मौत से जूझते हुए प्राध्यापिका ने सातवें दिन दम तोड़ दिया

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प्राध्यापिका

पेट्रोल छिड़ककर जला दी गई थी अंकिता

रवि लाखे, वर्धा (महाराष्ट्र) : जिले के हिंगणघाट में पेट्रोल छिड़ककर जला दी गई 24 वर्षीया प्राध्यापिका अंकिता पिसुद्दे का आज तड़के नागपुर के एक निजी अस्पताल ऑरेंज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में निधन हो गया. वह 7 दिनों तक मौत से जूझती रहीं. सुबह 6.55 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया. उनका अंतिम संस्कार उनके गांव दारोडा में शाम 5 बजे अत्यंत शोकाकुल वातावरण में हुआ. इस मौके पर उनके गांव के भारी संख्या में परिजन और ग्रामीण उपस्थित थे.

हिंगनघाट के मातोश्री कुणावर महिला कॉलेज में प्राध्यापिका रही अंकिता पिसुद्दे पिछले 3 फरवरी को सुबह 7.30 बजे बस से नंदोरी चौक पर उतर कॉलेज की तरफ जा रही थीं. तभी आरोपी विकेश नगराले ने पीड़िता का बाइक से पीछा करना शुरू कर दिया और मौका पाते ही उसके ऊपर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी थी. इस वारदात में अंकिता 40 प्रतिशत जल गई थी.  इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, आरोपी हिंगनघाट तहसील के दरोडा गांव का रहने वाला है. जांच के दौरान पता चला कि आरोपी पीड़िता को लंबे समय से परेशान करता था और अक्सर उसका पीछा किया करता था.

घटना के बाद पीछे आ रही पीड़ित प्राध्यापिका की सहेलियों व कुछ युवकों ने आग बुझा कर उसे स्थानीय उपजिला अस्पताल तक पहुंचाया था. वहां प्राथमिक उपचार के बाद फौरन उन्हें नागपुर के ऑरेंज सिटी अस्पताल ले जाया गया. अंकिता के चेहरे, सिर, गर्दन सबसे अधिक प्रभावित हुए थे, जिससे श्वसन तंत्र पर असर पड़ा था. उसकी हालत शुरू से ही चिंताजनक बनी हुई थी. पिछले 7 फरवरी से वह वेंटीलेटर पर थी.

आरोपी विकेस नगराले को जल्द से जल्द फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से फांसी की सजा दिलाने की मांग की जा रही है. पहले ही दिन से हिंगणघाट, वर्धा, नागपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में इस घटना के विरुद्ध लोगों का आक्रोश बंद, मोर्चों, हिंगणघाट-हैदराबाद राष्ट्रीय महामार्ग पर धरना और प्रदर्शनों के रूप में देख गया. इसकी गूंज राज्य की विधानसभा और संसद में भी सुनाई पड़ी. सरकार ने आश्वस्त किया है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी. इसके लिए सरकार ने सरकारी वकील के रूप में प्रसिद्द अधिवक्ता उज्ज्ज्वल निकम को लोकअभियोजक नियुक्त किया है.

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