नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक बार फिर भाजपा को आगाह किया है कि यदि नीतियों में जल्द सुधार नहीं हुए तो 2019 की नैया डूब भी सकती है. किसान और बेरोजगारी की समस्या की ओर संघ ने ख़ास कर इशारा किया है.
‘टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के अनुसार संघ के विचारकों द्वारा भाजपा और केंद्र सरकार को किसानों और कृषि की बढ़ती समस्या के साथ ही सभी स्तरों पर नौकरी के मुद्दे पर बार-बार आगाह किया जा रहा है. संघ के एक प्रमुख नेता ने ‘टेलीग्राफ’ से कहा कि यदि समय रहते भाजपा ने हमारी चेतावनियों पर ध्यान दिया होता तो गुजरात में पार्टी की इतनी बुरी स्थिति नहीं होती.
युवा वर्ग में बढ़ती जा रही है निराशा और नाराजगी
उल्लेखनीय है कि गुजरात में भाजपा भले ही सरकार बनाने में सफल रही, लेकिन पार्टी के ऐसे परिणाम से संघ बिलकुल ही खुश नहीं है. गुजरात से मिले फीडबैक के बारे में संघ के नेताओं ने भाजपा को पिछले शुक्रवार को ही एक बैठक में अवगत करा दिया है. इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मौजूद थे. संघ ने उन्हें बताया कि नौकरी नहीं मिल पाने से युवा वर्ग में तेजी से भाजपा के प्रति असंतोष बढ़ने लगा है. युवा वर्ग में पार्टी से निराशा और नाराजगी बढ़ती जा रही है. उन्हें लगने लगा है कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है.
किसानों में भी पनप रहा गुस्सा
ऐसी ही निराशा और नाराजगी गांवों के किसानों में पनप रही है. कृषि क्षेत्र पर अपेक्षानुरूप ध्यान नहीं दिए जाने से किसानों की आर्थिक दशा चरमराती जा रही है. और अब वे अपने ऐसे हालात के लिए भाजपा को ही जिम्मेदार मानने लगे हैं.
आर्थिक नीतियों की गलतियों को स्वीकार कर सुधार जरूरी
आरएसएस सूत्रों के अनुसार यदि भाजपा ने इन दोनों की ओर तेजी से ध्यान देकर उनकी समस्या नहीं सुलझाई तो 2019 के लोकसभा चुनाव और 2018 के आठ राज्यों के होने वाले चुनावों में भाजपा को भारी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है. संघ की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच के एक नेता ने कहा कि आर्थिक नीतियों की गलतियों को स्वीकार कर जल्द उनमें सुधार नहीं किए गए तो किसानों और युवा वर्ग से पार्टी को भरी नुकसान उठाना पड़ेगा.