शरद यादव की बेटी सुभाषिणी को कांग्रेस प्रत्याशी बनाने में हुई सफल
*सीमा सिन्हा,
पटना : सियासत का असली खेल तो चुनावों के दौरान ही देखने को मिलता है. बिहार तो वैसे भी सियासत के खिलाड़ियों की रंगभूमि रही है. अब जब विधानसभा चुनाव सामने है, यह खेल और भी दिलचस्प तो होगा ही. लालू प्रसाद इस बार मैदान से बाहर हैं, लेकिन सियासी दलों ने उनके बगैर भी चुनाव को दिलचस्प बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उनकी गैरहाजिरी में उनके सुपुत्र तेजस्वी और तेजप्रताप ने भी खूब रंग जमा रखा है. इसमें बेचारी करिश्मा भी मोहरा बन पिट गई तो अचरज किस बात की…! बस उसे राष्ट्रीय जनता दल की टिकट पर दानापुर या परसा से नामांकन ही तो दाखिल करना था. अपना प्रचार तो वह पिछले एक महीने से पूरे उत्साह के साथ दोनों क्षेत्रों में कर ही रही थी. खूब पसीना भी बहा चुकी थी और पैसा भी.
लेकिन तेजस्वी और तेजप्रताप ने दानापुर से पार्टी का टिकट थमा दिया रीत लाल राय को और परसा की उम्मीदवारी सौंप दी छोटे लाल राय को. बेचारी करिश्मा को हाथ मल कर रह जाना पड़ा. खबर है कि परिवार के ही कुछ सदस्यों के विरोध के बावजूद स्वयं लालू प्रसाद के इशारे पर रीतलाल राय को यह सीट सौंपनी पड़ी है. परसा में छोटे लाल राय ने अपनी दावेदारी ऐसी मजबूत कर ली थी कि वहां से भी कर्षमा का पत्ता कट गया.
कभी दानापुर राजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दो बार चुनाव जीता चुका था. लेकिन पिछले चार बार से यहां की विधायकी भाजपा के कब्जे में रही है. इस बार फिर भाजपा से आशा सिन्हा दानापुर की उम्मीदवार हैं.
शत्रु-पुत्र लव सिन्हा को मिल गई कांग्रेस की बांकीपुर की उम्मीदवारी
लेकिन भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व सांसद और दिग्गज सिने अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा का दामन इस बार मनचाहे इनाम से कांग्रेस ने भर दिया है. कांग्रेस के सोनिया-राहुल दरबार ने उनकी गुहार सुन उनके बेटे लव सिन्हा को पटना के बांकीपुर सीट की उम्मीदवारी तय कर दी है.
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए पिछले दिनों में शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस आलाकमान से सीधी बात की थी, इसके बाद लव सिन्हा का नाम टिकट चयन समिति की विशेष बैठक में जोड़ा गया. शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य भी हैं.
भाजपा के गढ़ बांकीपुर में होगा घमासान
बांकीपुर सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है. यहां से भाजपा की ओर से तीन बार के विधायक नितिन नवीन हैं, जबकि अपने आपको मुख्यमंत्री का भावी उम्मीदवार घोषित कर चुकी पुष्पम प्रिया चौधरी भी बांकीपुर को ही अपना रणक्षेत्र बना लिया है. खबर यह भी है कि भाजपा नेत्री और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रह चुकी सुषमा साहू भी बांकीपुर से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुकी हैं. भाजपा के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए कई ऐसे चर्चित चेहरे हैं, जो ताल ठोंक रहे हैं. कुल मिला कर बांकीपुर सीट का चुनावी समर भी काफी दिलचस्प और घमासान होने वाला है.
बेचारी करिश्मा की कहानी..!
अपने चाचा एवं पूर्व मंत्री चंद्रिका राय के परिवार का विरोध करके राजद का दामन थामने वाली करिश्मा राय के पास पार्टी का विकल्प अब खत्म हो गया है. तेज प्रताप यादव की साली करिश्मा राय, पत्नी ऐश्वर्या राय की बहन एवं पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती है. करिश्मा राय को उम्मीदवार बनाने के नाम पर ही तीन महीने पहले उन्हें राजद की सदस्यता दिलाई गई थी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से स्वीकृति मिलने के बाद महीने भर पहले से उन्होंने दानापुर में प्रचार कार्य भी शुरू कर दिया था. किंतु टिकट के खेल में वह पीछे रह गई और डेढ़ माह पहले जमानत पर जेल से निकले रीतलाल राय बाजी मार ले गए. राजद ने पहले एवं दूसरे चरण की अपने हिस्से की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं. करिश्मा की दावेदारी परसा और दानापुर सीटों पर थी. लेकिन उसके लिए गुंजाइश खत्म हो गई है.
कांग्रेस के हाथ लगी शरद यादव की बेटी सुभाषिणी..!
कभी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और मौजूदा वक्त में लोकतांत्रिक जनता दल के सुप्रीमो शरद यादव की अगली पीढ़ी को बिहार के सियायी समर में कांग्रेस उतारने में सफल रही है. शरद यादव की बेटी सुभाषिणी राज राव ने आज बुधवार को ही कांग्रेस ज्वाइन कर लिया. सुभाषिणी को विधानसभा चुनाव में मधेपुरा के बिहारीगंज से उम्मीदवार बनाया गया है. उन्होंने आज ही दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की.
राहुल गांधी की रैलियां 23 से
इससे पहले बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने अपनी सीट अपने बेटे को दे दिया है, जहां पहले चरण में मतदान होना है. दूसरे और तीसरे चरण के उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाने के लिए बुधवार शाम कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है. टिकटों के एलान के बाद राहुल गांधी की रैलियां शुरू होंगी. राहुल गांधी की पहली रैली 23 अक्टूबर को होगी. बिहार में कांग्रेस राजद और वामदलों के साथ गठबंधन में 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.