भावी अफसरों के लिए पुलिस अकेडमी से पास होना होता है जरूरी
नई दिल्ली : इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस-भारतीय पुलिस सेवा) में चुने जाने के बाद सेवा देने के लिए जरूरी इम्तिहान देने हैदराबाद स्थित सरदार वल्ल्भभाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी पहुंचे 122 ट्रेनी ऑफिसरों (प्रशिक्षु अफसर) में से 119 जरूरी परीक्षा में फेल हो गए. इस पुलिस अकेडमी से ग्रेजुएशन के दौरान इन भावी अफसरों के लिए इस परीक्षा में पास होना जरूरी होता है. अब उन्हें पास होने के लिए तीन मौके और दिए जाएंगे.
फिलहाल इन्हें ग्रेजुएट घोषित कर दिया गया है
हालांकि, फेल होने के बाद भी फिलहाल इन्हें ग्रेजुएट घोषित कर दिया गया है और अलग-अलग काडरों में प्रोबेशनर बना दिया गया है, लेकिन तीन प्रयासों में हर विषय में पास न कर पाने पर उन्हें सेवा से बाहर किया जा सकता है.
फेल होने वाले विषयों में क़ानून की आईपीसी और सीपीसी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2016 में केवल दो आईपीएस अफसर अकेडमी से पास नहीं हो सके थे. इस साल फॉरन पुलिस फोर्स के मिला कर कुल 136 आईपीएस अफसरों में से 133 एक या एक से ज्यादा विषयों में फेल हुए हैं. इनमें इंडियन पीनल कोड (आईपीसी- भारतीय दंड संहिता) और क्रिमिनल प्रसीजर कोड (सीपीसी-दंड प्रक्रिया संहिता) विषय शामिल हैं.
अकेडमी के इतिहास में पहली बार ऐसे परिणाम
आश्चर्य की बात यह है कि फेल होने वाले अफसरों में वे अफसर भी शामिल हैं, जिन्हें अक्टूबर में हुई पासिंग आउट परेड में मेडल और ट्रॉफी मिले थे. उधर, फॉरन पुलिस फोर्स के सभी अफसर फेल हो गए हैं. एक प्रॉबेशनर ने बताया कि अफसर एक बार फिर परीक्षा में बैठेंगे. उन्होंने बताया कि अकेडमी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है. लोग परीक्षा में फेल होते हैं, लेकिन इस तरह से लगभग सभी का फेल होना बड़ी बात है.
एक प्रॉबेशनर ने बताया कि ट्रेनिंग में मिले मार्क्स सीनियॉरिटी में जुड़ते हैं. फेल होने से सीनियॉरिटी कम हो जाती है. अकेडमी के एक अधिकारी ने बताया कि ऑफिसरों के फेल होने के बाद भी उन्हें ग्रेजुएट होने या फील्ड पर पोस्टिंग मिलने से रोका नहीं जा सकता.