नागपुर : पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई ने कनाडा में 30,000 डॉलर मासिक की आईटी फर्म में नौकरी दिलाने का लालच दिया और फांस लिया डीआरडीओ में अतिसंवेदनशील रक्षा क्षेत्र के सुपेसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस प्रोजेक्ट पर कार्यरत इंजीनियर निशांत अग्रवाल को.
नौकरी देने के लिए फोन पर आईएसआई एजेंट ने डीआरडीओ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस मिसाइल प्रोजेक्ट पर उसके काम का नमूना मांगा और इतनी बड़ी रकम की नौकरी पाने की लालच में निशांत अग्रवाल ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से संबंधित जानकारी पाकिस्तानी एजेंट को उपलब्ध करा दी.
पिछले सोमवार, 8 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र एटीएस (आतंकवाद रोधी पथक) द्वारा गिरफ्तार निशांत अग्रवाल को दूसरे दिन मंगलवार को स्थानीय अदालत में पेश कर उत्तर प्रदेश एटीएस ने ट्रांजिट रिमांड मांगा और अदालत द्वारा तीन दिन का ट्रांजिट रिमांड मंजूर करने पर उसी दिन रात में उसे मामले से संबंधित पूछताछ के लिए लखनऊ ले गए हैं.
जांच के दौरान पता चला कि निशांत कनाडा की एक महिला कथित ‘शेजल कपूर’ के साथ फेसबुक पर नियमित रूप से चैटिंग करता था. उसने उसे लिंकडिन पर आमंत्रित किया और साथ ही नौकरी के लिए अपने बॉस से बात करने के लिए एक लिंक भेजा. जैसे ही निशांत ने उस लिंक को क्लिक किया, उसके कम्प्यूटर में एक मालवेयर डाऊनलोड हो गया और उस मालवेयर के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंट ने उसके कंप्यूटर से तमाम डाटा चुरा लिया.
जांच में यह भी पाया गया कि निशांत फेसबुक पर ही एक और महिला कथित ‘नेहा शर्मा’ के साथ भी नियमित संपर्क में भी था. इस नेहा शर्मा का लिंक पाकिस्तान के ठिकाने का था.
सूत्रों ने बताया कि निशांत इस बात से ‘अनजान’ है कि उसके कंप्यूटर से कितना संवेदनशील डाटा चुरा लिया गया है. उसने जांच अधिकारी को बताया कि उसने यह डाटा अपने डीआरडीओ के कुछ अधिकारियों और हैदराबाद के अपने सीनियर के साथ शेयर किया है. एटीएस अधिकारी डीआरडीओ के कुछ अधिकारियों से भी इस संबंध में पूछताछ कर रहे हैं.