बजट 2018 : 3 लाख तक की आय हो सकती है कर मुक्त

अर्थ-जगत देश
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सभी की अपेक्षाएं पूरी करने वाला हो सकता है जेटली का अंतिम बजट

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली कल गुरुवार, 1 फरवरी को इस सरकार का 5वां व अंतिम पूर्ण वार्षिक बजट पेश करेंगे. मोदी सरकार का यह अंतिम बजट आगामी संसदीय और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आम आदमी सहित कृषि, उद्योग और आर्थिक क्षेत्र की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला हो सकता है.

उद्योग व आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में कृषि क्षेत्र में निवेश और बड़ी ढांचागत परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाने पर जोर होगा ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकें. संसद में कल मंगलवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण में भी युवाओं के लिए बेहतर रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है.

आयकर स्लैब में भी बदलाव की आशा

वित्त मंत्री आयकर स्लैब में भी कुछ बदलाव कर सकते हैं. 3 लाख रुपए तक की आय को पूरी तरह से कर मुक्त किया जा सकता है. इस समय 2.5 लाख रुपए तक की सालाना आय कर मुक्त है, जबकि ढाई से 5 लाख रुपए की आय पर 5 प्रतिशत की दर से कर लगता है. संभवत: वित्त मंत्री इस स्लैब को 3 से 5 लाख रुपए कर सकते हैं. इसके बाद 5 से 10 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से अधिक की आय पर तीस प्रतिशत दर से कर देय होगा. अधिभार दर में भी कुछ बदलाव किया जा सकता है.

पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग

समझा जा रहा है कि सरकार पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती कर सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के साथ ही घरेलू बाजार में पेट्रोल, डीजल के दाम चढ़ गए हैं. ऐसे में खुद पेट्रोलियम मंत्रालय ने भी पेट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद शुल्क घटाने की मांग की है.

कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश, रोजगार बढ़ाने की जरूरत

उद्योग व आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए निर्माण कार्य, खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि रोजगार बढ़ने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेज हो सकें.

कंपनी कर की दर घटाने के वादे पर अमल का भरोसा

वित्त मंत्री ने अपने पहले बजट में कंपनी कर को चार साल में 30 से घटाकर 25 प्रतिशत पर लाने की घोषणा की थी. इस दिशा में शुरुआत हुई है, लेकिन इसमें ठोस पहले की जरूरत की अपेक्षा की जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की जा सकती है और कंपनी कर की दर को मौजूदा 30-34 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत पर लाया जा सकता है.

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