आरटीआई : न्यायाधीन मामले की सूचना देने से नहीं कर सकते इंकार 

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प्राथमिक शालाओं के अधिकारियों के लिए आरटीआई पर कार्यशाला में नवीन अग्रवाल के किया मार्गदर्शन

 
नागपुर : आरटीआई के अंतर्गत मांगी गई सूचना से संबंधित मामला न्यायालय में न्यायाधीन होने का कारण बताकर आवेदक को सूचना देने से इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे मामले में सूचना देने से इंकार तभी किया जा सकता है, जब “सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई), 2005” की धारा 8 (1) (ख) के अनुसार न्यायालय द्वारा किसी सूचना के प्रकट करने पर यदि स्पष्ट रूप से रोक लगाई गई हो अथवा जिसके प्रकट करने से न्यायालय की अवमानना होती हो केवल ऐसी सूचना देने से मना किया जा सकता है.

320 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया  
यह जानकारी दादा रामचंद बाखरू सिंधु महाविद्यालय के रजिस्ट्रार एवं महाराष्ट्र शासन की शीर्ष प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्था यशदा, पुणे के अतिथि व्याख्याता नवीन महेशकुमार अग्रवाल ने दी.  वे प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थितों का आरटीआई पर मार्गदर्शन कर रहे थे. चार दिनों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 320 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया.

कार्यक्रम का आयोजन गोंदिया जिले  के कार्यालय एवं प्राथमिक शालाओं के राज्य लोक सूचना अधिकारी, सहायक लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के लिए आयोजित आरटीआई अधिनियम, 2005 के अंतर्गत किया गया था.  यह आयोजन यशदा, पुणे एवं शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक), कार्यालय, गोंदिया के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षण विभाग (प्राथमिक) गोंदिया ने किया था.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी गलत ठहराया है    
अग्रवाल ने बताया कि कई बार लोक सूचना अधिकारी द्वारा ऐसे कारण बताकर सूचना देने से मना कर दिया जाता है, जो न्यायसंगत नहीं है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी अपने एक निर्णय में मामला न्यायाधीन होने का आधार बनाकर सूचना देने से इनकार किए जाने को गलत ठहराया है.

गोंदिया जिले की शालाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित
चार दिनों तक चले इस आरटीआई प्रशिक्षण कार्यक्रम में गोंदिया जिले की तिरोड़ा, गोंदिया, अर्जुनी मोरगांव, देवरी, सड़क अर्जुनी, गोरेगांव, आमगांव एवं सालेकसा पंचायत समिति क्षेत्र की शालाओं से कुल 320 लोगों ने हिस्सा लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया.

कार्यक्रम में राजेश रूद्रकार ने भी मार्गदर्शन किया. सूचना अधिकार केंद्र, यशदा की संचालक श्रीमती दीपा सडेकर-देशपांडे एवं संशोधन अधिकारी दादू बुले के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम का संचालन आनंद मानुसमारे ने एवं आभार प्रदर्शन देवराम मालाधारी ने किया.

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