भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र में एनसीपी-कांग्रेस पर भारी पड़ रही भाजपा

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पश्त पटेल ने समन किया मुंडे, अजित पवार, जयंत पाटिल को, भाजपा के लिए फड़णवीस, गड़करी सक्रीय

नागपुर : भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान में अब मात्र चार दिन बचे हैं. आगामी 28 मई को क्षेत्र के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं. यहां चुनाव प्रचार शनिवार, 26 मई की शाम 5 बजे समाप्त हो जाएगा. इस संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का सीधा मुकाबला एनसीपी-कांग्रेस से है, जिसकी प्रचार की कमान क्षेत्र के हैवीवेट एनसीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने संभाल रखी है. पार्टी नेताओं से नाराज होकर भाजपा के सांसद नाना पटोले द्वारा इस्तीफा देने से यह संसदीय क्षेत्र खाली हुआ था. इस कारण यहां उपचुनाव कराया जा रहा है.

प्रफुल्ल पटेल ने अकेले थामे रखा कमान
लेकिन चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में अब एनसीपी नेता अपने उम्मीदवार मधुकर कुकड़े का सम्पूर्ण प्रचार अभियान अकेले अपने कंधे पर ढोते-ढोते पश्त से होते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कुकड़े के लिए सम्पूर्ण भंडारा-गोंदिया क्षेत्र में आरंभ से ही जोरशोर से प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी की धुआंधार प्रचार रैली ने एनसीपी-कांग्रेस की मानो हवा बिगाड़ दी है. इस स्थिति से निपटने के लिए पटेल ने पार्टी नेताओं को समन जारी कर दिया है.

प्रफुल्ल पटेल की गोदिया में प्रचार रैली का एक दृश्य.

मुंडे, अजित पवार, जयंत पाटिल को उतारा पटेल ने
इसके बाद मंगलवार को यहां विधान परिषद में नेता विपक्ष एनसीपी के धनंजय मुंडे ने पार्टी उम्मीदवार कुकड़े के लिए दो रैलियों को सम्बोधित किया. आज बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मोर्चा संभाला. अब बारी है एनसीपी के नए प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल की. तीनों नेता प्रचार समाप्त होने के एक दिन पूर्व 26 मई तक भंडारा-गोंदिया क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार के लिए धुंआधार प्रचार करेंगे.

फड़णवीस और गड़करी भी खींच रहे हैं रैलियों में भारी भीड़
भाजपा उम्मीदवार हेमंत पटले के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री फड़णवीस ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं, वहीं केंद्रीय मंत्री गड़करी ने भी अपनी रैलियों में भारी संख्या में मतदाताओं को आकृष्ट किया. दूसरी ओर रविवार का दिन एनसीपी के लिए अवकाश का दिन रहा, क्योंकि उनके नेता प्रफुल्ल पटेल अचानक मुंबई रवाना हो गए. बताया जाता है कि क्षेत्र में पार्टी की कमजोर पड़ती स्थिति से निपटने के लिए ही पटेल को मुंबई जाना पड़ा. उसके बाद ही प्रचार के अंतिम चरण में पार्टी के अन्य नेताओं को भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र के प्रति अपनी भी जिम्मेदारी समझ में आई.

भाजपा संगठन के आधार पर बना रही बढ़त
सूत्रों ने बताया कि प्रचार के दौरान भाजपा ने अपनी संगठन शक्ति का बढ़िया उपयोग कर पूरे क्षेत्र में अपनी पकड़ काफी मजबूत कर ली है. मुख्यमंत्री फड़णवीस स्वयं प्रचार अभियान के संचालन की देखरेख कर रहे हैं. पार्टी के कार्यकर्त्ता जोरशोर से पूरे क्षेत्र में मतदाताओं से सम्पर्क अभियान के तहत मिलजुल रहे हैं.

जातीय समीकरण को अपने-अपने पक्ष में करने की कसरत
जातीय समीकरणों के अनुसार एनसीपी-कांग्रेस उम्मीदवार कुकड़े की स्थित भाजपा के पटले से इस आधार पर मजबूत मानी जा रही थी, क्योंकि कुकड़े कुणबी समुदाय के हैं, जिनकी क्षेत्र में संख्या सर्वाधिक 27 प्रतिशत है. भाजपा के पटले पोवार समुदाय से आते हैं, जो क्षेत्र में दूसरे स्थान पर आते हैं और इनकी संख्या कुणबी समुदाय के बाद दूसरे नंबर की 25 प्रतिशत है. इस आधार पर दोनों ही पक्ष क्षेत्र के 20 प्रतिशत तेली समुदाय, एससी-एसटी, कोहली और अन्य समुदाय के 28 प्रतिशत मतदाताओं को ही रिझाने का प्रयास करते नजर आए. हालांकि माना जाता है कि तेली समुदाय का रुझान हमेशा भाजपा की ओर रहा है. लेकिन चुनाव मैदान में कोई रिपब्लिकन या बसपा उम्मीदवार के नहीं होने से दलित वोट एनसीपी-कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में जा सकता है. दलित वोट ही एनसीपी के लिए बड़ा सहारा माना जा रहा है.

निर्दलीय पंचभाई भाजपा के पक्ष में
इस बीच आजाद शेतकरी संघटना के निर्दलीय प्रत्याशी किशोर पंचभाई ने चुनाव की दौड़ से अपने को अलग कर अपना समर्थन भाजपा के हेमंत पटले के प्रति जाहिर कर दी है. इससे पवनी क्षेत्र के पटेल समुदाय से पतले को लाभ होने की संभावना बढ़ गई है.

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