आंध्रप्रदेश से भागकर वापस लौटे दो बंधुआ मजदूरों की मौत, 7 का इलाज जारी

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अचलपुर उपजिला अस्पताल में भर्ती फुड प्वायजनिंग के शिकार मजदूर.

सभी 12 मजदूर अचलपुर तहसील के, फुड प्वायजनिंग से सभी हैं पीड़ित

इरशाद अहमद,
अचलपुर (अमरावती) :
अचलपुर तहसील के बंधुआ बनाकर रखे गए 12 लोग आंध्रप्रदेश से भागकर पिछले दिनों बीमार अवस्था में अचल पुर लौटे, इनमें से दो की मृत्यु हो गई है. अन्य 10 लोगों का इलाज यहां अचलपुर उपजिला अस्पताल में किया गया है. तहसील के वडगांव फतेहपुर के 12 लोगों को मजदूरी के लिए आंध्रप्रदेश ले जाया गया था.

इन 12 बीमार लोगों में से एक मजदूर विलास शेन्दरे (32) की मृत्यु मंगलवार की सुबह 9 बजे के करीब हो गई जबकि दूसरे शाम वायले (28) मृत्यु एक दिन पूर्व सोमवार को रात 9 बजे हो गई थी. दोनों के शव अचलपुर के उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया, जहां दूसरे दिन अपराह्न 4 बजे दोनों शवों को उनके परिजनों को सौंपा दिया गया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम वडगांव फत्तेहपुर के 12 लोगों को अकोट के पास के गांव का एक एजेंट मजदूरी के लिए पहले चालीसगांव ले जाया गया, बाद में उसने आंध्रप्रदेश के एजेंट को गन्ना काटने के काम के लिए इन्हें सौंप दिया.

इसके बाद आंध्रप्रदेश में इन मजदूरों पर जुल्मो-सितम का दौर चलने लगा. मजदूरों ने बताया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था. एक मजदूर सुनील सुखदेव सावले ने बताया कि हमें आँध्रप्रदेश के साथ ही कर्नाटक के मैसूर के मांड्या में भी मजदूरी करवाई गई, लेकिन मजदूरी का पैसा भी नहीं दिया गया. हमें डरा-धमका कर हमसे काम लिया जाता था, यह कहा जाता था कि यहां से भागकर बताओ फिर देखो क्या हाल करते हैं. यही नहीं, खाने में मात्र खिचड़ी व एक नशीला लिक्विड दिया जाता था.

सभी के सभी कमजोर दिख रहे मजदूरों ने बताया कि ऐसे हालात से परेशान उन सभी 12 मजदूरों ने वहां से भागने का प्लान बनाया और करीब 50 किलोमीटर पैदल भागकर किसी तरह ट्रेन पकड़ कर वापस लौटे. लेकिन वहां से लौटने पर एक के बाद एक की तबीयत बिगड़ती गई और वे बीमार पड़ते गए जिस में से वडगांव फत्तेहपुर निवासी

उपजिला अस्पताल में अभी 7 लोगों में अक्षय सुरेश चमलाडे (20), रूपेश नागाराव चमलाड़े (27), कैलाश शंकर राव वानखड़े (30), वैभव सरवले (20), सुनील सुखदेवराव सावले (37), मनोज बड़े (30), मनोहर यादव (45), का इलाज चल रहा है. तीन लोगों को छुट्टी दे दी गई है. एक मजदूर ने बताया कि हमारे साथ वहां देवरी फाटे का अवि भोयर (30), मोरगांव तोड़ा का ज्ञानेश्वर राठौड़ (40) व गोकुल (40) आदि भी काम पर थे.

अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ. कंचन जवंजाल ने बताया कि पोस्टमार्टम करने पर लगता है कि मृतक को अल्कोहोल दिया जाता था, उनका दिल बड़ा हो चुका है. अभी हम इसके सेम्पल फोरेंसिक जांच के लिए नागपुर भेज रहे हैं, रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ ठोस कहा जा सकता है. अभी यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सभी फुड प्वायजनिंग का मामला है. इनलोगों साथ दस्त, उल्टी व बुखार आदि की भी शिकायत है.

इस घटना से बंधुआ मजदूरी की बात सामने आई है. गांव के पुलिस पाटिल पांडुरंग खड़के मानते हैं कि इन मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले ठेकेदार तथा आंध्रप्रदेश के गन्ने की खेती वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, साथ ही जांच हो कि क्षेत्र के अन्य मजदूर वहां कार्य कर रहे हैं क्या. यदि कोई ऐसे बंधुआ मजदूर वहां हैं तो उन्हें तुरंत छुड़ाया जाए, साथ ही मजदूरों को यहां से ले जाने वाले एजेंट, जो अकोट के पास के गांव का बताया जा रहा है, भी दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.

उपजिला अस्पातल के अधीक्षक डॉक्टर मो. जाकिर, डॉ. कालपे, डॉ. कंचन जवंजाल, डॉ. डावरे ने मजदूरों का इलाज किया तथा दो मजदूरों की लाश का पोस्टमार्टम कर उनके परिजनों को सौंपा. इस घटना से गांव में एक और जहां लोगों में शोक का माहौल है, वहीं दूसरी ओर गांववासियों ने संबंधित ठेकेदार व दोषियों पर कड़ा कार्रवाई करने की मांग की है.

घटना की जानकारी मिलाने पर पूर्व विधायक राजकुमार पटेल व केवलराम काले ने उपजिला अस्पताल के डॉक्टरों से बातचीत की और उनकी बेहतर इलाज करने का निदेश दिया.

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