वामपंथी दलों के अलावा क्षेत्रीय विपक्षी पार्टियां होंगी शामिल
नई दिल्ली : विपक्षी दलों की नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) और NRC के विरुद्ध एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए आयोजित बैठक कांग्रेस के आमंत्रण के साथ ही विपक्षी एकता को वाट लगती नजर आ रही है. कांग्रेस ने इस बैठक के माध्यम से CAA/NRC विरोध के मुद्दे पर देश को विपक्षी एकता का सन्देश देना बताया है.
बैठक से पहले ही पड़ी फूट
लेकिन बैठक से पहले ही कांग्रेस का यह प्रयास विफल होता दिखाई देने लगा है. महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सत्तारूढ़ शिवसेना सहित अनेक प्रमुख विपक्षी दलों ने बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है. यह बैठक आज सोमवार को संसद भवन में दोपहर 2 बजे शुरू होने वाली है. बैठक में वामपंथी दलों के अलावा शरद पवार की एनसीपी और कुछ क्षेत्रीय विपक्षी पार्टियां सम्मिलित हो सकती हैं.
विपक्षी एकता में फूट पहले ही दिखने लगी है. तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. आज होने वाली विपक्षी दलों की मीटिंग में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बसपा सुप्रीमो मायावती शामिल नहीं होंगी. ममता बनर्जी ने जहां पहले ही इस बैठक में शामिल नहीं होने की बात कह दी थी, वहीं मायावती ने आज स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी, इस बैठक में शामिल नहीं होगी.
शिवसेना भी नहीं होगी शामिल
कांग्रेस द्वारा आयोजित इस बैठक में क्षेत्रीय विपक्षी दल- शिवसेना भी शामिल नहीं होगी. सूत्रों ने बताया कि CAA/NRC के मुद्दे पर बुलाए गई इस बैठक से शिवसेना किनारा कर सकती है. गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस और शिवसेना साथ में मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं, ऐसे में साथी पार्टी का ही बैठक में नहीं आना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका हो सकता है.
बसपा का इंकार और कांग्रेस पर विश्वासघात का आरोप
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ट्विट करते हुए बताया कि बसपा आज कांग्रेस द्वारा बुलाए गए विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी. उन्होंने कहा है कि “वैसे भी बसपा CAA/NRC के विरोध में है. केंद्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विनाशकारी और असंवैधानिक क़ानून को वापस ले. साथ ही, JNU और अन्य शिक्षण संस्थाओं में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना, यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है.”
दूसरे ट्विट में मायावती ने कहा है- “ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने जैसा होगा. इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी.
अपने तीसरे ट्विट में बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया है कि “जैसाकि सर्वविदित है की राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़ कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है जो यह पूर्णताः विश्वासघाती है.”
AAP ने बैठक में शामिल होने से किया इंकार
साथ ही आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है. एक समाचार एजेंसी ने बताया है कि देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस द्वारा आहूत आज की विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होगी.
AAP के सांसद संजय सिंह ने कांग्रेस द्वारा बुलाई गई आज की विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होने पर कहा कि हमें ऐसी किसी भी बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसलिए, ऐसी किसी बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है जिसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है.
ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस पर लगाया आरोप, नहीं होंगी शामिल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने विपक्ष की बैठक में भाग नहीं लेंगी. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दल बेकार राजनीति कर रहे हैं और अब वह CAA/NRC का अकेले विरोध करेंगी. विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने JNU हिंसा और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा 13 जनवरी को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बहिष्कार की घोषणा भी की थी.
भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की आलोचना करते हुए ममता बनर्जी ने लेफ्ट और कांग्रेस पर दोहरे मानदंड अपनाने का भी आरोप लगाया था. गौरतलब है कि ममता बनर्जी CAA/NRC के खिलाफ मुखर हैं और जमकर इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. वह खुद भी CAA के खिलाफ होने वाली रैलियों में हिस्सा ले रही हैं.
इस बीच देश भर में नए नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. कांग्रेस ने सोमवार को CAA/NRC पर एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाया. समझा जाता है कि वामपंथी दलों – सीपीएम और सीपीआई के अलावा लालू प्रसाद की राजद और उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी समेत कुछ अन्य क्षेत्रीय विपक्षी दल कांग्रेस की इस बैठक में शामिल होंगी. इसमें दक्षिण की तेलगु देशम पार्टी और द्रमुक के भी शामिल होने की संभावना है.