राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत को अपनी पार्टी के ग्रासरूट नेता का झेलना है आरोप
नागपुर : कांग्रेस नेता और खापरखेड़ा के पूर्व सरपंच अशोक रामटेके ने कहा है कि महाराष्ट्र राज्य विद्युत निर्मिती कंपनी लि. (महाजेनको) में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के कारण राज्य में बिजली महंगी होती जा रही है. उन्होंने इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की है कि राज्य ऊर्जा मंत्रालय और राज्य सरकार ऐसे गंभीर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में विफल रही है.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस पार्टी भी प्रमुख घटक है. राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत कांग्रेस के ही नेता हैं. वे उत्तर नागपुर विधानसभा क्षेत्र के ही विधायक हैं. उन्हें इस बार अपनी ही पार्टी के ग्रासरूट नेता द्वारा उनके विभाग पर लगाए आरोपों का सामना करना है.
रामटेके ने पत्रकार परिषद में कहा कि महाजेनको के पावर प्लांट भ्रष्टाचार के गढ़ बन गए हैं. उन्होंने खापरखेड़ा पावर प्लांट का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि प्लांट नवीनीकरण में और ई-टेंडरिंग में राज्य सरकार की खरीदी नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी पावर प्लांट्स इसी प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.
पूर्व सरपंच रामटेके ने उक्त मामले में लिप्त महाजेनको मुख्यालय के उच्चाधिकारी, संचालक, कार्यकारी संचालक, वित्त संचालक तथा मैनेजिंग डायरेक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे. इसके लिए अनुभवी और कुशल विधि-विशेषज्ञ (अधिवक्ताओं) से विचार-विमर्श किया जा रहा है. उक्त मामलों की जांच के लिए कोर्ट से राज्य गुप्तचर विभाग (CID) से और N.T.P.C. के विद्युत अभियांत्रिकी विशेषज्ञों से संपूर्ण जांच की मांग की जाएगी. पूर्व सरपंच रामटेके के मुताबिक उक्त मामले में लिप्त महाजेनको मुख्यालय के उच्चाधिकारी, संचालक, कार्यकारी संचालक, वित्त संचालक तथा मैनेजिंग डायरेक्टरों पर भी कार्रवाई की मांग की जाएगी.
रामटेके के अनुसार महाजेनको के खापरखेड़ा थर्मल पावर प्लांट में विद्युत व्यवस्था और नवीनीकरण, ई-टेंडरिंग, ठेका कार्यों में शासन के नियम शर्तों का उल्लंघन के कारण महाजेनको का दिवाला निकल रहा है. खापरखेडा के पूर्व सरपंच और स्थानीय कॉन्ट्रैक्टर कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रामटेके ने पत्रकार परिषद में बताया कि महानिर्मिती मुख्यालय और ऊर्जा मंत्रालय को प्रस्तुत शिकायत में इस कांड का भंडाफोड़ हुआ है कि इस पावर प्लांट में कार्यरत तत्कालीन पूर्व मुख्य अभियंता मधुकरराव शेलारे से लेकर वर्त्तमान C.E. प्रकाश खंडारे तक सभी ने अपनी चहेती फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाई हैं.
उन्होंने कहा कि कंपनी सूत्रों से ही पता चला है कि उक्त दोषी मुख्य अभियंताओं ने राज्य विद्युत् मुख्यालय के संचालक व एमडी के दिशा-निर्देशों पर ही बढ़ा-चढ़ा कर स्टीमेट तैयार करवाए थे. उनका कहना है कि यदि सरकारी रेट पर स्टीमेट बनाया गया होता तो राज्य में बिजली के दाम 50 प्रतिशत कम होते.
रामटेके ने आरोप लगाया कि खापरखेड़ा पावर प्लांट के इलेक्ट्रिक मेंटेनेंस ऑफ प्लांट लाइटिंग एण्ड कॉलोनी स्ट्रीट लाइटिंग केबल लाईन नवीनीकरण कार्यों के लिए सरकारी खरीद नियम और शर्तों को ताक पर रखकर स्टीमेट में 600 गुणा अधिक रेट-भाव दर्ज किया गया है. जो कानूनन अपराध है. उक्त मामले की उन्होंने सीआईडी द्वारा निष्पक्ष और सूक्ष्म जांच की मांग की है.
उनका मानना है कि इस संबंध में खापरखेड़ा पावर प्लांट के तत्कालीन तथा वर्तमान वित्तीय अधिकारी तथा अंकेक्षण अधिकारियों द्वारा खरीदी दर और ई-टेंडरिंग नियम और शर्तों के उल्लंघन मामले में आपत्तियां दर्ज नहीं करना भी जांच और कार्रवाई का विषय है. पत्रकार परिषद में वी.एल. पाल, नानाभाऊ बांगड़कर, सौरभ दाडे, वसंत ढोने, स्वप्निल सवालाखे, सुधीर मांडोकर, राजेश ढगे, नागेश कुमरे आदि उपस्थित थे.