रसोई गैस

बड़ी राहत : रसोई गैस सिलेंडर हुआ 100 रुपए सस्ता

नई दिल्ली : सब्सिडीयुक्त और बिना सब्सिडी वाले घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर का दाम 100.50 रुपए प्रति सिलेंडर घट गया है. एक जुलाई से दिल्ली में घरेलू इस्तेमाल का सिलेंडर 637 रुपए में उपलब्ध हो गया है. तेल कंपनियों ने यह जानकारी दी है. बिना सब्सिडी वाले घरेलू सिलेंडर के बाजार मूल्य में कमी आने के साथ ही सब्सिडीयुक्त घरेलू सिलेंडर के लिए भी रिफिल लेते समय 100.50 रुपए कम देने होंगे. सब्सिडीयुक्त सिलेंडर 637 रुपए सब्सिडीयुक्त सिलेंडर के घरेलू उपभोक्ताओं को एक जुलाई से रिफिल प्राप्त होने पर 737.50 रुपए के बजाय 637 रुपए का भुगतान करना होगा. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की रविवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने और डॉलर-रुपया विनिमय दर में आये बदलाव के प्रभाव स्वरूप एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलो) के दाम में कमी आई है. 1 जुलाई से प्रभावी नई दर मंगलवार, एक जुलाई से प्रभावी हो गई है. सब्सिडीयुक्त रसोई गैस सिलेंडर के लिए उपभोक्ताओं को रिफिल लेते समय बाजार मूल्य पर भुगतान करना होता है. उसके बाद सब्सिडी राशि उपभोक्ता के बैंक खाते में डाल दी जाती है. उपभोक्ताओं को एक साल में 12 सिलेंडर सब्सिडी पर मिलते हैं. रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर के मूल्य में आई ताजा गिरावट के बाद उपभोक्ता को 142.65 रुपए प्रति सिलेंडर की सब्सिडी राशि मिलने पर जुलाई 2019 में सिलेंडर की प्रभावी दर 494.35 रुपए बैठेगी. रसोई गैस की कीमत में इस कमी से आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है.
सेवानिवृत्त

वेकोलि में सेवानिवृत्त कर्मियों का सम्मान समारोह

नागपुर : वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) मुख्यालय में सेवानिवृत्त कर्मियों का सम्मान समारोह पिछले दिनों 29 जून को आयोजित किया गया. इस अवसर पर निदेशक (कर्मिक) डॉ. संजय कुमार एवं निदेशक (वित्त) एस.एम. चौधरी मुख्य रूप से उपस्थित थे. उन्होंने सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उज्ज्वल भविष्य की कामना की. सभी सेवानिवृत्तों को उनके सहकर्मियों की ओर से भाव-भीनी विदाई दी गई. इस अवसर पर सहकर्मियों ने उनके साथ बिताए क्षणों और काम के दौरान उनके अच्छे व्यवहार को याद किया. वेकोलि के सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों में स्वपन कुमार सेनगुप्ता, महाप्रबंधक, (वित्त) इंटरनल ऑडिट विभाग, सी.बी. एस. रेड्डी, वरिष्ठ प्रबंधक (उत्खनन) उत्खनन विभाग, डी. के. महापात्रा, वरिष्ठ प्रबंधक(वित्त) लेखा विभाग, गंगाधर वाघमारे, सहायक ट्रांसपोर्ट सुपरवाईजर, ई .ई. विभाग, शांताराम रामाजी लांजेवार, सहायक फोरमैन(टेलीकॉम), सामान्य सेवा विभाग एवं बाबूलाल एम. भारद्वाज, ड्राईवर-कम-मैकेनिक, विजिलेंस विभाग शामिल हैं. कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्रबंधक (कार्मिक) समीर बारला ने किया. समारोह में अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे.
फड़णवीस

राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन के लिए सीएम फड़णवीस को आमंत्रण

नागपुर : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस नागपुर में होने वाले राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि अधिवेशन का उदघाटन करेंगे. उन्होंने रविवार, 30 जून को 'रामगिरि' में नागपुर सिंधी समाज के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए अधिवेशन में पधारने की सहमति प्रदान की. विदर्भ सिंधी विकास परिषद के अध्यक्ष डॉ विन्की रुघवानी और नागपुर सेंट्रल सिंधी पंचायत के अध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस अधिवेशन में पूरे देश के सिंधी समाज के प्रतिनिधि उपस्तिथ रहेंगे तथा इंदौर से चुनकर आए सांसद शंकर लालवानी सहित देश में चुनकर आए सभी सिंधी विधायकों का सत्कार अधिवेधन में किया जाएगा. सिंध मुक्ति संगठन के अध्यक्ष प्रोफेसर विजय केवलरमानी और नागपुर सेंट्रल सिंधी पंचायत के उपाध्यक्ष कैलाश केवलरमानी ने भी मुख्यमंत्री से अधिवेशन में उद्घाटक के रूप में पधारने का आग्रह किया. इस दौरान मुख्यमंत्री का सत्कार शाल बुके भेंट कर डॉ. विन्की रुघवानी, प्रताप मोटवानी, दादा विजय केवलरमानी और कैलाश केवलरमानी ने किया. मुख्यमंत्री फड़णवीस ने नागपुर सिंधी समाज के पदाधिकारियों को अधिवेशन में शामिल रहने का आश्वासन दिया. साथ ही अधिवेशन के लिए तारीख और समय बताने का वादा किया. प्रताप मोटवानी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा तारीख देने के पश्चात अधिवेशन की तिथि तय की जाएगी.
बदलाव

10 बड़े बदलाव : रेल यात्रियों के लिए 1 जुलाई से

नई दिल्ली : सोमवार, 1 जुलाई से रेलवे अपने कई नियम बदलने वाला है. वेटिंग लिस्ट, तत्काल, टाइम टेबल और कई अन्य क्षेत्रों में भी कई बदलाव किए गए हैं. यह नियम आज रात से ही लागू हो जाएंगे. रेलवे में सफर करने वालों के लिए ये जानकारियां बेहद महत्त्वपूर्ण हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि 1 जुलाई से रेल यात्रा में किन-किन बदलावों से रुबरू होंगे आप. एक निगाह 1 जुलाई से होने वाले बदलावों पर- वेटिंग टिकट से मिलेगी मुक्ति 1. भारतीय रेलवे ने लोगों की यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. 1 जुलाई से आपको वेटिंग लिस्ट का टिकट नहीं मिलेगा. रेलवे ने फैसला किया है कि अब लोगों को सिर्फ कंफर्म टिकट दिया जाएगा या फिर आरएसी टिकट दिया जाएगा. वेटिंग लिस्ट के टिकट के झंझट से अब मुक्ति मिल जाएगी. बदलेगा तत्काल टिकट बुकिंग का समय 2. तत्काल टिकट बुकिंग का समय भी बदलेगा एसी कोच के लिए तत्काल टिकट बुक करने के समय में भी बदलाव कर दिया गया है. 1 जुलाई के बाद अगर आप एसी कोच के लिए तत्काल टिकट बुक करना चाहते हैं तो फिर आपको सुबह 10 बजे से 11 बजे के बीच में ही टिकट बुक करना होगा. वहीं दूसरी ओर स्लीपर कोच के लिए तत्काल टिकट बुक करने का समय पहले जैसा ही यानी सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा. तत्काल टिकट कैंसिल पर 50 फीसदी रिफंड मिलेगा 3. अभी तत्काल टिकट कैंसिल करवाने पर कोई रिफंड नहीं मिलता है. लेकिन 1 जुलाई से रेलवे के नियमों में बदलाव के बाद तत्काल टिकट कैंसिल करवाने पर 50 फीसदी का रिफंड मिलेगा. 4. साथ ही सुविधा ट्रेन के टिकट वापस करने पर पैसेंजर्स को 50 फीसदी भाड़ा वापस मिलेगा. इसके लिए एसी-2 पर 100 रुपए, एसी-3 पर 90 रुपए और स्लीपर पर 60 रुपए प्रति पैसेंजर्स की दर से रिफंड चार्ज काटा जाएगा. जारी होगा कई भाषाओं में टिकट 5. अभी तक रेलवे की तरफ से सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही टिकट जारी किया जाता है. 1 जुलाई से एक नई व्यवस्था शुरू की जा रही है, जिसके तहत रेलवे यात्रियों को सिर्फ अंग्रेजी में ही नहीं, बल्कि अन्य कई भाषाओं में भी टिकट उपलब्ध कराएगा. इसके लिए पहले भाषा का चुनाव करना होगा. राजधानी और शताब्दी में बढ़ेंगे कोच 6. राजधानी और शताब्दी में सफर करने वालों के लिए भी रेलवे तोहफा लेकर आ रहा है. रेलवे ने फैसला किया है कि इन ट्रेनों में कोच की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि लोगों को टिकट लेने में दिक्कत का सामना न करना पड़े. साथ ही, रेलवे ने यह भी फैसला किया है कि इन दो प्रीमियम ट्रेनों में पेपरलेस वर्क कल्चर को लागू किया जाना चाहिए. वेकअप कॉल-डेस्टिनेशन अलर्ट 7. ट्रेन में सोते समय सभी को इस बात की चिंता सताती है कि कहीं उनका स्टेशन निकल न जाए. अब इस बात के लिए किसी को भी परेशान होने कि जरूरत नहीं है. इस संबंध में रेलवे अब एक नई सुविधा दे रहा है. 139 पर फोन कर...
प्रधानमंत्री

मन की बात : प्रधानमंत्री ने कहा ‘जनशक्ति से जलशक्ति’ साध लेंगे

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में जल संरक्षण पर विशेष जोर दिया है. उन्होंने कहा कि देश में एक बड़ा हिस्सा हर साल जल संकट से गुजरता है, इससे बचने के लिए जल संरक्षण की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें विश्वास है कि हम जनशक्ति और सहयोग से इस संकट का समाधान कर लेंगे. नया जलशक्ति मंत्रालय बनाया गया है. इससे किसी भी संकट के लिए तत्काल फैसले लिए जा सकेंगे. इस महीने की 22 तारीख को हजारों पंचायतों में तमाम लोगों ने जल संरक्षण का संकल्प लिया.' हजारीबाग के एक सरपंच का संदेश प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के हजारीबाग के एक सरपंच का संदेश भी सुनाया. सरपंच ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं हुआ था कि पानी के संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री ने मुझे खत लिखा. उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा की धरती, जहां प्रकृति से तालमेल बिठाना संस्कृति का हिस्सा है, वहां अब जागरूकता शुरू हुई है. मेरी तरफ से सभी सरपंचों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. जलमंदिर बनाने की होड़ पीएम ने कहा कि स्वच्छता आंदोलन की तरह ही लोग अब गांवों में जलमंदिर बनाने की होड़ में जुट गए हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु और उत्तराखंड में जल संरक्षण के उपायों की भी चर्चा की. जल संरक्षण के लिए किए तीन अनुरोध इस दौरान पीएम मोदी ने जल संरक्षण को लेकर नागरिकों से तीन अनुरोध भी किए. पहला, स्वच्छता की तरह ही जल संरक्षण को भी जनांदोलन का रूप दें। दूसरा, ऐसे प्रयोगों का अध्ययन करें, जहां जलसंरक्षण का प्रयास करें। तीसरा, जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों की जानकारियों को साझा करें. पीएम मोदी ने जनशक्ति फॉर जलशक्ति हैशटैग चलाने की भी अपील की. प्रेमचंद की कहानियों का किया जिक्र - नशा, ईदगाह, पूस की रात पीएम मोदी ने कहा कि आपने मुझे कई बार यह कहते सुना होगा कि 'बुके नहीं बुक'. तब से कई जगह लोग पुस्तकें देने लगे हैं. हाल ही में किसी ने मुझे प्रेमचंद की कहानियां पुस्तक भेंट की. कुछ कहानियां फिर पढ़ने का मौका मिला. उनकी कहानियां मेरे मन को भी छू गईं. उनकी कहानियों में समूचे भारत की भावनाएं समाहित हैं. उनकी 'नशा' नाम की कहानी पढ़ी. इससे पता चला कि कैसे आप सावधान नहीं हैं तो बुरी संगति आपको प्रभावित कर सकती है. दूसरी कहानी 'ईदगाह' है. जब छोटा बच्चा हामिद चिमटा लेकर पहुंचता है तो मानवीय संवेदना चरम पर पहुंच जाती है. ऐसी ही एक मार्मिक कहानी है, 'पूस की रात'. ये कहानियां करीब सदी भर पहले की हैं, लेकिन आज भी प्रासंगिक लगती हैं. आपातकाल और लोकतंत्र 'मन की बात' में आपातकाल का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि लोकतंत्र हमारी विरासत है, इसे सुरक्षित रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में जब आपातकाल लगाया गया तो उसका विरोध राजनीतिक दायरे तक ही सीमित नहीं था. जन-जन के दिल में एक आक्रोश था. आपातकाल में हर नागरिक को लगने लगा था कि उसका कुछ छीन लिया गया है. हम लोकतंत्र की विरासत के साथ पले-बढ़े लोग हैं, इसलिए...
PRSI

नागपुर PRSI चैप्टर और उसके अध्यक्ष एस.पी. सिंह सम्मानित

नागपुर : जनसम्पर्क सोसायटी ऑफ इंडिया (PRSI) के नागपुर चैप्टर को सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजित पाठक ने जयपुर में विशेष प्रशस्ति पत्र प्रदान किया. यह प्रशस्ति पत्र जयपुर में परिषद की आम सभा और चुनाव के दौरान पिछले 21 अप्रैल को नागपुर में चैप्टर के राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस के शानदार आयोजन के लिए प्रदान किया गया. प्रशस्ति पत्र नागपुर चैप्टर के अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने ग्रहण किया, इस अवसर पर PRSI के अध्यक्ष डॉ. पाठक ने श्री सिंह को सम्मानित भी किया. कार्यक्रम में उपाध्यक्ष उन्मेष दीक्षित, नरेंद्र मेहता, अनु मजूमदार, यू.एस. शर्मा और महासचिव निवेदिता बैनर्जी एवं कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान प्रमुखता से उपस्थित थे. सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने PRSI के नागपुर चैप्टर को मिले सम्मान का श्रेय अपने चैप्टर के सभी जनसम्पर्क प्रोफेशनल्स सहयोगियों और चैप्टर के शुभेक्षुओं को दिया. उल्लेखनीय है कि नागपुर में आयोजित उस राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नागपुर के जिलाधीश अश्विन मुद्गल थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप मैत्रा ने की थी. इस अवसर पर नागपुर जिला जनसम्पर्क अधिकारी अनिल गाडेकर को PRSI की ओर से "वर्ष के श्रेष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी" के रूप में सम्मानित किया गया था. कार्यक्रम को सफल बनाने में यशवंत मोहिते, एम.एम. देशमुख, अखिलेश हलवे और योगेश विटनकर ने कड़ी मेहनत की थी.
विखे पाटिल

महाराष्ट्र : विखे पाटिल और दो नए मंत्रियों की नियुक्ति पर अदालती पेंच

मुंबई : राधाकृष्ण विखे पाटिल तथा दो अन्य मंत्रियों की महाराष्ट्र सरकार में नियुक्ति को बंबई हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में चुनौती दी गई है. महाराष्ट्र विधानसभा में हाल के समय तक नेता प्रतिपक्ष (कांग्रेस) रहे विखे पाटिल को रविवार को देवेंद्र फड़णवीस कैबिनेट में आवास मंत्री बनाया गया है. वह हाल ही में कांग्रेस के विधायक तथा पार्टी की सदस्यता त्याग कर भाजपा में शामिल हुए थे. पिछले सोमवार, 17 जून को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार अदालती विवाद में फंसता नजर आ रहा है. हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में इन तीन मंत्रियों को दलबदल मामले में संविधान के अनुसार अयोग्य ठहराने की मांग की गई है. याचिका का न्यायमूर्ति एस.सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ के सामने मंगलवार को इन नियुक्तियों का उल्लेख किया गया. इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) छोड़ कर शिवसेना में शामिल हुए जयदत्त क्षीरसागर और आरपीआई (आठवले) के अविनाश महातेकर को मंत्री बनाए जाने को भी चुनौती दी गई. याचिकाकर्ताओं सुरेंद्र अरोड़ा, संजय काले और संदीप कुलकर्णी ने कहा है कि मंत्रियों को संविधान के अनुसार दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराया जाना चाहिए और उनकी छह महीने के अंदर निर्वाचित होने की भी कोई मंशा नहीं है.
भागवत

ममता पर भागवत का हमला : कहा ऐसा व्यक्ति शासक के लायक नहीं

नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नसीहत देते हुए कहा है कि राज्य में जारी राजनीतिक हिंसा को तुरंत बंद किया जाए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गुंडा तत्वों पर एक्शन ले. भागवत ने कहा कि अगर कोई शासक गुंडा तत्वों पर काबू पाने में फेल रहता है तो ऐसा व्यक्ति शासक के लायक नहीं है. मोहन भागवत रविवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में आरएसएस के लगभग 800 कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने ममता बनर्जी का बिना नाम लिए कहा, "आज क्या चल रहा है बंगाल में, चुनाव के बाद ऐसा होता है, किसी और प्रांत में ऐसा हो रहा है? नहीं होना चाहिए...अगर गुंडा प्रवृति के व्यक्तियों की वजह से ऐसा होता है तो शासन को कदम उठाना चाहिए." उन्होंने कहा कि अगर राज्य में कहीं कोई हिंसा होती है, तो शासन को उसे कंट्रोल करना चाहिए और अगर राज्य का राजा (मुख्यमंत्री) ऐसा नहीं कर पाता, तो उसे खुद को राजा कहलाने का हक नहीं है. उन्होंने कहा, 'सामान्य व्यक्ति नासमझ हो सकता है, गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर सकता है. लेकिन राज्य के राजा का यह कर्तव्य है कि समाज के हित में राष्ट्र की एकात्मता और अखंडता सुनिश्चित करने वाला व्यवहार वह अपनी दंडशक्ति से स्थापित करे.अगर कोई राजा ऐसा नहीं कर पाता, तो क्या वह राजा कहलाने का हकदार है?' उल्लेखनीय है कि राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद टीएमसी और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा की कई खबरें आई हैं. पिछले हफ्ते उत्तर 24 परगना जिले में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच पार्टी का झंडा लगाने को लेकर हुआ विवाद खून-खराबे तक पहुंच गया, जिसमें भाजपा ने अपने पांच कार्यकर्ताओं और टीएमसी ने अपने तीन कार्यकर्ताओं की मौत का दावा किया था. पिछले वर्ष संघ के तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर को मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने संबोधित किया था. इस वर्ष संघ ने उद्योगपति रतन टाटा को अतिथि के लिए निमंत्रित किया था, लेकिन व्यस्तता के कारण रतन टाटा इस समारोह में उपस्थित नही आ सके. वैसे हर वर्ष सरसंघचालक तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हैं. यहां संघ मुख्यालय के निकट स्थानीय रेशिमबाग मैदान में समारोह संपन्न हुआ.
महाराष्ट्र

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल : बोंडे को कृषि, विखे पाटिल को मिला आवास

मुंबई : महाराष्ट्र में राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार रविवार को संपन्न हुआ. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंत्रिमंडल में फेरबदल एवं विस्तार किया. राज्यपाल विद्यासागर राव ने कुल 13 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इनमें से 8 ने कैबिनेट और 5 ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. इनमें राधाकृष्ण विखे पाटिल, जयदत्त क्षीरसागर, अधि. आशिष शेलार, डॉ. अशोक उईके, प्रा.डॉ. तानाजी सावंत, सुरेश खाडे, डॉ. संजय कुटे, डॉ. अनिल बोंडे को कैबिनेट मंत्रिपद की और संजय भेगडे, अतुल सावे, अविनाश महातेकर, योगेश सागर और डॉ. परिणय फुके को राजयमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. आज शपथ लेने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल को मुख्यमंत्री फड़णवीस ने अपने मंत्रिमंडल में आवास विभाग सौंपा है. राकांपा के पूर्व नेता जयदत्त क्षीरसागर को रोजगार गारंटी एवं बागवानी मंत्रालय दिया गया है. वह पिछले महीने शिवसेना में शामिल हुए थे. भाजपा के 6 नेताओं को कैबिनेट और 4 को राज्यमंत्री बनाया गया है. वहीं, शिवसेना के कोटे से 2 को कैबिनेट में जगह दी गई. आरपीआई के कोटे से एक राज्यमंत्री मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. भाजपा ने इस विस्तार में करीब 4 महीने बाद (अक्टूबर-नवंबर) होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सहयोगी दलों को साधने की कोशिश की. किसे मिला कौन सा मंत्रालय कैबिनेट मंत्री 1. राधाकृष्ण विखे पाटिल- आवास मंत्रालय 2. जयदत्त क्षीरसागर- रोजगार की गारंटी और बागवानी मंत्रालय 3. आशीष शेलर- स्कूली शिक्षा के खेल और युवा कल्याण मंत्रालय 4. संजय श्रीराम कुटे- श्रमिक विमुक्त जाति घुमंतू जनजाति अन्य पिछड़ा और विशेष पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय 5. सुरेश खाडे- समाज कल्याण विभाग 6. अनिल बोंडे- कृषि मंत्रालय 7. अशोक रामजी उइके- आदिवासी कल्याण विभाग 8. तानाजी सावंत- जल संरक्षण मंत्रालय राज्यमंत्री 9. श्रीराम शिंदे- विपणन और कपड़ा मंत्रालय 10. शंभाजी पाटिल- खाद्य और नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण कौशल विकास पूर्व सैनिक कल्याण मंत्रालय 11. जयकुमार रावल- खाद्य और दवाओं प्रशासन पर्यटन प्रोटोकॉल 12. सुभाष देशमुख- सहकारिता राहत और पुनर्वास 13. परिणय फुके - सार्वजनिक निर्माण ( सार्वजनिक उपक्रम छोड़ कर), वन और आदिवासी विकास आवास विभाग पर हमलावर रहे थे विखे पाटिल विखे पाटिल की आवास मंत्री के तौर पर नियुक्ति को फड़वीस के राजनीतिक दांव के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि पूर्व में विपक्ष के नेता के तौर पर पाटिल आवास विभाग से जुड़े मुद्दों के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं. विखे पाटिल और क्षीरसागर दोनों ही फिलहाल न तो राज्य विधानसभा के सदस्य हैं और न ही विधान परिषद के. ये दोनों ही छह महीने के लिए मंत्री पद संभाल सकते हैं. इन छह महीनों के भीतर उन्हें किसी एक सदन के लिए निर्वाचित होना होगा. हालांकि राज्य विधानसभा के चुनाव सितंबर-अक्टूबर में होने वाले हैं, इसलिए ये मंत्री मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल तक अपने-अपने पद पर बने रह सकते हैं. तावड़े को झटका मौजूदा शिक्षा मंत्री भाजपा के विनोद तावड़े को फेरबदल में झटका मिला है. उनसे स्कूल शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण विभाग लेकर ये विभाग उनके संगठनात्मक सहयोगी एवं भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार को सौंपे गए हैं. कैबिनेट से इनकी हुई छुट्टी कैबिनेट ने जिन मंत्रियों की छुट्टी हुई...
सिंधी

निर्विरोध चुने गए पंजवानी अध्यक्ष, ग्वालानी महासचिव

नागपुर : सिंधी समुदाय की सामाजिक संस्था 'पूज्य लकड़गंज सिंधी पंचायत' के वार्षिक आम चुनाव में प्रदीप पंजवानी अध्यक्ष पद पर और महासचिव पद पर महेश ग्वालानी निर्विरोध चुने गए. अन्य पदाधिकारियों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरधर भोजवानी, उपाध्यक्ष पप्पू बजाज, सचिव हरीश बुधवानी, सहसचिव हरीश मोटवानी, कोषाध्यक्ष जगदीश चेलानी, भंडार अधिकारी अशोक बदलानी, कार्यकारी सदस्य नवल थारवानी, श्याम रामरखयानी, प्रताप थारवानी, राजकुमार थारवानी, सुनील जग्यासी, मनोज भोजवानी भी निर्वाचित हुए. ये चुनाव सिंधु भवन वर्धमान नगर में आयोजित किए गए थे. इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने गत टीम के दो वर्षों के बेहतरीन कार्यों की सराहना की. उन्होंने विशवास जताया कि नई टीम भी पंचायत के सदस्यों के हित में बेहतरीन कार्य करेगी. नए अध्यक्ष प्रदीप पंजवानी ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि वह सिंधु भवन के सौंदर्यीकरण करेंगे और सभी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाएंगे. पंचायत के सदस्यों को उन्होंने आश्वस्त किया कि वे उनके लिए 24 घंटे सभी दिन उपलब्ध रहेंगे. पूर्व अध्यक्ष प्रताप मोटवानी, किशनचंद ग्वालानी, जसवंतलाल ग्वालानी और विजय ग्वालानी पुष्पगुच्छ भेंट कर सत्कार निवर्तमान अध्यक्ष भागचंद उत्तमचंदानी, महेश ग्वालानी, पप्पू बजाज, अशोक बदलानी ने किया. कार्यक्रम में नए अध्यक्ष प्रदीप पंजवानी ने पंचायत के सदस्यों के मेरिट में आए बच्चों- चिराग शंकर मोटवानी, भरत राजेश ग्वालानी और गंधर्वराज ग्वालानी को पुरस्कृत किया. अंत में सभी भूतपूर्व अध्यक्षों ने पंजवानी को बुके देकर सम्मानित किया. चुनाव अधिकारी पूर्व अध्यक्ष जसवंतलाल ग्वालानी थे. चुनावी कार्यक्रम सभा का संचालन महेश ग्वालानी ने किया. आभार भागचंद उत्तमचंदानी ने माना.