महंगा होने से चिपटा हरा बटाना के भी भाव उच्च रहेंगे.

उड़द के फसल में आई है गिरावट
इस वर्ष उड़द की फसल देश में 50% कम होने पर भाव बढ़ रहे थे. सरकार ने आयात कोटा 1.5  लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन किया, जिससे भावों को ब्रेक लगा. वर्तमान में मुम्बई पोर्ट पर आयातित उड़द 7,100 से 7,250 रुपए है. देशी उड़द 6,000 से 7,000 रुपए क्वालिटी के अनुसार बिक रहा है.

मूंग की फसल भी कम हुई इस वर्ष
इस वर्ष मूंग की फसल भी प्रतिकूल मौसम  30 से 40% कम है. भाव देशी मंडियों में 6,500 से 7,800 रुपए क्वालिटी के अनुसार है. सरकार ने वर्ष 2018-2019 के लिए मूंग के लिए 1.5 लाख टन और उड़द के लिए 1.5 लाख टन निर्धारित की थी. जो आयात हो चुका है. अब सरकार ने 2.5 लाख टन उड़द के अतिरिक्त आयात की घोषणा की है.

म्यांमार ने आयात-निर्यात नियमों में किए बदलाव
म्यांमार के वाणिज्य मंत्रालय ने आयातकों और निर्यातकों को 31 दिसंबर तक नया रजिस्ट्रेशन करने को कहा है. नए नियमों के अनुसार 5 जनवरी 2020 से मंत्रालय आयातकों और निर्यातकों को 9 अंकों का डिजिटल टेक्सेशन आइडेंटिफिकेशन नम्बर देगी, नए रजिस्ट्रेशन के बिना आयात व निर्यात नहीं होगा. यह प्रक्रिया अगर लम्बी चली तो म्यांमार से कृषि उत्पादों के निर्यात में देरी हो सकती है.

देश में वाणिज्य मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 33 अरब डॉलर के आयात-निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके तहत आयात का स्तर निर्यात से ऊपर रहने की संभावना व्यक्त की गई है, जिससे वहां 2 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हो सकता है.

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-2021 तक का आयात कोटा 31 मार्च 2020 को घोषित किया जाएगा. सरकार द्वारा देश के किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले तथा किसानों को उनकी फसल के भाव समर्थन मूल्य मिलने के लिए उपरोक्त कदम उठाए जा रहे हैं. किसानों को उनकी फसल के भाव मिलने के साथ खुले बाजारों में दलहनों के भाव संतुलित रहे, उसका भी ध्यान रखना होगा. बटाने के भाव बढ़ने से और चना दाल सस्ती होने से अब देश की जनता  को शुद्ध चना दाल के बेसन के व्यंजन खाने को मिलेगा. देश की आजादी के बाद पहिली बार ऐसा देश में प्रसंग बना है. जिसे विश्व का अजूबा कह सकते हैं.

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