नई दिल्ली : एस-एसटी एक्ट (अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम) के विरोध में सपाक्स द्वारा भारत बंद के आह्वान को मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, सहित महाराष्ट्र में भी समर्थन देखने को मिला. इन सभी राज्यों के प्रमुख शहरों के अलावा छोटे शहरों में भी विरोध के स्वर और हिंसक घटनाएं हुईं.
महाराष्ट्र में भी बंद को मिला समर्थन
महाराष्ट्र में भी सपाक्स द्वारा बंद के आह्वान को पूरा समर्थन मिला. ठाणे में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और एससी-एसटी एक्ट का पुरजोर विरोध किया. महाराष्ट्र में दुकानों से लेकर पेट्रोल पंप बंद रहे. बंद का असर देखते हुए स्कूलों 5 सितंबर को ही स्कूलों की छुट्टी का ऐलान कर दिया गया था. भारत बंद को नागपुर में भी असर देखने को मिला. गुरुवार सुबह सवर्ण जाति के लोग शहर के वेरायटी चौक में एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
राज्य के अनेक इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया. उधर इंटेलिजेंस के मुताबिक कुछ असामाजिक तत्व भीमा-कोरेगांव जैसे दंगे भड़काने की कोशिश में थे, जिसके चलते महाराष्ट्र के संदिग्ध इलाकों में ड्रोन्स की मदद से नजर रखी गई.
मध्य प्रदेश में व्यापारियों ने भी किया समर्थन
मध्य प्रदेश में हिंसा के आसार को देखते हुए ग्वालियर, भोपाल, भिंड, जबलपुर, सागर आदि शहरों में बंद को पूर्ण समर्थन मिला और हिंसक घटनाएं देखने को मिली. इन सभी शहरों में पुलिस ने एहतियातन व्यापक बंदोबस्त किए थे. ग्वालियर में बंद का समर्थन करते हुए व्यापारी वर्ग ने भी सभी दुकानों पर ताले जड़ दिए. भोपाल में भी मंडियों से लेकर सभी पेट्रोल पंप 4 बजे तक के लिए बंद रखे गए.
इसी तरह बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों में भी बंद को व्यापक समर्थन मिलने के समाचार हैं. इन राज्यों में हिंसक वारदातें भी हुईं.