-पूर्व केंद्रीय सचिव EAS Sarma ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
नई दिल्ली : केंद्र सरकार के पूर्व सचिव EAS Sarma ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से EPS -95 के तहत पारिवारिक पेंशन राशि बढ़ाने का तत्काल निर्णय लेने का आग्रह किया है.
पिछले माह 22 सितंबर 2020 को एक पत्र में उन्होंने कहा कि Covid19 संकट के समय में आज EPS -95 के तहत 60 लाख पेंशनधारक असहाय स्थिति में होने वाले लोगों में से हैं. और EPS -95 को भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के अधीन भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा प्रबंधित किया जाता है.
पूर्व सचिव Sarma ने वित्त मंत्री को बताया है कि “इन 60 लाख सेवानिवृत वृद्धों में से 40 लाख प्रति माह 1,500 रुपए से कम और कई EPS -95 पेंशनधारकों को 1,000 रुपए प्रति माह से कम पेंशन मिल रहे हैं. मैं समझता हूं कि 1,000 रुपए की न्यूनतम पेंशन पांच साल से अधिक समय से स्थिर है, हालांकि जीवनयापन की लागत में भारी बढ़ोतरी हुई है. यह वह कालखंड है, जो बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में है. जिस स्थिति में वे आज हैं, वह वास्तव में दयनीय है, इस योजना के वित्तपोषण की समीक्षा और पेंशनरों को न्यूनतम अधिकार देने की आवश्यकता है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने के अधिकार के अनुरूप है.”
EPS-95 कर्मचारियों के योगदान पर आधारित
Sarma ने बताया है कि EPS -95 आंशिक रूप से कर्मचारियों के योगदान पर आधारित है. इसलिए, 1,000 रुपए की न्यूनतम पेंशन का एक बड़ा हिस्सा वास्तव में पेंशनभोगी-कर्मचारी द्वारा (स्वयं द्वारा) किए गए अंशदान पर आधारित है. इस हद तक, यह एक बचत योजना भी है. कर्मचारी ने क्या योगदान दिया है और सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी को गरिमा में रहने के लिए क्या मिलना चाहिए, इसके बीच अंतर नियोक्ता और सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा के उपाय के रूप में वित्त पोषित होना चाहिए. कुछ अर्थशास्त्रियों को लगता है कि पेंशन न्यूनतम मजदूरी का कम से कम आधा होना चाहिए. जो भी सिद्धांत है, पेंशन की राशि को पेंशनभोगी को एक गरिमापूर्ण जीवन जीने में सक्षम होना चाहिए.
प्रकाश जावड़ेकर ने EPS-95 में संशोधन की मांग की थी
उन्होंने वित्त मंत्री को बताया है, “इस विषय पर कई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और कम से कम एक संसदीय समिति की रिपोर्ट आ चुकी है. वास्तव में, 3 सितंबर 2013 की अपनी 147वीं रिपोर्ट में याचिकाओं पर राज्यसभा की समिति ने श्री प्रकाश जावड़ेकर (वर्तमान में एक केंद्रीय मंत्री) द्वारा दायर याचिका पर विचार किया, तब राज्यसभा के एक सदस्य ने EPS -95 में संशोधन की मांग की और सिफारिश की है कि न्यूनतम पेंशन 3,000 रुपए प्रति माह तक बढ़ाई जानी चाहिए और जीवनयापन की लागत को अनुक्रमित किया जाना चाहिए. यहां तक कि इसके आधार पर, सरकार को सितंबर, 2013 के बाद से रहने की लागत में वृद्धि के साथ 3,000 रुपए का समायोजन करके पेंशन में वृद्धि करनी चाहिए और उसके बाद उस समिति द्वारा अनुशंसित दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए.”
ट्रेड यूनियन्स भी कर रहे 6,500 रुपए न्यूनतम पेंशन करने की मांग
Sarma ने सीतारमण को याद दिलाया है कि न्यूनतम वेतन स्तर और अन्य जीवन यापन संबंधी तर्कों से जुड़ी पेंशन के आधार पर, ट्रेड यूनियन्स भी बढ़ती लागत को देखते हुए कम से काम 6,500 रुपए की न्यूनतम पेंशन करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि साथ ही ईपीएस 95 पेंशनधारकों के लिए ESI के तहत स्वास्थ्य सुविधा भी देनी चाहिए.
वृद्ध पेंशनभोगियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवर
पूर्व केंद्रीय सचिव ने इस मांग पर विचार करने के लिए एक मजबूत मामला मानते हुए कहा है, “चूंकि यह वृद्ध पेंशनभोगियों को एक सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए है और किसी भी अन्य मामले की तरह यह भी एक ऐसा महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिस पर सरकार अपने निर्णय को विलंबित नहीं कर सकती है. मुझे आशा है कि आपका मंत्रालय, केंद्रीय श्रम मंत्रालय के परामर्श से, ऊपर बताए अनुसार न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने के लिए एक तत्काल निर्णय लेगा.