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आपदा जोखिम पर स्नातक पाठ्यक्रम शुरू कराएगा गृह मंत्रालय 

नागपुर
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विकास और मानकीकरण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर की गई सात-सदस्यीय कार्य समूह की स्थापना

नागपुर : केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण’ पर स्नातक स्तर का पाठ्यक्रम/कोर्स (Graduate Level Curriculum on Disaster Risk Reduction Programme) तैयार कर रहा है. कोर्स के विकास और मानकीकरण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सात सदस्यीय कार्य समूह (Seven Member Task Force) का गठन किया है. यह जानकारी डी.आर.बी. सिंधु महाविद्यालय, नागपुर के रजिस्ट्रार नवीन अग्रवाल ने दी. अग्रवाल को भी पश्चिम भारत से इस कार्य समूह में शामिल किया गया है.
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अग्रवाल ने बताया कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर यह स्नातक स्तरीय कोर्स प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडा का एजेंडा नंबर 6 के अंतर्गत उच्च शिक्षा की भूमिका पर केंद्रित है. उसी दृष्टिकोण से सभी विश्वविद्यालयों के लिए यह कोर्स तैयार किया जाने वाला है.  
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यूजीसी ने भी i) बम खतरा ii ) भूकंप iii) विस्फोट, iv) खतरनाक सामग्री फैलाव, v) कैंपस शूटिंग vi) आतंकवादी घटना vii) वित्तीय आपातकाल जैसी आपदा के जोखिम को कम करने के उद्देश्य से सभी छात्रों के लिए आपदा प्रबंधन विषय पर अनिवार्य पाठ्यक्रम की अधिसूचना भी पहले ही जारी कर दिया है. यह अधिसूचना पत्र संख्या 24-1/2016 (सीपीपी-II) दिनांक 4 अक्टूबर, 2017 के माध्यम से जारी की गई है. इस पाठ्यक्रम में युवा पीढ़ी में ज्ञान, कौशल और क्षमता का निर्माण के लिए आपदा जोखिम में कमी करने के उपाय शामिल किए जाएंगे.

अग्रवाल के अनुसार, कार्य समूह के सदस्यों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) पर अनिवार्य पेपर/पाठ्यक्रम के विकास और मानकीकरण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसे उच्च शिक्षा में स्नातक स्तर पर सभी संकायों (फैकल्टी) में पढ़ाया जाएगा.

सदस्यों द्वारा कोर्स का मसविदा तैयार होने के बाद इसे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अवलोकन और फीडबैक के लिए भेजा जाएगा. प्राप्त प्रतिक्रियाओं पर विचार करने के बाद अंतिम प्रारूप अनुमोदन के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजा जाएगा.

उक्त सात सदस्यीय कार्य समूह में डॉ. सुभासिस भद्रा, प्राध्यापक और प्रमुख, सामाजिक कार्य विभाग, केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान (उत्तरी संभाग), डॉ. प्रतीश, केंद्रीय विश्वविद्यालय केरल (दक्षिण संभाग), डॉ. किरण जलेम, ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज, हैदराबाद (दक्षिण-मध्य संभाग), नवीन महेशकुमार अग्रवाल, रजिस्ट्रार, दादा रामचंद बाखरू सिंधु महाविद्यालय, नागपुर (पश्चिम संभाग), कोसिगीन लीशंगथेम, मणिपुर तकनीकी विश्वविद्यालय (उत्तर-पूर्व संभाग), डॉ धर्मवीर सिंह, सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ जियोइनफॉरमैटिक्स, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल, पुणे (पश्चिम संभाग), डॉ. अमित सिन्हा, रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश (मध्य संभाग) को शामिल किया गया है.

सिंधी हिंदी विद्या समिति के अध्यक्ष एच.आर. बाखरू, चेयरमैन डॉ. विंकी रूघवानी, महासचिव डॉ. आई.पी केसवानी, सचिव महाविद्यालयीन मामले नीरज बाखरू, डी.आर.बी. सिंधु महाविद्यालय के  कार्यकारी प्राचार्य डॉ. वी.एम. पेंडसे,  उप प्राचार्य डॉ. एस.वी. तेवानी, डॉ.ए.जी. थडानी और मनोज येनप्रेडीवार ने नवीन अग्रवाल को उनकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई दी है.

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