कोटा विश्वविद्यालय, राजस्थान में ‘सूचना का अधिकार’ विषय पर कार्यशाला
नागपुर : ‘सूचना का अधिकार’ (RTI) के अंतर्गत प्राप्त आवेदन में यदि कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी मांगी गई हो तो RTI कानून की धारा 8 (1) (J) के तहत ऐसी जानकारी प्रदान करने से मना किया जा सकता है. यह जानकारी दादा रामचंद बाखरू सिंधु महाविद्यालय, नागपुर के रजिस्ट्रार एवं जाने-माने सूचना अधिकार प्रशिक्षक नवीन अग्रवाल ने दी. वे कोटा विश्वविद्यालय, राजस्थान द्वारा RTI विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता (Keynote Speaker) उपस्थितों का मार्गदर्शन कर रहे थे.
नवीन अग्रवाल ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के हवाले से बताया कि कर्मचारियों के सेवाकाल में उन्हें दिए गए मेमो, कारण बाताओ नोटिस, चल-अचल संपत्ति, आयकर विवरणपत्र, वित्तीय निवेश, बैंक अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं से लिया गया ऋण, बच्चों की शादी में मिली भेंट जैसी व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करना लोकसूचना अधिकारी के लिए बंधनकारक नहीं हैं. किंतु सूचना प्रदान करने से यदि व्यापक जनहित साध्य होता हो तो लोकसूचना अधिकारी ऐसी व्यक्तिगत जानकारी भी प्रदान करने का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं.
कोटा विश्वविद्यालय के इंटरनल क्वालिटी अशुरेन्स सेल द्वारा आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. एन.के. जयमन, मुख्य अतिथि डॉ. आर.के. चौबीसा, मुख्य वक्ता नवीन अग्रवाल, कुलसचिव डॉ. राजकुमार उपाध्याय एवं डॉ. विक्रांत शर्मा ने सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया.
डॉ. चौबीसा ने सूचना अधिकार के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की. डॉ. जयमन ने विद्यार्थियों के लिए नियमित अभ्यासक्रम में RTI (सूचना का अधिकार) विषय का समावेश करने पर जोर दिया.
इस अवसर पर कोटा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने शॉल-श्रीफल प्रदान कर मुख्य वक्ता नवीन अग्रवाल का सत्कार किया. कार्यक्रम का संचालन एवं प्रास्ताविक कार्यशाला के संयोजक डॉ. विक्रांत शर्मा ने एवं आभार प्रदर्शन डॉ. एच. एस. शक्तावत ने किया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, वरिष्ठ अधिकारी एवं छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे.