कपास

कपास की फसल को अधिक बारिश से महाराष्‍ट्र में नुकसान

महाराष्ट्र
Share this article

*कमल शर्मा,
जलगांव :
महाराष्‍ट्र के जलगांव, धुले और नंदूरबार जिलों में हुई अधिक बारिश से कपास की फसल को नुकसान हुआ है. कॉटन बॉल में गलन होने से कपास की पहली तुड़ाई (पिकिंग) प्रभावित होगी. बता दें कि कॉटन के एक पौधे से चार बार कपास तोड़ी जा सकती है. लेकिन इस बारिश से कॉटन की पहली तुड़ाई में क्‍वॉलिटी प्रभावित होगी वहीं किसानों की आय पर भी असर पड़ेगा.

किसानों का कहना है कि पिछले तीन सप्‍ताह में हुई बारिश से महाराष्‍ट्र के इन तीनों जिलों में कॉटन की फसल प्रभावित हुई है. भारी बारिश एवं कोरोना माहमारी की वजह से रेवेन्‍यू विभाग के अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों का अभी तक दौरा नहीं किया है. ऐसे में फसल को नुकसान की रिपोर्ट के बगैर किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा.

सोयाबीन की फसल भी इन जिलों में प्रभावित
किसानों का कहना है कि इस बारिश से न केवल कॉटन बल्कि सोयाबीन की फसल भी इन जिलों में प्रभावित हुई है. खेतों में काफी पानी भरा होने से उनका आंकलन करना कठिन है. कपास की पहली तुड़ाई लगभग साफ हो गई है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मई अंत और जून की शुरुआत में बोई गई कपास सबसे ज्‍यादा प्रभावित हुई है. यह उपज किसानों को बेहद कम भाव पर बेचने पर मजबूर होना पड़ेगा.

बता दें कि केंद्र सरकार ने मीडियम स्‍टेपल कॉटन के लिए 5515 रुपए और लांग स्‍टेपल कपास के लिए 5825 रुपए प्रति क्विंटल न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) घोषित किया है. क्‍वॉलिटी खराब होने से यह कॉटन 500-1000 रुपए प्रति क्विंटल नीचे बिक सकती है. महाराष्‍ट्र के इन तीनों जिलों में कॉटन की बोआई लगभग 8.5 लाख हैक्‍टेयर में हुई है.

Leave a Reply