ई-लर्निंग वेबसाइट का उदघाटन, ई-लायब्रेरी पोर्टल शुरू, प्रशिक्षणार्थियों का परीक्षण अब होगा ऑनलाईन
नागपुर : विद्युत उत्पादन के बेहतर कार्य निष्पादन में युवा अभियंताओं के लिए आवश्यक है कि वे अपने पंच ज्ञानेंद्रियों का समुचित उपयोग कर अच्छा प्रदर्शन करें. आपके लिए सभी यंत्र सामग्री और उनकी कार्यप्रणाली को समझना जरूरी है. नए-नए तकनीक की जानकारी रखना और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण भी जरूरी है. साथ ही वेबसाइट पर प्रत्यक्ष कार्यनिष्पादन करते हुए डिजिटल क्रांति के फायदों और कमियों के मद्देनजर सावधानी बरतना भी आवश्यक है. इन्हें मनःपूर्वक स्वीकार करते हुए पूरे परिश्रम से कार्य करने पर ही बेहतर परिणाम प्राप्त किया जा सकता है. यह बहुमूल्य मार्गदर्शन महाजेनको के संचालक (प्रकल्प) विकास जयदेव ने किया. वे यहां कोराडी प्रशिक्षण केंद्र में ई-लर्निंग वेबसाइट और केंद्र के डिजिटलीकरण कार्य का उदघाटन कर युवा प्रशिक्षणार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे थे.
कार्यक्रम के अध्यक्ष कार्यकारी संचालक (मानव संसाधन) विनोद बोंदरे और प्रमुख अतिथि संचालक (प्रकल्प) विकास जयदेव, विशेष अतिथि कार्यकारी संचालक कैलाश चिरूटकर, राजू बुरडे, सतीश चवरे, मुख्य अभियंता सुनील आसमवार, अभय हरणे, अनंत देवतारे, पंकज सपाटे, राजेश पाटिल व राजकुमार तासकर प्रमुख रूप से मंच पर उपस्थित थे.
अन्य विद्युत केंद्रों के प्रशिक्षण उप केंद्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा गया
आरंभ में कोराडी प्रशिक्षण केंद्र के सर्वांगीण विकास को प्रदर्शित करने वाले वीडियो “ऊर्जा निकेतन” का उदघाटन विकास जयदेव ने किया. कोराडी प्रशिक्षण केंद्र का वर्ष भर में डिजिटलीकरण कर प्रशिक्षणार्थियों की मोबाइल से प्रतिक्रिया लेने, प्रशिक्षणार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा द्वारा उनका परीक्षण करने, ई-लायब्ररी पोर्टल सुविधा, ई-लर्निंग के माध्यम से महाजिनको के अन्य विद्युत केंद्रों के प्रशिक्षण उप केंद्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा गया है. इनकी शुरुआत चंद्रपुर सुपर थर्मल विद्युत केंद्र के प्रशिक्षण उप केंद्र से प्रत्यक्षवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की गई.
कार्य को अंजाम देने वाले कर्मियों का सम्मान
इस डिजिटल क्रांति के लिए कोराडी प्रशिक्षण केंद्र के सहायक अनुदेशक विपिन दुबे ने विशेष परिश्रम किया. इंटर एक्टिव ई-क्लास रूम सुविधा शीग्र शुरू की जा रही है. इस अवसर पर डॉ.अतुल बनसोड लिखित “टर्बाईन गवर्निंग सिस्टम” अनुभव संपन्न पुस्तक का विमोचन अतिथियों ने किया. उल्लेखनीय कार्य के लिए डॉ.अतुल बनसोड, मिलिंद रहाटगांवकर व विपिन दुबे का उन्होंने सम्मान भी किया.
समारोह में सतीश चवरे, कैलाश चिरूटकर और सुनील आसमवार ने प्रशिक्षण से संबंधित अन्य क्षेत्रों में भी प्रशिक्षण की व्यवस्था पर बल दिया. विनोद बोंदरे ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी के कार्यों की प्रशंसा की. इस अवसर पर सुभाष कुटे नामक प्रशिक्षनार्थी ने भी अपना मनोगत व्यक्त किया. श्रीपाद पाठक ने कार्यक्रम का संचालन किया औरआनंद मेश्राम ने उपस्थितों का आभार माना.
कार्यक्रम में महाव्यवस्थापक (वित्त व लेखा) तृप्ति मुधोलकर, अधीक्षक अभियंता तुकाराम हेडाऊ, जगदीश पवार, पांडुरंग अमिलकंठावार, विराज चौधरी, चंद्रदीपक डांगे, सहायक महाव्यवस्थापक (मासं) प्रकाश प्रभावत, सुरक्षा अधिकारी सुधाकर इंगले, कोराडी प्रशिक्षण केंद्र के अधिकारी व कर्मचारीवृंद, के-84 व 85 बैच के प्रशिक्षणार्थी, कोराडी व खापरखेड़ा प्रशिक्षण उप केंद्र के अधिकारी आदि उपस्थितथे. उदय मुठाल के सुमधुर पसायदान से कार्यक्रम संपन्न हुआ.