सरकार का बड़ा फैसला, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी की घोषणा
नागपुर : दुर्घटना मृत्यु माना जाएगा कोरोना महामारी से होने वाला किसी कोल इंडिया कर्मी का निधन और कोल कर्मी के परिजनों को वो सभी वित्तीय लाभ मिलेंगे, जो उन्हें कार्य के दौरान हुए दुर्घटना से निधन होने पर मिलते हैं. केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी के इस निर्णय की घोषणा की जानकारी वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड ने दी. कोयला मंत्री जोशी की इस घोषणा का यहां नागपुर स्थित (वेकोलि) मुख्यालय सहित इसके सभी कोयला क्षेत्रों के कर्मियों ने स्वागत किया है.
4 लाख कर्मियों के लिए बड़ी राहत
उल्लेखनीय है कि सरकार का यह निर्णय कोयला खनन में कार्यरत संविदा कर्मियों सहित कोल इंडिया के लगभग 4 लाख कर्मियों के लिए बहुत बड़ी राहत की बात है. साथ ही, जिन कर्मियों का कोरोना के चलते अभी तक निधन हो चुका है, उनके परिजनों को भी इस निर्णय से सुरक्षा मिलेगी. जोशी गुरुवार को अपने एक दिन के झारखंड दौरे के दौरान रांची में पत्रकारों से मुखातिब हो रहे थे.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कोल इंडिया कर्मी अपनी जान जोखिम में डालते हुए लगातार शानदार कार्य कर रहे हैं. यही कारण है कि मैं उन्हें गर्व के साथ ‘कोल योद्धा’ कहता हूं. मैंने यह घोषणा राष्ट्र को समर्पित उनकी अमूल्य सेवा को पहचान दिलाने के लिए की है.
30,000 करोड़ की कोयला आयात बिल बचाएंगे
व्यावसायिक कोयला खनन शुरू करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सालाना कोयला जरूरतों का लगभग 20% कोयला आयात के जरिए पूरा करना पड़ता है. व्यावसायिक कोयला खनन के शुरू होने के बाद स्वतंत्र एवं कैपटिव तापीय बिजली घरों द्वारा किए जाने वाले कोयला आयात को घरेलू कोयले की आपूर्ति से समाप्त किया जा सकेगा, जिससे सालाना लगभग 30,000 करोड़ रुपए के आयात बिल की बचत होगी. साथ ही, इससे 3 लाख से अधिक कामगारों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने में भी मदद मिलेगी.