सिंधू संस्कृति को साकार किया ‘सिंधियत की महक’ ने

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नागपुर के डॉ. वसंतराव देशपांडे सभागृह में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद और भारतीय सिंधू सभा की ओर से आयोजित सिंधू संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम 'सिन्धियत जी महक' के अवसर के दृश्य. 

राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद और भारतीय सिंधू सभा की शानदार प्रस्तुति

नागपुर : राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, नई दिल्ली और भारतीय सिंधू सभा, नागपुर की ओर से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्यांगना अनिला सुंदर के मार्गदर्शन सिंधू संस्कृति की झलक के साथ बच्चों की सुंदर प्रस्तुतियों का कार्यक्रम वसंतराव देशपांडे हाल में किया गया. सिंधी समुदाय के बच्चों एवं युवाओं के लिए यहां सिंधी नृत्य प्रशिक्षण कार्यशाला में हुआ. प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात् उनके नृत्य का यह कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. इसके साथ सिंधू संस्कृति को साकार करने वाले अनेक पारंपरिक नृत्य और समूह सिंधी गीत भी प्रस्तुत किए गए.
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‘सिंधियत जी महक’ कार्यक्रम में 140 बच्चों एवं महिलाओं ने अलग-अलग थीम पर आधारित सिंधी गीतों पर सुदंर नृत्य प्रस्तुत किए. जिसमें सिंधु घाटी की सभ्यता, सिंधू नदी की आराधना गीत का गीत, बच्चों का लोकप्रिय गीत पैसो लधुम पटतां, सिंधी लोक नृत्य छेज एवं लादो, सिंधियों के तीज त्यौहार ट्रीजड़ी (करवा चैथ), इष्टदेव झूलेलाल की महिमा का गीत- आयो झूलण आयो, समाज को जागृत करने वाला गीत जागु सिंधी जागु, सिंधी कौमी तराना आंधीअ में ज्योत जगाइण वारा सिंधी, धरती माता की स्तुति का गीत तारामंडल में धरती माता, सिंधी गज़ल खौफ नाहे मौत खां पर जिंदगीअ जी गाल्हि करि पर एकल नृत्य प्रस्तुति एवं देश भक्ति से ओतप्रोत हिंदी गीत वंदे मातरम पर नृत्य प्रस्तुत कर उभरते कलाकारों ने वाहवाही लूटी.

कार्यक्रम का उद्घाटन श्रीमधूसूदन निवास के संस्थापक मधूसूदन बापू, वसणशाह दरबार नागपुर के संत केशवदास जग्यासी, साईं चांदूराम मुक्तिधाम के अध्यक्ष वीरभान तुलसवाणी, राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के उपाध्यक्ष घनश्याम कुकरेजा, भारतीय सिंधू सभा सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष किशोर लालवानी, राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य अजित मन्याल, आरोग्य सेवा समिति (मनपा) के सभापति वीरेंद्र कुकरेजा, सुप्रसिद्ध गायिका मंजुश्री आसूदाणी, भारतीय सिंधू सभा के महासचिव गोपाल खेमानी, कोषाध्यक्ष अशोक केवलरामानी, प्रसिद्व साहित्यकार विनोद आसूदाणी, विश्व सिंधी सेवा संगम महाराष्ट्र के अध्यक्ष प्रताप मोटवानी, सुंदर कला संगम के अध्यक्ष किशन आसूदाणी, अमरावती से पधारे डॉ. पुंशी व रोमा बजाज, आर्य विद्या सभा के अध्यक्ष अशोक कृपलानी, कैंसर रिलीफ सोसाइटी के कोषाध्यक्ष अवतराम चावला, सिंधी हिंदी विद्या समिति के हरीश बाखरू, डाॅ. आई.पी. केसवानी , डाॅ. विंकी रूघवानी, मेट्रो चीफ इंजीनियर नरेश गुरबानी, प्राचार्य विजयकुमार केवलरामानी ने ज्योत प्रज्जवलित कर किया.
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सर्वप्रथम अतिथियों का सत्कार किया गया. कार्यक्रम की प्रस्तावना देते हुए घनश्याम कुकरेजा ने कहा कि एनसीपीसीएल के सहयोग से 10 दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला का लाभ बच्चों, युवाओं एवं महिलाओं ने लिया।यह नागपुर के सिंधी समुदाय के लिए गर्व की बात है कि उनके बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की नृत्यांगना अनीला सुंदर के मार्गदर्शन में डांस के गुर सीखने का अवसर मिला और आज सबके सामने वे अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. अनिला सुन्दर के सहायक मीनाक्षी श्रीवास्तव एवं जयंति गोहिल ने भी बच्चों की कला को निखारने में बहुत मेहनत की.

वीरेंद्र कुकरेजा ने अपने उदबोधन में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद से आह्वान किया कि सिंधी भाषा की उन्नति की दिशा में कदम उठाने के लिए सिंधी भाषा भवन बनवाने का प्रयास करें एवं सिंधू विश्वविद्यालय खोलने की दिशा में कार्य करें, ताकि सिंधी भाषा एवं सिंधी संस्कृति का उचित विकास हो. राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य अजित मन्याल ने अवार्ड की जानकारी दी व सिंन्धू संस्कृति के बारे में बताया.

इस सुंदर कार्यक्रम की संयोजिका लर्निंग रूट्स स्कूल की प्रिसिपल श्रीमती कोमल खूबचंदानी तथा सहसंयोजक  राकेश मोटवानी, जया चेलानी, गुरुमुख मोटवानी, भक्ति दासवानी व वंशिका केसवानी थे.

कार्यक्रम का सफल संचालन भारतीय सिंधू सभा अमरावती के अध्यक्ष तुलसी सेतिया ने किया. सिंधुड़ी नाट्य संस्था के अध्यक्ष हरीश माईदासानी एवं नीलम ठकवानी ने गीतों की विस्तृत व्याख्या की. आभार प्रदर्शन भारतीय सिंधू सभा नागपुर के महासचिव गोपाल खेमानी ने किया. राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के उपाध्यक्ष घनश्याम कुकरेजा ने प्रताप मोटवानी को विश्व सिंधी सेवा संगम के महाराष्ट्र के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति पर  शाल श्रीफल  सिन्धियत टोपी पहिनाकर सत्कार किया. पत्रकार  नरेश पंजवानी को प्रचार, प्रसार, पत्रकारिता में दिए गए योगदान पर शाल, श्रीफल देकर सत्कार किया.

कार्यक्रम के सफलतार्थ पी.डी. केवलरामानी, सुरेंद्र ढोलवाणी, कमलेश केवलरामानी, हरीष लालवानी, श्रीमती भारती आसूदानी, श्रीमती लता भाग्या, श्रीमती किरन वीरानी, श्रीमती जया वाधवानी, हन्नी खट्टर, सुमीत खूबचंदाणी, दयानंद कालेज जी प्राचार्या श्रीमती ओबेराय,बंटी रूचंदानी, नरेश वाधवानी, कमल चेलाणी, हरीश मेठवाणी, भारतीय सिंधू सभा युवा मंच के अध्यक्ष जगदीश वंजानी, दिलीप बिखानी, राजकुमार कोडवानी, परसराम चेलानी, अशोक तुलसानी, नादिया गायकवाड़, रोज़ हेमनाणी, रिया चेलानी, परमानंद कुकरेजा,चंदू गोपानी, राजेश स्वामनानी, अमर मयानी, अर्जुन गंगवानी, प्रीतम मथरानी, लाल दासवानी, भीष्म साधवानी, जीतू कृपलानी, कैलाश केवलरामानी, शंकर वलेचा, अनिल कुकरेजा, राजेश बटवानी, संतोष डेमबलाए दिलीप बदलनी, हीरा ढोलवाणी, श्री  जयकिशन  विधानी, श्याम मटलानी, नीतू केवलरामानी, मोहनिश वाधवानी राहुल शुक्ला तथा दीपक रूइकर ने अथक प्रयास किया.

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